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Raja Harishchandra Ki Kathayen   

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Author Chandrashekhar Singh
Features
  • ISBN : 9789384344931
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more
  • Kindle Store

More Information

  • Chandrashekhar Singh
  • 9789384344931
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2020
  • 96
  • Hard Cover

Description

प्रस्तुत पुस्तक में सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र की कुछ ऐसी ही कहानियों को संगृहीत किया गया है, जिनके द्वारा धर्म, सत्यता, संस्कार और प्रेम का ज्ञान प्रकट होता है। सरल भाषा एवं सुंदर चित्रों के साथ पुस्तक को आकर्षक एवं उपयोगी बनाने का प्रयास किया गया है। हमें आशा ही नहीं, पूर्ण विश्वास है कि राजा हरिश्चंद्र के जीवन की प्रेरित ये कहानियाँ बाल पाठकों में अवश्य ही धर्म, संस्कृति एवं सत्यता का संचार करने में सहायक होंगी।  

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विषय सूची

कौन थे राजा हरिश्चंद्र  —Pgs.  9

ऐतरेय ब्राह्मण और हरिश्चंद्र —Pgs.12

ईश्वर का अस्तित्व  —Pgs. 16

किसान का खजाना  —Pgs. 21

सोने की खेती  —Pgs.24

धर्मात्मा कौन?  —Pgs.27

राजा हरिश्चंद्र और व्यापारी —Pgs.30

राजा हरिश्चंद्र की दयालुता —Pgs.32

शीश का मूल्य  —Pgs.33

न्याय का तरीका   —Pgs. 36

अहिंसा का पाठ  —Pgs. 38

जहाँ धर्म वहाँ विजय  —Pgs. 40

अचूक शत्र  —Pgs.42

स्वप्न का रहस्य  —Pgs. 44

सर्वश्रेष्ठ शासक का पुरस्कार —Pgs.46

धन और बुद्धिमानी  —Pgs. 48

प्रकृति का चक्र  —Pgs. 50

सच्चा नरेश  —Pgs.52

सत्य ज़्भी न छोड़िए   —Pgs. 54

सभी शासक हैं  —Pgs.56

साधु का जीवन  —Pgs.58

दूसरों के लिए  —Pgs.60

भौतिकवाद का मार्ग  —Pgs. 62

राजा हरिश्चंद्र की दुविधा —Pgs.63

स्वर्ग के दर्शन  —Pgs.65

राजा हरिश्चंद्र और तीन प्रश्न —Pgs.67

राजा का कर्त्तव्य  —Pgs. 69

राजा हरिश्चंद्र और विश्वामत्र —Pgs.71

राजा हरिश्चंद्र और मायावी तपस्वनी —Pgs.73

विश्वामत्र द्वारा परीक्षा  —Pgs. 76

विश्वामत्र का मायाजाल —Pgs.79

राजा हरिश्चंद्र की चिंता —Pgs.82

काशी में प्रवेश  —Pgs.85

विश्वामत्र की दक्षिणा  —Pgs. 87

पत्नी और पुत्र का सौदा —Pgs.89

हरिश्चंद्र बने चांडाल के दास —Pgs.92

रोहिताश्व की मृत्यु  —Pgs. 95

The Author

Chandrashekhar Singh

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