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Lauhpurush Sardar Patel Ke Prerak Prasang   

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Author Smt. Renu Saini
Features
  • ISBN : 9789388131001
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
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More Information

  • Smt. Renu Saini
  • 9789388131001
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2021
  • 216
  • Hard Cover

Description

देश को स्वतंत्र कराने के लिए अनेक नेताओं ने अपने प्राणों की आहुति दी। अंग्रेजों के अत्याचारों का डटकर सामना किया। अपनी निर्भीकता से देश के वीर सपूतों एवं वीरांगनाओं ने अंग्रेजों की मनमानियों को रोकने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। सरदार वल्लभभाई पटेल भी उनमें से एक हैं। उन्हें उनकी निर्भीकता, कठिनाइयों का डटकर सामना करने, कार्य के प्रति लगन एवं व्यवहारकुशलता के कारण ‘लौहपुरुष’ का सम्मान दिया गया। सरदार पटेल ने अपना सर्वस्व देश को समर्पित कर दिया, यहाँ तक कि उनका व्यक्तिगत जीवन भी देश के सामने कुछ नहीं रहा। उन्होंने जन्म लिया ही था देश के लिए कुछ कर गुजरने के लिए। देश के छोटे-छोटे राज्यों का एकीकरण उन्हीं के द्वारा किया गया। वे अपनी वाक्पटुता से बचपन से ही विरोधियों को पराजित करते रहे और अपने मार्ग पर बढ़ते रहे। 
उनका जीवन बेहद संघर्षमय रहा। यदि यह कहा जाए कि वे अपने जीवन में तलवार की धार पर चलते रहे, तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। उन्होंने अपनी सूझ-बूझ से राज-रजवाड़ों में बँटे देश को अखंड बनाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस पुस्तक में उनके जीवन की कुछ घटनाओं को यहाँ कथाओं के रूप में समेटने का एक विनम्र प्रयास किया गया है। इन कथाओं के माध्यम से पाठकों को लौहपुरुष सरदार पटेल के तपस्वी, त्यागपूर्ण, कर्तव्यनिष्ठ व अपार देशभक्ति की झलक मिलेगी।

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अनुक्रम

प्राक्कथन —Pgs. 7

1. धर्म ऋण —Pgs. 13

2. निर्भीकता का गुण —Pgs. 15

3. शिक्षक का बहिष्कार —Pgs. 17

4. दो सौ के पहाड़े —Pgs. 19

5. धनी की मूँछें —Pgs. 21

6. सहनशीलता —Pgs. 23

7. समानता की भावना —Pgs. 25

8. एकता का संदेश —Pgs. 27

9. धैर्य का प्रमाण —Pgs. 29

10. बालक का साहस —Pgs. 31

11. वल्लभ की एकाग्रता —Pgs. 33

12. एक ही सरदार —Pgs. 35

13. म्यूनिसिपैलिटी में सुधार —Pgs. 37

14. देश विभाजन —Pgs. 39

15. असहनीय पीड़ा —Pgs. 41

16. यशगाथा —Pgs. 43

17. विवेकपूर्ण तर्कसंगत निर्णय —Pgs. 45

18. मार्ग का पत्थर —Pgs. 47

19. धूम्रपान का त्याग —Pgs. 49

20. सच्चाई का मार्ग —Pgs. 51

21. शब्दों की कला —Pgs. 53

22. समूह में बाँटना —Pgs. 55

23. वल्लभ की चतुराई —Pgs. 57

24. लोगों की एकजुटता —Pgs. 59

25. संपत्ति की रक्षा —Pgs. 61

26. मुँहतोड़ जवाब —Pgs. 63

27. अन्याय का प्रतिकार करें —Pgs. 65

28. हिंसक-अहिंसक बहिष्कार —Pgs. 67

29. आपसी फूट से दूर रहें —Pgs. 69

30. मनुष्यता सार्थक करें —Pgs. 71

31. पीड़ितों का अफसर —Pgs. 73

32. नीम की चटनी —Pgs. 75

33. युवा सिंह —Pgs. 77

34. असहयोग आंदोलन के आदर्श —Pgs. 79

35. व्यावहारिक ज्ञान में अव्वल —Pgs. 81

36. भैंसों का कोसना —Pgs. 83

37. भाषण पर रोक —Pgs. 85

38. कांग्रेस की बागडोर —Pgs. 87

39. हास्य कला के धनी —Pgs. 89

40. निवाड़ की चारपाई —Pgs. 91

41. राष्ट्रवादी राजनीतिज्ञ  —Pgs. 93

42. मालिक व चौकीदार —Pgs. 95

43. युवाओं को प्रोत्साहन —Pgs. 97

44. भारत के नव निर्माता —Pgs. 99

45. काठियावाड़ का सम्मेलन —Pgs. 101

46. कृषक है महान् —Pgs. 103

47. राष्ट्र के सरदार —Pgs. 105

48. बाढ़ से बचाव —Pgs. 107

49. सहायता का अनुरोध —Pgs. 109

50. बाढ़ पीड़ितों का पुनर्वास —Pgs. 111

51. राहत कार्य के सरदार —Pgs. 113

52. स्वच्छता का पाठ —Pgs. 115

53. विदेशी कपड़ों का बहिष्कार —Pgs. 117

54. भाइयों में मतभेद —Pgs. 119

55. हर जन हरिजन —Pgs. 121

56. गुलामी को धिक्कार —Pgs. 123

57. सत्याग्रह में वकील —Pgs. 125

58. अडिग निर्णय —Pgs. 127

59. जोखिम में छिपी सफलता —Pgs. 129

60. रेल लाइन का मुकदमा —Pgs. 131

61. किसानों का दर्द —Pgs. 133

62. मवेशियों की तकलीफ —Pgs. 135

63. मवेशी और किसान —Pgs. 137

64. भैंसड़िया बाघ —Pgs. 139

65. बैलगाड़ी का पलटना —Pgs. 141

66. प्रेरक भाषण —Pgs. 143

67. सबके सरदार —Pgs. 145

68. आईने में गवाही —Pgs. 147

69. बेटी ने काती खादी —Pgs. 149

70. धैर्यवान सरदार —Pgs. 151

71. विद्यापीठ की स्थापना —Pgs. 153

72. गुजराती भाषा का सम्मान —Pgs. 155

73. हिंदू-मुसलिम ऐक्य —Pgs. 157

74. गहनों का दान —Pgs. 159

75. जेल का जीवन —Pgs. 161

76. हजामत का उस्तरा —Pgs. 163

77. किसान बन गए सेनानायक —Pgs. 165

78. सम्मान से इनकार —Pgs. 167

79. सरदार के छोटे सरदार —Pgs. 169

80. बेटे को दी सीख —Pgs. 171

81. सरदार पटेल का पेय पदार्थ बनाना —Pgs. 173

82. चुटकी भर खार —Pgs. 175

83. संस्कृत की शिक्षा —Pgs. 177

84. सूत की कताई —Pgs. 179

85. नरीमन की धोखाधड़ी —Pgs. 181

86. सरदार की आदराजंलि —Pgs. 183

87. चुनाव-प्रचार का फंड —Pgs. 185

88. सरदार का बगीचा —Pgs. 187

89. सरदार का इनकार —Pgs. 189

90. उम्मीदवार की धमकी —Pgs. 191

91. मौत का सामना —Pgs. 193

92. सिखों को दी सीख —Pgs. 195

93. आर.एस.एस. के प्रति विचारधारा —Pgs. 197

94. क्रांति की जय —Pgs. 199

95. बनियों का प्रायश्चित्त  —Pgs. 201

96. गुजरात क्लब में गांधी  —Pgs. 203

97. चंपारन की घटना से बने गांधी भक्त —Pgs. 205

98. बेगारी परंपरा पर रोकथाम  —Pgs. 207

99. 30 जनवरी का काला दिन —Pgs. 209

100. माता-सी देखभाल  —Pgs. 211

101. अंतिम समय में सूत की चादर  —Pgs. 213

The Author

Smt. Renu Saini

रेनू सैनी
जन्म : 1 अप्रैल।
शिक्षा : एम.फिल. (हिंदी)।
प्रकाशन : ‘दिशा देती कथाएँ’, ‘बचपन का सफर’, ‘बचपन मुसकाया जब इन्हें सुनाया’, ‘महात्मा गांधी की प्रेरक गाथाएँ’, ‘कलाम को सलाम’, ‘संत कथाएँ मार्ग दिखाएँ’, ‘सक्सेस गीता : सफल जीवन के 125 मंत्र’, ‘डायमंड लाइफ’,  ‘जीवन धारा’, ‘मोदी सक्सेस गाथा’,   ‘दीनदयाल उपाध्याय की प्रेरककहानियाँ’, ‘मिशन Impossible’, ‘दिल्ली चलो’, ‘लौहपुरुष सरदार पटेल के प्रेरकप्रसंग’ एवं ‘शास्त्रीजी के प्रेरकप्रसंग ’।
सम्मान : दिल्ली सरकार की हिंदी अकादमी द्वारा चार बार नवोदित लेखन एवं आठ बार आशुलेखन में पुरस्कृत; ‘बचपन का सफर’ पुस्तक को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा बाल साहित्य वर्ग के अंतर्गत ‘भारतेंदु हरिश्चंद्र पुरस्कार से सम्मानित किया गया। पाँचवीं कक्षा की पाठ्यपुस्तक ‘वितान’ के अंतर्गत कहानी ‘अद्भुत प्रतिभा’ एवं पाठ्यपुस्तक ‘बातों की फुलवारी’ के अंतर्गत ‘आखरदीप’ कहानी का प्रकाशन। राष्ट्रीय स्तर की अनेक पत्र-पत्रिकाओं एवं आकाशवाणी से रचनाओं का प्रकाशन व प्रसारण। अनेक साहित्यिक कार्यक्रमों का सफलतापूर्वक संचालन।
संप्रति : सरकारी सेवा में कार्यरत। 
संपर्क : saini.renu830@gmail.com

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