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Jansanchar Kal Aaj Aur Kal   

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Author C K Sardana , K S Mehta
Features
  • ISBN : 8188139521
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more

More Information

  • C K Sardana , K S Mehta
  • 8188139521
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2009
  • 232
  • Hard Cover

Description

जनसंचार के पाठ्यक्रम पत्रकारिता एवं जनसंचार के पाठ्यक्रम के अंतर्गत स्नातक तथा स्नातकोत्तर स्तर तक पढ़ाए जाते हैं। ऐसे भी विश्‍वविद्यालय एवं संस्थान हैं, जहाँ जनसंचार पर ही पाठ्यक्रम हैं।
जनसंचार के अध्ययनशील विद्यार्थियों एवं कर्मियों के लिए अंग्रेजी भाषा में कई पुस्तकें उपलब्ध हैं; लेकिन अधिकांश पुस्तकें विदेशी लेखकों द्वारा लिखी गई हैं। उनमें उनके देश, समाज और कालखंड का विवरण होने से वे भारतीय परिस्थितियों में अपनी सार्थकता सिद्ध नहीं कर पातीं। भारतीय लेखकों का रुझान इस ओर कम होने से हिंदी में जनसंचार विषय पर पुस्तकों का बहुत अभाव है। इसलिए इस पुस्तक का इस संदर्भ में महत्त्व बढ़ जाता है।
इसे सहज-सरल भाषा में लिखा गया है, ताकि विद्यार्थी एवं जनसंचार कर्मी पढ़ते ही इसे आत्मसात् कर सकें। इस पुस्तक की दूसरी विशेषता यह है कि इस विषय के पाठ्यक्रमों को ध्यान में रखते हुए इसमें जनसंचार के हर पहलू का विश्‍लेषण गहराई के साथ किया गया है। हिंदी भाषा में जनसंचार का अध्ययन करनेवालों के लिए यह पुस्तक अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगी।

The Author

C K Sardana

प्रो. चंद्रकांत सरदाना देश के प्रसिद्ध जनसंचार विशेषज्ञों में से एक हैं। आपने भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लि. (भेल), भोपाल से सन् 1962 में जनसंपर्क अधिकारी के पद से अपना कैरियर शुरू किया और 1993 में महाप्रबंधक (कॉरपोरेट संचार) भेल मुख्यालय, नई दिल्ली के पद से सेवानिवृत्त हुए। आपने देश के विभिन्न विश्‍वविद्यालयों, महाविद्यालयों और व्यावसायिक प्रतिष्‍ठानों में जनसंचार एवं जनसंपर्क विषय का अध्यापन किया है।
आप माखनलाल चतुर्वेदी राष्‍ट्रीय पत्रकारिता विश्‍वविद्यालय के जनसंपर्क, विज्ञापन एवं प्रबंधन संकाय के सदस्य हैं। आप यू.जी.सी. की जनसंपर्क उपसमिति के सदस्य और भारतीय जनसंपर्क सोसाइटी, भोपाल शाखा के अध्यक्ष भी रह चुके हैं।

आपकी पुस्तकें ‘जनसंपर्क की चुनौतियाँ’, ‘जनसंपर्क’ एवं ‘भारतीय परिप्रेक्ष्य में व्यावसायिक जनसंपर्क’ देश के विभिन्न विश्‍वविद्यालयों, महाविद्यालयों और व्यावसायिक संस्थानों में संदर्भ ग्रंथ के रूप में प्रचलित हैं।

K S Mehta

श्री कृ.शि. मेहता ने अपने कार्य का प्रारंभ म.प्र. के प्रमुख दैनिक पत्रों में संपादन कार्य से किया। म.प्र. शासन के सूचना एवं प्रकाशन संचालनालय तथा पंचायत एवं समाज-सेवा संचालनालय में मीडिया संबंधी कार्य-कलापों से आपका चार दशकों से अधिक का संबंध रहा है। सेवानिवृत्ति के उपरांत यूनीसेफ की भोपाल शाखा में सलाहकार पद पर काम करते हुए शिक्षाप्रद एवं प्रचारात्मक साहित्य का सृजन किया।
आपको मीडिया के लगभग हर क्षेत्र का गहन अनुभव रहा है। केंद्रीय एवं राज्य शासन द्वारा आप अनेक पुरस्कारों से सम्मानित किए जा चुके हैं।

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