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Pakistan: Jinnah Se Jehad Tak   

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Author S.K. Dutta
Features
  • ISBN : 9789386231864
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more

More Information

  • S.K. Dutta
  • 9789386231864
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2016
  • 320
  • Hard Cover

Description

जिन्ना ने कभी भी ' जेहाद ' शब्द का इस्तेमाल नहीं किया- उनके अनुयायियों ने किया- परंतु उन्होंने ऐसी राजनीति को बढ़ावा दिया, जिसे प्रचलित परिदृ‍श्‍य में ' जेहाद ' का नाम दिया जा सकता है । अगस्त 1946 के उनके सीधी काररवाई कार्यक्रम ने उनके अंदर स्थित ' जेहादी ' को उभारा । कई रूपों में जिन्ना भारतीय उपमहाद्वीप के सबसे प्रमुख ' जेहादी ' थे । उनकी द्विरा‍ष्‍ट्र संबंधी राजनीति की अवधारणा ने उन्हें अकेले दम पर मुसलिम राष्‍ट्र पाकिस्तान का निर्माण करने में मदद दी । इस प्रक्रिया में उन्होंने उससे अधिक मुसलमान भारत में छोड़ दिए जितने पाकिस्तान में हूँ । नए राष्‍ट्र ने अपने निर्माता के व्यक्‍त‌ित्‍व की विशेषता- भारतीयों के लिए अविश्‍वास- को ग्रहण किया, जो धीरे- धीरे भारत के, लिए घृणा में बदलती गई।
जिन्ना के बाद पाकिस्तान ने उनकी विरासत को आगे बढ़ाया । जुल्फिकार अली भुट‍्टो ने भारत के साथ हजार वर्षों तक युद्ध करने की इच्छा जाहिर की तो जिया-उल-हक ने राजीव गांधी से कहा कि उनके देश के पास भी परमाणु बम है। अब स्वनिर्वाच‌ित कमांडो राष्‍ट्रपति परवेज मुशर्रफ कश्मीर के घिसे हुए रिकॉर्ड को दुहरा रहे हैं और भारत को बम से डरा रहे हैं। मुशर्रफ धीरे-धीरे, लेकिन दृढ़ता से उसमें योगदान कर रहे हैँ, जो पाकिस्तान के निर्माण के बाद सबसे बड़ा खतरा रहा है—यानी सभ्यताओं का टकराव।
अपने विषय का गहन अध्ययन करके लिखी गई यह शोधपरक पुस्तक ‘पाकिस्तान: जिन्‍ना से जेहाद तक’ समकालीन स्थितियों का विश्‍लेषण करती है और भावी रणनीतिक परिदृश्य पर बड़ी सूक्ष्मता से दृष्‍ट‌ि-निक्षेप करते हुए अनेक अव्यक्‍त-अनजाने पहलुओं, घटनाओं और रहस्यों को उजागर करती है।

The Author

S.K. Dutta

सेवानिवृत्त आई.- पी.एस. अधिकारी श्री एस.के. दत्ता केंद्रीय जाँच ब्यूरो के पूर्व निदेशक हैं, जहाँ उन्होंने चौदह वर्षो से अधिक समय तक अपनी सेवाएँ दीं । सी.बी. आई. से उनकी लंबी संबद्धता ने उन्हें जटिल मामलों, जैसे-राजीव गांधी हत्याकांड, सुरक्षा घोटालों, बैंक घोटालों और आतंकवादी मामलों की छान-बीन का विस्तृत अनुभव दिया । उन्होंने अंतरराष्‍ट्रीय आतंकवाद, भूमिगत बैंकिंग (हवाला), नशीले पदार्थो के व्यापार और संगठित अपराध पर विभिन्न अंतरराष्‍ट्रीय मैचों पर शोधपत्र प्रस्तुत किए हैं । वे नशीले पदार्थो के व्यापार पर संयुक्‍त राष्‍ट्र ऑब्जर्वर ग्रुप के सदस्य थे, जिसके लिए वे ऑस्ट्रेलिया, थाईलैंड, हांगकांग तथा सिंगापुर गए । सेवानिवृत्ति के पश्‍चात् वह पाकिस्तान, अफगानिस्तान और भारत की सुरक्षा चिंताओं पर गहन अध्ययन में व्यस्त रहे हैं। वर्तमान पुस्‍तक पाकिस्तान पर उनके तीन वर्षीय शोध का परिणाम है । वह समाचार-पत्रों में समय- समय पर लेख आदि लिखते रहे हैं ।

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