Prabhat Prakashan, one of the leading publishing houses in India eBooks | Careers | Events | Publish With Us | Dealers | Download Catalogues
Helpline: +91-7827007777

Ramdarash Mishra Ki Lokpriya Kahaniyan   

₹250

Out of Stock
  We provide FREE Delivery on orders over ₹1500.00
Delivery Usually delivered in 5-6 days.
Author Ramdarash Mishra
Features
  • ISBN : 9789351862703
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more
  • Kindle Store

More Information

  • Ramdarash Mishra
  • 9789351862703
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2016
  • 184
  • Hard Cover

Description

रामदरश मिश्र के कथा साहित्य के केंद्र में मनुष्य है, उसकी पीड़ा दुःख कथा है। मनुष्य की चिंता लगभग सभी कहानियों में देखी जा सकती है। यह मनुष्य गाँव का, नगर का अथवा महानगर का है। लेखक ने गाँव भी देखा है, नगर तथा महानगर भी। उसके जीवन के अनुभव व्यापक हैं। मनुष्य तथा उसके साथ जुड़े हुए सुख-दुःख लेखक को भीतर तक विचलित करते हैं। वह व्यक्ति की पीड़ा सिर्फ भावनात्मक स्तर पर ही अनुभव नहीं करता, बल्कि पीड़ा कैसे दूर की जा सकती है, इस पर भी विचार करता है। यही मानवीय चेतना श्री मिश्र को मनुष्य के साथ गहराई से जोड़ती है। वे समयगत सच्चाई से जूझते हैं। इसी कारण समय, परिवेश और उसका यथार्थ प्रामाणिकता तथा ईमानदारी के साथ उनकी कहानियों में उभरता है।
—डॉ. गुरचरण सिंह

____________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________

अनुक्रम

भूमिका — Pgs. 5

1. माँ, सन्नाटा और बजता हुआ रेडियो — Pgs. 9

2. लाल हथेलियाँ — Pgs. 19

3. खाली घर — Pgs. 28

4. एक औरत : एक जिंदगी — Pgs. 36

5. एक इंटरव्यू उर्फ कहानी तीन शुतुरमुर्गों की — Pgs. 45

6. सड़क — Pgs. 52

7. सर्पदंश — Pgs. 58

8. भविष्य — Pgs. 62

9. शेष यात्रा — Pgs. 72

10. रहमत मियाँ — Pgs. 85

11. दिन के साथ — Pgs. 95

12. अकेला मकान — Pgs. 108

13. वसंत का एक दिन — Pgs. 135

14. लड़की — Pgs. 152

15. विदूषक — Pgs. 156

16. कवि कुलिश — Pgs. 168

17. सरकारी मकान — Pgs. 179

The Author

Ramdarash Mishra

जन्म : 15 अगस्त, 1924 को गोरखपुर जिले के डुमरी गाँव में।
रचना-संसार :  ‘पानी के प्राचीर’, ‘जल टूटता हुआ’, ‘सूखता हुआ तालाब’, ‘अपने लोग’, ‘रात का सफर’, ‘आकाश की छत’, ‘आदिम राग’, ‘बिना दरवाजे का मकान’, ‘दूसरा घर’, ‘थकी हुई सुबह’, ‘बीस बरस’, ‘परिवार’, ‘बचपन भास्कर का’ (उपन्यास); ‘खाली घर’, ‘एक वह’, ‘दिनचर्या’, ‘सर्पदंश’, ‘बसंत का एक दिन’, ‘इकसठ कहानियाँ’, ‘मेरी प्रिय कहानियाँ’, ‘अपने लिए’, ‘चर्चित कहानियाँ’, ‘श्रेष्ठ आंचलिक कहानियाँ’, ‘आज का दिन भी’, ‘एक कहानी लगातार’, ‘फिर कब आएँगे?’, ‘अकेला मकान’, ‘विदूषक’, ‘दिन के साथ’, ‘मेरी कथा-यात्रा’ (कहानी-संग्रह) के अलावा बीस काव्य-संग्रह, पाँच ललित निबंध, दो आत्मकथा, दो यात्रा-वृत्तांत, तीन डायरी के अलावा 11 पुस्तकें समीक्षा की; 14 खंडों में रचनावली प्रकाशित।
सम्मान-पुरस्कार : दयावती मोदी कवि शेखर सम्मान, शलाका सम्मान, भारत भारती सम्मान, व्यास सम्मान, महापंडित राहुल सांकृत्यायन सम्मान, उदयराज सिंह स्मृति सम्मान, साहित्य भूषण सम्मान, रामविलास शर्मा सम्मान,  राष्ट्रीय साहित्य पुरस्कार (इंदौर)।

Customers who bought this also bought

WRITE YOUR OWN REVIEW