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Panch Nayikayen   

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Author Tara Pande
Features
  • ISBN : 8188266620
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more

More Information

  • Tara Pande
  • 8188266620
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2010
  • 92
  • Hard Cover

Description

महादेवी वर्मा एवं कविवर सुमित्रानंदन पंत की समकालीन साहित्यकार श्रीमती तारा पांडे ने चौदह वर्ष की आयु से ही अपनी प्रेरणा के बल पर अनेक काव्य-संग्रह, गीत-संग्रह, महाकाव्य एवं लघुकथा-संग्रह विद्यादेवी के श्रीचरणों में अर्पित किए। इनकी कविताओं में हिमालयी पवन की पावनता एवं झलमलाते झरनों की धवलता दृष्‍टिगोचर होती है।
प्रस्तुत काव्य-संग्रह ‘पाँच नायिकाएँ’ में भारतीय समाज की श्रेष्‍ठ पाँच पौराणिक नायिकाओं—सीता, सती, शकुंतला, पांचाली एवं यशोधरा—के जीवन एवं कृतित्व को पद्य रूप में प्रस्तुत किया गया है। इन कविताओं की अनुभूति की सत्यता और अभिव्यक्‍ति की प्रवाहशीलता को अनेक विद्वानों ने लक्षित किया है तथा उनके प्रकृति-प्रेम को हृदय से सराहा है।
इन कविताओं में कवयित्री ने इन पाँच महाविभूतियों के चरित्रों को लेकर मौलिक चिंतन प्रस्तुत किया है। ‘पाँच नायिकाएँ’ काव्य-ग्रंथ की कविताएँ काव्यात्मक होने के साथ-साथ विचारोत्तेजक एवं मन को झकझोर देनेवाली हैं।

The Author

Tara Pande

हिंदी साहित्य जगत् की लब्ध-प्रतिष्‍ठित कवयित्री श्रीमती तारा पांडे एक उत्कृष्‍ट काव्य-सर्जक थीं। दिल्ली में जनमीं, उत्तरांचल में पली-बढ़ीं, महादेवी वर्मा तथा सुमित्रानंदन पंतजी की समकालीन लेखिका ने चौदह वर्ष की आयु से ही अपनी प्रेरणा के बल पर अनेक काव्य-संग्रह, गीत-संग्रह, गद्य-काव्य एवं लघु कथा-संग्रह वाग्देवी के चरणों में समर्पित किए। साठ वर्षों के साहित्यिक समर्पण के लिए उन्हें अनेक पुरस्कारों से सम्मानित किया गया, जिनमें प्रमुख हैं—‘सेकसरिया पुरस्कार’ (1935); उ.प्र. हिंदी संस्थान का ‘साहित्य भूषण सम्मान’ (1998) तथा केंद्रीय हिंदी संस्थान का ‘सुब्रह्मण्यम भारती पुरस्कार’।
विभिन्न समाज-सेवी तथा महिला कल्याण समितियों को इनका सक्रिय सहयोग मिला। एक आदर्श गृहिणी के साथ-साथ साहित्य-सेवा में गहन रुचि रखते हुए भी इन्होंने कभी नाम की चिंता नहीं की थी।
प्रमुख कृतियाँ : ‘सीकर’, ‘शुक-पिक’, ‘आभा’, ‘गोधूलि’, ‘वेणुकी’, ‘अंतरंगिणी’, ‘विपंची’, ‘काकली’, ‘बल्लकी’, ‘पावस’, ‘साँझ’, ‘रंजना’, ‘संबोधिनी’, ‘भावगंधा’, ‘पँखुडि़याँ’, ‘अनल कली’, ‘हिम-पंकज’, ‘पारिजात’, ‘सुघोष’, ‘मणि पुष्पक’, ‘पुष्पहास’, ‘स्मृति सुगंध’ तथा ‘छिन्न तूलिका’ (कविता-संग्रह); ‘रेखाएँ’ एवं ‘गीतों के पंख’ (गद्य काव्य); ‘उत्सर्ग’ (कहानी-संग्रह)।

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