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Chitra Mudgal Ki Lokpriya Kahaniyan   

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Author Chitra Mudgal
Features
  • ISBN : 9789351862819
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more
  • Kindle Store

More Information

  • Chitra Mudgal
  • 9789351862819
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2017
  • 176
  • Hard Cover

Description

सुप्रसिद्ध कथाकार चित्रा मुद्गल का कहानी-लेखन 1964 से शुरू हुआ और अब तक लगभग पाँच दशक की रचना-यात्रा में उन्होंने अनेक लोकप्रिय कहानियाँ लिखी हैं। वे सघन सामाजिक सरोकारों से कहानियों को आकार देती हैं। अवध क्षेत्र से लेकर चेन्नई, मुंबई व दिल्ली आदि तक उनका अनुभव विस्तीर्ण है। ‘डोमिन काकी’ से लेकर महानगरों में व्यस्त कामकाजी महिलाओं तक का उन्होंने गहरा अध्ययन किया है। स्त्री-विमर्श की गहमागहमी से अलग रहकर भी उन्होंने हाशिए की ओर ढकेली जा रही स्त्री के बहुतेरे प्रश्नों की पड़ताल की है। वे वंचित व्यक्तियों की पक्षधर रचनाकार हैं। इनकी कहानी सच्चे अर्थों में कहानी है, जिसमें जीवन का सच्चा समन्वयकारी यथार्थ है, रोचकता है, संवेदनाएँ हैं और व्यंजना है।
इनकी कहानियाँ पढ़ते हुए जो बिंब बनते हैं, उनका अंतर्निहित अर्थ एक प्रकाशपूर्ण क्षण में उद्घाटित होकर ग्रहण होता है। कहानी की प्रकृति जनतांत्रिक होती है और उसका रसास्वादन अनुभवपरक बोध से होता है। कहानी एक समग्र प्रभाव को संप्रेषित करती है। मनुष्य जब अपनी क्षुद्रताओं, कमजोरियों और छलावों को स्वीकार करता है तो इस स्वीकार से वह आत्मोन्नयन करता है। इस संग्रह की लोकप्रिय कहानियाँ उपदेशात्मक या निर्देशात्मक नहीं, निर्णयात्मक और क्रियात्मक संकल्पों से संपन्न हैं।

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अनुक्रम

पाठकों की अदालत में — Pgs. 7

1. दरमियान — Pgs. 11

2. अनुबंध — Pgs. 26

3. अपनी वापसी — Pgs. 47

4. दुलहिन — Pgs. 66

5. ब्लेड — Pgs. 82

6. इस हमाम में — Pgs. 95

7. गरीब की माँ — Pgs. 108

8. रक्षक-भक्षक — Pgs. 110

9. दशरथ का वनवास — Pgs. 112

10. मुआवजा — Pgs. 129

11. प्रमोशन — Pgs. 139

12. जब तक बिमलाएँ हैं — Pgs. 150

13. लाक्षागृह — Pgs. 159

The Author

Chitra Mudgal

जन्म : 10 दिसंबर, 1944 को चेन्नई में।
शिक्षा : स्नातकोत्तर पढ़ाई पत्राचार पाठ्यक्रम के माध्यम से एस.एन.डी.टी. महिला विश्वविद्यालय, मुंबई।
रचना-संसार : अब तक उन्होंने सौ एक कहानियाँ लिखी हैं। तेरह कहानी-संकलन प्रकाशित, जिनमें से ‘दुलहिन’, ‘जिनावर’, ‘अपनी वापसी’, ‘लाक्षागृह’, ‘इस हमाम में’, ‘जगदंबा बाबू गाँव आ रहे हैं’ और ‘लपटें’ विशेष चर्चित। प्रथम उपन्यास ‘एक जमीन अपनी’। बहुचर्चित उपन्यास ‘गिलिगडु’ उर्दू, पंजाबी मलयालम में अनूदित और इटालियन तथा अंग्रेजी में भी अनूदित। ‘वयार उनकी मुट्ठी में’ और ‘विचार’ (वैचारिक लेख और कॉलम), ‘तहखानों में बंद अक्स’ (कथात्मक रिपोर्ताज), ‘बयान’ (लघुकथा संकलन), ‘माधवी कन्नगी’, ‘मणि मेखलै’, ‘जीवक’ (बाल उपन्यास) अनेक बाल-कथा संकलन प्रकाशित। अंग्रेजी में ‘हाइना ऐंड अदर स्टोरीज’ और उपन्यास ‘क्रूसेड’ प्रशंसित। कहानियाँ अनेक विश्वभाषाओं में अनूदित। 
सम्मान-पुरस्कार : प्रथम कहानी ‘सफेद सेनारा’ ‘नवभारत टाइम्स’ की कहानी प्रतियोगिता में पुरस्कृत। उपन्यास ‘आवाँ’ के लिए के.के. बिड़ला फाउंडेशन के तेरहवें ‘व्यास सम्मान’ से समादृत, यह कृति अनेक भारतीय भाषाओं में अनूदित। सहस्राब्दि का पहला अंतरराष्ट्रीय ‘इंदु शर्मा कथा सम्मान’।
संप्रति : स्वतंत्र लेखन और सामाजिक कार्यों से जुड़ी हैं।

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