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Rashtrabhakt Kavyitri Subhadra Kumari Chauhan   

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Author M.I. Rajasvi
Features
  • ISBN : 9789384344375
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1
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  • Kindle Store

More Information

  • M.I. Rajasvi
  • 9789384344375
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1
  • 2020
  • 152
  • Hard Cover

Description

"खूब लड़ी मरदानी वो तो झाँसीवाली रानी थी...’ इन पंक्तियों का उद्घोष होते ही इनकी लेखिका सुभद्रा कुमारी चौहान का नाम मन में कौंध जाता है। वीररस से ओत-प्रोत कवयित्री सुभद्रा कुमारी चौहान का जन्म 16 अगस्त, 1904 को इलाहाबाद के निहालपुर गाँव में हुआ। वे बचपन से कविता लिखने लगी थीं। उनकी कविताओं ने उन्हें पूरे स्कूल में लोकप्रिय बना दिया था।
महादेवी वर्मा उनकी बचपन की सहेली थीं। दोनों का साथ लंबे समय तक बना रहा। सुभद्रा की पढ़ाई हालाँकि नौवीं कक्षा के बाद ही छूट गई, लेकिन उनके साहित्य की गहराई से यह अभाव जरा भी नहीं खटकता। वे कांग्रेस की कार्यकर्ता रहीं और बापू की लाडली रहीं। जबलपुर में वर्ष 1922 का ‘झंडा सत्याग्रह’ देश का ऐसा पहला सत्याग्रह था, जिसमें सुभद्रा पहली महिला सत्याग्रही थीं।
सुभद्रा बचपन से दबंग, विद्रोही और वीरांगना थीं। उनकी रचनाओं में उनकी स्वाभाविक अभिव्यक्ति देखी जा सकती है। उन्होंने लगभग 88 कविताओं और 46 कहानियों की रचना की, जिसमें अशिक्षा, अंधविश्वास, जातिप्रथा आदि रूढि़यों पर प्रहार किया गया है। ‘झाँसी की रानी’ उनकी सदाबहार रचना है, जो आज भी स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल है और जल्दी ही बच्चे उससे स्वयं को जोड़ लेते हैं। ‘बिखरे मोती’, ‘उन्मादिनी’ और ‘सीधे-सादे चित्र’ उनके तीन लोकप्रिय कहानी-संग्रह हैं।
44 वर्ष की अल्पायु में 15 फरवरी, 1948 को कार द्वारा नागपुर से जबलपुर लौटते समय एक सड़क दुर्घटना में उनका निधन हो गया।

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अनुक्रम

दो शब्द — Pgs. 5

1. पारिवारिक जीवन — Pgs. 9

2. चंचल एवं सहृदया सुभद्रा — Pgs. 13

3. काव्याकाश में पहली उड़ान — Pgs. 22

4. वैवाहिक जीवन — Pgs. 30

5. स्वतंत्रता की उपासक — Pgs. 43

6. जनजागरण के पथ पर — Pgs. 58

7. गांधीजी से भेंट — Pgs. 68

8. महिला जेल में — Pgs. 76

9. आर्थिक संकट में धैर्य — Pgs. 81

10. करारा जवाब — Pgs. 89

11. एक और कर्तव्य — Pgs. 94

12. स्वतंत्रता की वेला — Pgs. 104

13. एक मानसिक आघात — Pgs. 112

14. समकालीन मार्गदर्शक — Pgs. 116

15. सुभद्रा कुमारी की काव्यधारा — Pgs. 136

16. अंतिम यात्रा — Pgs. 146

The Author

M.I. Rajasvi

जन्म : 2 जून, 1967 को ग्राम लाँक, जिला शामली, उत्तर प्रदेश में।शिक्षा : स्नातक (उस्मानिया विश्‍वविद्यालय, हैदराबाद)।
कृतित्व : ‘हरियाणा हैरिटेज’ में संपादन कार्य किया। दिल्ली के कई प्रतिष्‍ठित प्रकाशन संस्थानों के लिए वैतनिक एवं स्वतंत्र रूप से संपादन-लेखन कार्य; विभिन्न प्रकाशन संस्थानों से अब तक लगभग 65 पुस्तकें प्रकाशित। देश की सामाजिक समस्याओं पर 10 कहानियाँ एवं विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में राजनीतिक-सामाजिक विषयों पर अनेक लेख प्रकाशित।

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