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Maharas (Hindi Novel)   

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Author Usha Yadav
Features
  • ISBN : 9789392573415
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more

More Information

  • Usha Yadav
  • 9789392573415
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2023
  • 408
  • Soft Cover
  • 450 Grams

Description

"रासलीला है क्या? यह एकाग्र भाव लेकर श्रीराधा-माधव की भावभूमि पर पहुँचने का माध्यम है।

यह एक ऐसी नाव है, जिसपर सवार होकर व्यक्ति भवसागर को पार कर सकता है।

श्रीराधा-माधव से जुडऩे का, उनका सान्निध्य पाने का, उनकी सेवा में पहुँचने का और उनके रंग में रँग जाने का इससे सीधा-सरल रास्ता और कौन सा हो सकता है?

सच तो यह है कि हर व्यक्ति अपने-अपने चश्मे से रास को देखता है। लाल रंग के शीशे से यह लाल और हरे रंग के शीशे से हरा दिखाई देगा। यानी मानना पड़ेगा कि रास को देखने की दो दृष्टियाँ हैं—स्थूल तथा सूक्ष्म। स्थूल दृष्टि से व्यक्ति को रासधारियों की वेशभूषा, अभिनय, संगीत, नृत्य और रासमंच की साज-सज्जा दिखाई देगी। सूक्ष्म या आध्यात्मिक दृष्टि के चलते यह लीलानुकरण व्यक्ति को आध्यात्मिक जगत से जोड़ता है। उस समय स्वरूप उसके लिए स्वरूप नहीं रह जाते, साक्षात श्रीस्वामिनीजी और श्रीठाकुरजी बन जाते हैं। राधा-माधव की रासमंच पर अभिनीत होती लीला में स्वयं को तन्मय कर देना हर किसी के वश की बात नहीं। भावुक भक्त तो ऐसे स्थलों पर समाधिस्थ होते हुए देखे गए हैं, अश्रुपात करते पाए गए हैं और भाव-विह्वल अवस्था में पहुँचे दृष्टिगत हुए हैं। बस इसी उच्च-उदात्त मनोभूमि पर पहुँचकर रास का वास्तविक आनंद लिया जा सकता है।"

The Author

Usha Yadav

जन्म : कानपुर (उ.प्र.) में।
शिक्षा : एम.ए. (इतिहास, हिंदी), पी-एच.डी., डी.लिट्.।
प्रकाशन : ‘टुकडे़-टुकडे़ सुख’, ‘सपनों का इंद्रधनुष’, ‘जाने कितने कैक्टस’, ‘चाँदी की हँसली’, ‘सुनो जयंती’, ‘उषा यादव : संकलित कहानियाँ’ (कहानी संग्रह); ‘प्रकाश की ओर’, ‘एक और अहल्या’, ‘धूप का टुकड़ा’, ‘आँखों का आकाश’, ‘कितने नीलकंठ’, ‘कथांतर’, ‘अमावस की रात’, ‘काहे री नलिनी’, ‘नन्ही लाल चुन्नी’, ‘महालया’, ‘दीप अकेला’ (उपन्यास); ‘सागर-मंथन’ (नाटक); ‘वासंती मन’ (काव्य); ‘हिंदी की श्रेष्‍ठ बाल कहानियाँ’, ‘यहाँ सुमन बिखेर दो’, ‘बाल विमर्श और हिंदी बाल साहित्य’ (संपादन)।
कविता, कहानी, उपन्यास, नाटक, जीवनी, इतिहास आदि विविध विधाओं में बाल साहित्य की लगभग तीन दर्जन पुस्तकें प्रकाशित।
सम्मान : उ.प्र. हिंदी संस्थान, लखनऊ का ‘बाल-साहित्य भारती सम्मान’, 2003 में विश्‍वविद्यालय स्तरीय सम्मान, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, द्वारा ‘भारतेंदु हरिश्‍चंद्र पुरस्कार’ (प्रथम), म.प्र. साहित्य अकादमी का अ.भा. वीरसिंह पुरस्कार, विभिन्न विश्‍वविद्यालयों में कृतित्व पर पाँच शोधकार्य संपन्न।

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