Prabhat Prakashan, one of the leading publishing houses in India eBooks | Careers | Events | Publish With Us | Dealers | Download Catalogues
Helpline: +91-7827007777

Sanatan Sanskriti Ka Mahaparva Simhastha   

₹250

In stock
  We provide FREE Delivery on orders over ₹1500.00
Delivery Usually delivered in 5-6 days.
Author Siddhartha Shankar Gautam
Features
  • ISBN : 9789351868293
  • Language : Hindi
  • ...more
  • Kindle Store

More Information

  • Siddhartha Shankar Gautam
  • 9789351868293
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 2016
  • 160
  • Hard Cover

Description

आधुनिक कुंभ पर्व का धार्मिक रूप से  प्रचार-प्रसार  आदिगुरु शंकराचार्य ने किया था। उन्होंने पर्व की शुरुआत धार्मिक मान्यताओं को बढ़ावा देने और हिंदुओं को अपनी सनातन संस्कृति की पहचान दिलाने के उद्देश्य से की थी। आज भी कुंभ पर्व मुख्यतः साधु-संत समाज का ही पर्व माना जाता है। वस्तुतः कुंभ पर्व सनातन है। अग्नि पुराण, गरुड़ पुराण, वराह पुराण, कूर्म पुराण, वामन पुराण, मत्स्य पुराण, ब्रह्मवैवर्त पुराण, पद्म पुराण, शिव पुराण, विष्णु पुराण, स्कंद पुराण, लिंग पुराण, हरिवंश पुराण,  श्रीमद्भागवत,  महाभारत, वाल्मीकि रामायण तथा अन्य प्राचीन ग्रंथों, जैसे ऋग्वेद, अथर्ववेद, शतपथ ब्राह्मण में वर्णित आख्यानों से कुंभ पर्व की प्राचीनता का अनुमान लगाया जा सकता है। गौतम बुद्ध ने नदियों के तट पर आयोजित कुंभ पर्व को ‘नदी पर्व’ कहा है।
विष्णु पुराण के अनुसार—‘‘हजारों स्नान कार्तिक में, सैकड़ों स्नान माघ मास में किए हों तथा करोड़ों बार वैशाख में नर्मदा स्नान से जो पुण्य प्राप्त होता है, वही पुण्य एक बार कुंभ पर्व में स्नान करने से प्राप्त होता है।’’
—इसी पुस्तक से

___________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________

अनुक्रम

आत्मकथ्य —Pgs. 5

मंगलाचरण : जो इनकी शरण आया! — डॉ. सोमदत्त गौतम —Pgs. 9

खंड-1

1. मैं उज्जैन हूँ —Pgs. 15

2. मेरी पौराणिक एवं ऐतिहासिक पृष्ठभूमि —Pgs. 20

3. अद्भुत है मेरी धरा —Pgs. 27

4. कलकल बहती मोक्षदायिनी शिप्रा —Pgs. 30

5. प्रमुख मंदिर जिनसे अमर है मेरा वैभव —Pgs. 33

6. न्याय की धरा भी हूँ मैं —Pgs. 37

7. अमृत की एक बूँद ने धन्य किया मुझे —Pgs. 40

8. कुंभ पर्व की पृष्ठभूमि —Pgs. 42

9. सिंहस्थ पर्व का माहात्म्य —Pgs. 47

10. खूनी भी हुए हैं कुंभ —Pgs. 51

11. अखाड़ों व संतों की पहचान —Pgs. 54

12. नागाओं ने देश ही नहीं, हिंदू धर्म को भी बचाया है —Pgs. 65

13. ऐतिहासिक है इस बार का ‘सिंहस्थ’ —Pgs. 70

14. सनातन परंपरा है सिहंस्थ कुंभ-महापर्व — सुशील शर्मा —Pgs. 86

15. उज्जैन सिंहस्थ पर्व कब और क्यों? — मोहन यादव —Pgs. 94

खंड-2

शुभाशंसनम् — स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती —Pgs. 107

1. सनातन धर्म —  श्री श्री रविशंकर —Pgs. 111

2. संस्कारों का बीजारोपण करता है सिंहस्थ महापर्व

देवप्रभाकर शास्त्री ‘दद्दाजी’ —Pgs. 114

3. देश व धर्म की रक्षा है सिंहस्थ का उद्देश्य

ध्यान योगी उत्तम स्वामी —Pgs. 118

4. सनातन संस्कृति के सबसे बड़े पर्व सिंहस्थ से हिंदू जागरण

भय्यूजी महाराज —Pgs. 120

5. सिंहस्थ कुंभ महापर्व हिंदुत्व का महोत्सव

राष्ट्रऋषि लाहिड़ी गुरुजी —Pgs. 128

6. सनातन संस्कृति के सबसे बड़े पर्व सिंहस्थ में हिंदुओं का जीवन-प्रबंधन — पंडित विजयशंकर मेहता —Pgs. 135

7. कुंभ सिंहस्थ महापर्व : परंपरा प्रमाण और गणना —  पं. आनंद शंकर व्यास —Pgs. 141

8. सनातन संस्कृति के महापर्व सिंहस्थ में हिंदू जागरण

प्रभात कुमार सोनी ‘गुरुजी’ —Pgs. 154

The Author

Siddhartha Shankar Gautam

सिद्धार्थ शंकर गौतम
जन्म : 2 फरवरी, 1986, महरौनी, जिला-ललितपुर (उ.प्र.)।
शिक्षा : एम.ए. (जनसंचार)।
संप्रति : लेखक/विचारक ।  देश के विभिन्न समाचार-पत्रों में 1000 से अधिक लेखों का प्रकाशन।
पूर्व प्रकाशित पुस्तकें : ‘वैचारिक द्वंद्व’, ‘लोकतंत्र का प्रधान सेवक’ एवं ‘राष्ट्रभावना का जाग्रत् प्रहरी संघ, सामाजिक चेतना का अग्रदूत: मन की बात, सनातन संस्कृति का महापर्व: सिंहस्थ, श्रद्धेय, स्वराज का शंखनाद: एकल अभियान, संघ: राष्ट्र भावना का जाग्रत प्रहरी, सेवा संघस्य भूषणम् अन्य

दूरभाष : 09424038801

फेसबुक: @vaichaariki

ट्विटर:  @vaichaariki

ईमेल: vaichaariki@gmail.com

Customers who bought this also bought

WRITE YOUR OWN REVIEW