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Mahatma Banam Gandhi   

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Author Dinkar Joshi
Features
  • ISBN : 9788173156731
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more

More Information

  • Dinkar Joshi
  • 9788173156731
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2015
  • 274
  • Hard Cover

Description

'महात्‍मा बनाम गांधी' गांधीजी के सबसे बड़े पुत्र हरिलाल गांधी पर लिखा उपन्यास है। पाठकों के मन में यह प्रश्‍न उठ सकता है कि गांधीजी के बजाय उनके बड़े पुत्र हरिलाल पर यह उपन्यास लिखने का क्या अर्थ?...यह कथा गांधीजी के जीवन में सबसे दु:खद प्रसंग है। हरिलाल गांधी का जीवन विडंबनाओं और अँधेरे से भरा था। मुहम्मद अली जिन्ना के अलावा जिसे गांधीजी नहीं समझ पाए थे, वह हरिलाल गांधी थे। हरिलाल को आज कोई सौभाग्य से ही जानता होगा! हरिलाल और बापू यानी पिता-पुत्र के बीच का संघर्ष दोनों ही के जीवन का अत्यंत करुण और व्यथित कर देनेवाला प्रसंग है। बीसियों घटनाएँ हैं, पचासों प्रसंग हैं। हरिलाल की पुत्री मनुडी का पत्र हो—बापू, आज बलि मासी ने पिताजी को तमाचा मारा और घर से बाहर निकाल दिया। इसके बाद किसी अखबार की कतरन पर निगाह पड़ना कि हरिलाल दारू पीकर सड़कों पर दंगा करता पकड़ा गया या खुद हरिलाल ने धर्मांध मुसलिमों की आम सभा से घोषणा की—जब तक बा-बापू मुसलिम धर्म स्वीकार नहीं कर लेंगे, मेरी लड़ाई जारी रहेगी। ...अनेक प्रसंग हैं जिनसे बापू और बा के हृदय छलनी होते रहे। ऐसे में बापू तो क्या, कस्तूरबा की व्यथा को भी कहीं शब्द नहीं दिए गए हैं। पिता-पुत्र के इस करुण संघर्ष के बीच बा (कस्तूरबा) की क्या हालत हुई होगी, इसकी तो कल्पना ही की जा सकती है। इस औपन्यासिक कृति में पिता के रूप में गांधीजी और माँ के रूप में कस्तूरबा की ममता, करुणा एवं व्यथा को बड़े मार्मिक ढंग से उकेरा गया है। इतिहास और इतिहास के सत्य का उद‍्घाटन करनेवाला एक पठनीय उपन्यास। यह कृति पूर्व में ‘उजाले की परछाईं’ नाम से प्रकाशित हुई थी।

The Author

Dinkar Joshi

जन्म : 30 जून, 1937 को भावनगर, गुजरात में।
श्री दिनकर जोशी का रचना-संसार काफी व्यापक है। तैतालीस उपन्यास, ग्यारह कहानी-संग्रह, दस संपादित पुस्तकें, ‘महाभारत’ व ‘रामायण’ विषयक नौ अध्ययन ग्रंथ और लेख, प्रसंग चित्र, अन्य अनूदित पुस्तकों सहित अब तक उनकी कुल एक सौ पच्चीस पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। उन्हें गुजरात राज्य सरकार के पाँच पुरस्कार, गुजराती साहित्य परिषद् का ‘उमा स्नेह रश्मि पारितोषिक’ तथा गुजरात थियोसोफिकल सोसाइटी का ‘मैडम ब्लेवेट्स्की अवार्ड’ प्रदान किए गए हैं।
गांधीजी के पुत्र हरिलाल के जीवन पर आधारित उपन्यास ‘प्रकाशनो पडछायो’ हिंदी तथा मराठी में अनूदित। श्रीकृष्ण के जीवन पर आधारित दो ग्रंथ—‘श्याम एक बार आपोने आंगणे’ (उपन्यास) हिंदी, मराठी, तेलुगु व बँगला भाषा में अनूदित; ‘कृष्णं वन्दे जगद्गुरुम्’ हिंदी भाषा में तथा द्रोणाचार्य के जीवन पर आधारित उपन्यास ‘अमृतयात्रा’ हिंदी व मराठी में अनूदित हो चुका है। ‘35 अप 36 डाउन’ उपन्यास पर गुजराती में ‘राखना रमकडा’ फिल्म निर्मित।

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