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Meghalay Ki Lokkathayen   

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Author Madhavendra/Smt. Shruti
Features
  • ISBN : 9789355210517
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more

More Information

  • Madhavendra/Smt. Shruti
  • 9789355210517
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2021
  • 152
  • Soft Cover
  • 250 Grams

Description

‘लोक-साहित्य’  कथा-साहित्य  की प्राचीनतम अवस्था है। जीवन की अनुभूतियाँ सांगीतिकता से उपराम होती हुई मौखिक अवस्था ग्रहण करती हैं। कहने-सुनने की परंपरा जब विकसित हुई तो वह संवाद के भाषाई कौशल के रूप में ही रही होगी। लोक की कथा को जंगल, पत्थर, पहाड़, झरने, नदियाँ, वृक्ष, लता-गुल्म, पशु-पक्षी रचते हैं। राजा-रानी ने तो बहुत बाद में पदार्पण किया। ‘पंचतंत्र’ में पूरी प्रकृति कथा में ढलती है और मानवीय चेहरा जीवन के विविध रूपों को धारण करता है। इसकी शुरुआत भले ही बहुत मामूली ढंग से हुई हो, परंतु हर युग, काल, परिवेश इस लोक-कला में कुछ-न-कुछ निरंतर जोड़ता, घटाता, परिवर्तित, परिवर्धित करता चलता है। परिणामस्वरूप कथा अपने परिवेश के अनुसार रूप धारण करती हुई निरंतर अपने समय की अभिव्यक्ति पूरी प्रामाणिकता एवं संवेदनशीलता के साथ करती चलती है। जैसे नदी की धार महीन बालुका कणों के तटबंधों में बँधकर अपनी गति का निर्धारण करती है, ठीक उसी तरह लोक में बँधकर ही मानव की सांस्कृतिक चिंता अपना विकास करती है। 
मेघालय की खासियों की समृद्ध मौखिक साहित्यिक परंपरा यहाँ के पारंपरिक काव्य रूप ‘कि फवार’, उनकी लोककथाओं, पौराणिक आख्यानों, दंत-कथाओं, नीति-कथाओं, लोकोक्तियों आदि के माध्यम से प्रकट हुई है। 
इस संकलन की लोककथाएँ मेघालय की समृद्ध लोक-संस्कृति, लोककला, लोकजीवन की झलक प्रस्तुत करती हैं।

 

The Author

Madhavendra/Smt. Shruti

माधवेंद्र
जन्मस्थान : वाराणसी।
शिक्षा : एम.ए., पी-एच.डी.।
प्रकाशन : सौंदर्यबोध और हिंदी नवगीत, पूर्वोत्तर की सांस्कृतिक पहचान, चुकते नहीं हैं शब्द, काव्यबिंब और हिंदी नवगीत, खुब्लेइ शिबुन चीड़वन, तट पर प्रतीक्षा (अनुवाद), भारत में सामाजिक परिवर्तन (अनुवाद), विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में शोध-आलेखों आदि का प्रकाशन।
संप्रति : हिंदी विभाग ,पूर्वोत्तर पर्वतीय विश्वविद्यालय, शिलांग- 793022 (मेघालय)।
मो. : 9436163149
इ-मेल : mppandey@nehu.ac.in, 
mppnehu@yahoo.co.in

श्रुति
जन्मस्थान : वाराणसी।
शिक्षा : एम.ए., एम.फिल., पी-एच.डी.।
प्रकाशन : निबंधकार पं. विद्यानिवास मिश्र, पूर्वोत्तर की सांस्कृतिक पहचान, तट पर प्रतीक्षा (अनुवाद), खासी साहित्य का इतिहास, विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में शोध-आलेखों आदि का प्रकाशन।
संप्रति : अध्यक्ष, हिंदी विभाग, शिलांग कॉलेज, शिलांग-793003 (मेघालय)।
इ-मेल : spshillong@yahoo.co.in

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