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Rajendra Mathur   

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Author Shiv Anurag Patairya
Features
  • ISBN : 9788173157578
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more

More Information

  • Shiv Anurag Patairya
  • 9788173157578
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2016
  • 143
  • Hard Cover

Description

राजेंद्र माथुर हिंदी पत्रकारिता के उस संधिकाल में संपादक के रूप में सामने आए थे, जब हिंदी अखबार अपने पुरखों के पुण्य के संचित कोष को बढ़ा नहीं पा रहे थे । यह जमापूँजी इतनी नहीं थी कि हिंदी की पत्र-पत्रिकाएँ व्यावसायिकता की वहुनी चुनौती को स्वीकार करते हुए इसे चत्रार के दबाव से बचा सकें । राजेंद्र माथुर रच्च कोटि के पत्रकार थे । उनके पास वह बौद्धिक प्रतिभा थी, जो पत्रकार को अपने व्यवसाय के शिखर पर ले जाती है । उनमें वह उच्च नैतिकता थी, जो लेखनी के धनी एक पत्रकार को आदर्शों के प्रति निष्‍ठावान बनाती है । राजेंद्र माथुर में बौद्धिकता और सच्चरित्रता का असाधारण संगम था, डमीलिए वे हिंदी पत्रकारिता में शिखर पर स्थान बना सके । वे असाधारण शैलीकार थे । अंग्रेजी साहित्य से प्रभावित उनकी हिंदी लेखन-शैली बिंब-प्रधान थी । उनके मुहावरे अपने होते थे । उनमें अभिव्यंजना की अद‍्भुत शक्‍त‌ि थी । हिंदी पत्रकारिता के इनिहास में वे शैलीकार के रूप में याद किए जाएँगे । प्रस्तुत पुस्तक में श्री शिवअनुराग पटैरया ने श्री राजेंद्र माथुर के व्यक्‍त‌ित्व और कुत‌ित्व का विवेचन किया है ।

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अनुक्रम

इतिहास संरक्षण का विनम्र प्रयास — Pgs. 5

1. जीवन गाथा — Pgs. 13

2. प्रभावी व्यक्तित्व, प्राध्यापक मन — Pgs. 23

3. शब्द, शैली और भाषा — Pgs. 64

4. पत्रकारीय अपेक्षाएँ — Pgs. 69

5. थम गया सफर — Pgs. 79

6. रज्जू बाबू : वे सत्ताईस वर्ष — Pgs. 81

7. उन्होंने अपने स्वप्नों का समझौता नहीं किया — Pgs. 84

8. बुझना एक प्रकाश-स्तंभ का — Pgs. 87

9. राजेंद्र्र माथुर का साथ — Pgs. 92

10. चुनिंदा आलेख

मध्य प्रदेश नौ वर्ष से निष्प्राण — Pgs. 95

मुद्दे — Pgs. 103

अखबारवालों की आचार-संहिता का सवाल — Pgs. 114

हिंदी लेखन और अखबार — Pgs. 127

द्य हिंदी पत्रकारिता की विकास-बाधा — Pgs. 133

 

The Author

Shiv Anurag Patairya

छतरपुर में आंचलिक पत्रकारिता से प्रारंभ कर अपने अध्यवसाय से प्रदेश की पत्रकारिता में मुकाम बनानेवाले शिव अनुराग पटैरया इतिहास में स्नातकोत्तर उपाधिधारी हैं । मध्य प्रदेश की पत्रकारिता, व्यवस्था के खिलाफ बंदूक, बिन पानी सब सून, उनकी चर्चित पुस्तकें हैं । राजेंद्र माथुर फैलोशिप और मेदिनी पुरस्कार से सम्मानित पटैरया संप्रति ' लोकमत समाचार ' के मध्य प्रदेश ब्यूरो प्रमुख हैं ।

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