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Murti-Bhanjan   

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Author Kshama Kaul
Features
  • ISBN : 9789355211361
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more

More Information

  • Kshama Kaul
  • 9789355211361
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2021
  • 368
  • Soft Cover
  • 150 Grams

Description

अपने इस नवीनतम उपन्यास की अंतिम रूप से संशोधित पांडुलिपि को मुझे क्षमा कौल ने कई किश्तों में सुनाया।
एक महत्त्वपूर्ण मूर्तिशिल्पी स्त्री के जीवन-संघर्षों, सृजन की प्रक्रियाओं, उसके सपनों, उपलब्धियों, उसकी निश्छलताओं तथा उसके प्रेम, शोषण, जीवन दर्शन, बीहड़ यात्राओं, हताशाओं, टूटन एवं उसके हृदयविदारक अंत और निष्कर्ष पर यह एक विलक्षण उपन्यास बन पड़ा है।
कश्मीर की इस मूर्तिशिल्पी के जीवन में कैसे जिहादी आतंक भयंकर उथल-पुथल मचाता है और चित्त में प्रवेश कर बिना गोली इत्यादि के नष्ट कर डालता है। 
व्यक्ति, समाज और परिवेश के गहन मनोविज्ञान की पृष्ठभूमि में सभी चरित्र इतने जटिल हैं कि उनकी जटिलताओं की तमाम तहें और उनकी आनुषंगिक कथाएँ व अंतर्कथाएँ उपन्यासकार ने कैसे एक कुशल सूत्रधार की तरह समायोजित की हैं कि मैं आश्चर्यचकित रह गया।
अंत तक आते-आते मार्मिकता से इतना विह्वल हुआ कि बिलख-बिलख उठा।
मुझे विश्वास है कि ‘मूर्ति-भंजन’ अपने संपूर्ण ताने-बाने में कश्मीर की अंतरंग कथा कहता हुआ और जिनोसाइड के अछूते आयामों पर प्रकाश डालता हुआ विशेष कृति के रूप में प्रतिष्ठा पाएगा और एक अनूठा उपन्यास सिद्ध होगा।
—अग्निशेखर 
जम्म

 

The Author

Kshama Kaul

क्षमा कौल
जन्म : 17 जुलाई, 1956 श्रीनगर, कश्मीर।
कश्मीर विश्व- विद्यालय से धूमिल पर एम-फिल के बाद पटना विश्वविद्यालय से हिंदी की युवा-कविता पर पी-एच.डी.। 
‘समय के बाद’ (डायरी, 1997-केंद्रीय हिंदी निदेशालय का राष्ट्रपति के हाथों सम्मान); ‘बादलों में आग’ (कविता-संग्रह, 2000); कश्मीर पर बहुचर्चित व लोकप्रिय उपन्यास; ‘दर्दपुर’ (भारतीय ज्ञानपीठ से प्रकाशित, 2004); इस उपन्यास का मराठी, गुजराती, कन्नड़, असमिया सहित अन्य कई भारतीय प्रमुख भाषाओं में अनुवाद); ‘आतंकवाद और भारत’ शोधपीठ, भोपाल से प्रकाशित (2012); ‘निक्की तवी पर रिहर्सल’ (उपन्यास, 2014); 'No Earth Under Our Feet' (हिंदी कविताओं का अंग्रेजी अनुवाद) और ‘19 जनवरी के बाद’ (कहानी-संग्रह) सहित कई चर्चित पुस्तकें प्रकाशित। हिंदी की प्रमुख पत्र-पत्रिकाओं में कविता, कहानियाँ, समीक्षाएँ प्रकाशित। 
विस्थापन, जलावतनी, आतंकवाद, साहित्य, संस्कृति, राजनीति के समकालीन चरित्र, मानवाधिकार के सवालों पर नियमित लेखन तथा देशभर  के विश्वविद्यालयों में व्याख्यान। 
कश्मीरी-काव्य से अनेक महत्त्वपूर्ण कवियों की प्रतिनिधि कविताओं के हिंदी में अनुवाद। 
कश्मीर केंद्रित लेखों का एक संग्रह शीघ्र प्रकाश्य!
सन्ï 1990 से कश्मीर में जिहादी आतंकवाद और अलगाववाद के चलते अपने ही देश में शरणार्थी।
इ-मेल: khemakaul@gmail.com

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