Prabhat Prakashan, one of the leading publishing houses in India eBooks | Careers | Events | Publish With Us | Dealers | Download Catalogues
Helpline: +91-7827007777

Irade Hon To Aise   

₹350

In stock
  We provide FREE Delivery on orders over ₹1500.00
Delivery Usually delivered in 5-6 days.
Author N. Raghuraman
Features
  • ISBN : 9789351863168
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more
  • Kindle Store

More Information

  • N. Raghuraman
  • 9789351863168
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2018
  • 152
  • Hard Cover

Description

गर लक्ष्य निर्धारित हों, दृढ़ इच्छाशक्ति हो, सोच स्पष्ट हो तो कम संख्या के लोग भी बदलाव ला सकते हैं, किसी की जिंदगी बदल सकते हैं, भविष्य को सुधार सकते हैं। अगर आप उद्यमी हैं तो आपमें यह दृष्टि होनी चाहिए कि आपका आइडिया किस तरह की शक्ल अख्तियार करेगा, कैसे नतीजे देगा? विभिन्न प्रकार की समस्याओं और अक्षमताओं वाले विशिष्ट बच्चों में भी दुनिया जीतने की क्षमता होती है। दुनिया उनके लिए भी सुखद होती है, लेकिन उनकी क्षमताओं को आगे बढ़ाना चाहिए कि उनके साथ बुरा बरताव करना चाहिए। किसी भी बीमारी से लड़ने के लिए मजबूत इच्छाशक्ति का होना सबसे ज्यादा जरूरी है। दवा तो सिर्फ शरीर को बीमारी से लड़ने में मदद करती है। मन मजूबत होगा तो आप बीमारी से सीधे टक्कर ले पाएँगे और उसे हरा पाएँगे। अगर आपका इरादा पक्का है तो आप अनजान जगहों पर भी सफल हो सकते हैं। अपने हुनर का जादू दिखा सकते हैं। अगर आप किसी घटनाक्रम से परेशान हैं। कहीं आपको दरकिनार किए जाने का एहसास हो रहा है तो विरोध करने से बेहतर है कि आप ज्ञान हासिल कीजिए, जानकारियाँ जुटाइए, फिर मोरचा खोलिए। जीत आपकी होगी। 

The Author

N. Raghuraman

एन. रघुरामन
मुंबई विश्वविद्यालय से पोस्ट ग्रेजुएट और आई.आई.टी. (सोम) मुंबई के पूर्व छात्र श्री एन. रघुरामन मँजे हुए पत्रकार हैं। 30 वर्ष से अधिक के अपने पत्रकारिता के कॅरियर में वे ‘इंडियन एक्सप्रेस’, ‘डीएनए’ और ‘दैनिक भास्कर’ जैसे राष्ट्रीय दैनिकों में संपादक के रूप में काम कर चुके हैं। उनकी निपुण लेखनी से शायद ही कोई विषय बचा होगा, अपराध से लेकर राजनीति और व्यापार-विकास से लेकर सफल उद्यमिता तक सभी विषयों पर उन्होंने सफलतापूर्वक लिखा है। ‘दैनिक भास्कर’ के सभी संस्करणों में प्रकाशित होनेवाला उनका दैनिक स्तंभ ‘मैनेजमेंट फंडा’ देश भर में लोकप्रिय है और तीनों भाषाओं—मराठी, गुजराती व हिंदी—में प्रतिदिन करीब तीन करोड़ पाठकों द्वारा पढ़ा जाता है। इस स्तंभ की सफलता का कारण इसमें असाधारण कार्य करनेवाले साधारण लोगों की कहानियों का हवाला देते हुए जीवन की सादगी का चित्रण किया जाता है।
श्री रघुरामन ओजस्वी, प्रेरक और प्रभावी वक्ता भी हैं; बहुत सी परिचर्चाओं और परिसंवादों के कुशल संचालक हैं। मानसिक शक्ति का पूरा इस्तेमाल करने तथा व्यक्ति को अपनी क्षमता के अधिकतम इस्तेमाल करने के उनके स्फूर्तिदायक तरीके की बहुत सराहना होती है।
इ-मेल : nraghuraman13@gmail.com

Customers who bought this also bought

WRITE YOUR OWN REVIEW