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Sadhvi Ritambhara Aur Shriramjanmabhoomi Andolan    

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Author Devendra Shukla
Features
  • ISBN : 9789355217288
  • Language : Hindi
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More Information

  • Devendra Shukla
  • 9789355217288
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 2023
  • 208
  • Soft Cover
  • 240 Grams

Description

प्रस्तुत पुस्तक एक ऐसी बालिका की कहानी है, जिसका बाल्यकाल अपने आसपास की घटनाओं को देखकर बहुत गहराई तक प्रभावित हुआ। माता-पिता के संस्कार और सामाजिक वर्जनाओं से गुजरते हुए उसकी तरुणाई एक ऐसी राह पर चल पड़ी, जिसके विभिन्न पड़ाव अविस्मरणीय इतिहास के स्वर्णिम पृष्ठ बनते चले गए ।

यह पुस्तक पंजाब के लुधियाना जिले के दोहारा गाँव में रहने वाली बालिका निशा की ऐसी कहानी है, जिसमें उसका घर से अचानक लापता हो जाना, उसके बिछोह में परिवारजनों का अंतहीन मानसिक वेदनाओं से गुजरना, गंगातट हरिद्वार से उसका जीवन-प्रवाह अध्यात्म-धारा की ओर मुड़ जाना, भाई द्वारा आश्रम से पुनः गाँव लाया जाना, उसके फिर आश्रम लौटने की जिद में पारिवारिक ऊहापोह, येन-केन-प्रकारेण उसका पुनः अपने गुरुदेव की शरण में आश्रम पहुँचना, निशा से 'ज्ञानज्योति' और फिर 'साध्वी ऋतंभरा' के रूप में समाज के सामने आना तथा सनातन धर्म- प्रचार में उनके द्वारा स्वयं को झोंक देने जैसे अनेक मार्मिक और भावपूर्ण प्रसंग अत्यंत रोचकता के साथ प्रस्तुत हैं ।

अयोध्या में श्रीरामलला की जन्मभूमि पर बने मंदिर को ध्वस्त करके मुगल आक्रांताओं द्वारा बलात् निर्मित बाबरी ढाँचे से मुक्ति के लिए हिंदू समाज के लगभग पाँच सौ वर्षों तक चले संघर्ष और उसमें तेजस्वी हिंदू प्रवक्ता साध्वी ऋतंभराजी की भूमिका एक क्रांतिकारी अध्याय है। इस पुस्तक में श्रीरामजन्मभूमि आंदोलन और उसमें साध्वी ऋतंभराजी के संघर्षरूपी योगदान को प्रामाणिक घटनाओं के रूप में क्रमबद्ध रूप से प्रस्तुत किया गया है।

The Author

Devendra Shukla

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