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Author Harish Naval
Features
  • ISBN : 9788177212273
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more
  • Kindle Store

More Information

  • Harish Naval
  • 9788177212273
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2018
  • 160
  • Hard Cover
  • 330 Grams

Description

हरीश नवल बहुआयामी व्यक्‍तित्व के स्वामी हैं। वे पेशे से प्राध्यापक, संस्कारों से व्यंग्यकार, रुचि से पत्रकार और निष्‍ठा से सामाजिक कार्यकर्ता हैं। उन्हें साहित्य-संस्कार परिवार से विरासत में मिले हैं। उनकी शालीनता व शिष्‍टता उनके साहित्य व व्यक्‍तित्व का वैशिष्‍ट्य है, जो प्रस्तुत संकलन में भी देखने को मिलता है।
शैलीपरक दृष्‍टि से जितनी विविधता हरीश नवल की व्यंग्य रचनाओं में है, उतनी समकालीन व्यंग्य-जगत् में अन्यत्र दुर्लभ है। इन्हें सर्वाधिक प्रिय है मुहावरा शैली। मुहावरे और लोकोक्‍तियों का प्रचुर प्रयोग इनकी व्यंग्य भाषा को एक मौलिक भंगिमा देता है। लेखक ने पुराने मुहावरों को आधुनिकता में रूपांतरित कर उनकी व्यंग्यात्मक धार तेज कर दी है। नवल की व्यंग्य भाषा की विशिष्‍ट प्रवृत्ति है ‘शब्द क्रीड़ा’। भिन्न स्रोतीय शब्दों का समन्वय कर नए प्रयोग उल्लेखनीय हैं। भाषा विषयक सर्वग्राह्यता ने इनकी व्यंग्य भाषा की व्यंजना शक्‍ति को सहज ही समृद्ध कर दिया है। अप्रस्तुत विधान के अंतर्गत उपमा, रूपक, अतिशयोक्‍ति, विरोधाभास, मानवीकरण, विशेषण-विपर्यय आदि के प्रयोग ने इनकी व्यंग्यभाषा के सौंदर्य को द्विगुणित कर दिया है। संश्‍ल‌िष्‍ट बिंब विधान ने उनकी रचनाओं को सहज संप्रेष्णीयता से भर दिया है। ऐतिहासिक, पौराणिक, प्रतीक प्रयोगों ने व्यंग्यभाषा को सांकेतिकता एवं सूक्ष्मता प्रदान की है।
आधुनिक व्यंग्यकारों में शैली की विविधता के जितने प्रयोग हरीश नवल ने किए हैं, उतने वर्तमान व्यंग्य साहित्य में नहीं हैं। शिष्‍ट भाषायुक्‍त विविध शैलियों में सूक्ष्म और सौम्य सृजन हरीश नवल के व्यंग्य साहित्य की नवलता है।
—डॉ. मधुसूदन पाटिल
संपादक ‘व्यंग्य विविधा’

The Author

Harish Naval

जन्म : 8 जनवरी, 1947 को उनकी ननिहाल नकोदर, जिला जालंधर, पंजाब॒ में।
शिक्षा : दिल्ली विश्वविद्यालय से एम.ए., एम.लिट., पी-एच.डी.।
प्रकाशन : ‘बागपत के खरबूजे’, ‘मादक पदार्थ और पुलिस’, ‘पुलिस मैथड’ आदि के अलावा सात व्यंग्य पुस्तकें, अन्य विधाओं की सात पुस्तकें, 65 पुस्तकों में सहयोगी लेखन और छह संपादित पुस्तकें एवं देश-विदेश के प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में अब तक 1500 से अधिक रचनाएँ प्रकाशित।
सम्मान-पुरस्कार : युवा ज्ञानपीठ पुरस्कार, पं. गोविंद बल्लभ पंत पुरस्कार, साहित्य कला परिषद् पुरस्कार सहित अब तक राष्ट्रीय स्तर के 21 सम्मान/पुरस्कार प्राप्त।
‘इंडिया टुडे’ के साहित्य सलाहकार और एन.डी.टी.वी. के हिंदी कार्यक्रम के परामर्शदाता रहे; दिल्ली वि.वि. के वोकेशनल कॉलेज के कार्यकारी प्रधानाचार्य और ‘हिंद वार्त्ता’ के मुख्य संपादक सलाहकार भी रहे। बल्गारिया के सोफिया वि.वि. में ‘विजिटिंग व्याख्याता’ और मॉरीशस वि.वि. में ‘मुख्य परीक्षक’ भी रहे। 30 देशों की यात्रा।
संप्रति : स्वतंत्र लेखन।

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