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Author Kailash Satyarthi
Features
  • ISBN : 9789352664719
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1
  • ...more
  • Kindle Store

More Information

  • Kailash Satyarthi
  • 9789352664719
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1
  • 2018
  • 168
  • Hard Cover

Description

विचार ही वह बीज है, जिससे बदलाव के वृक्ष उगते हैं। देश-दुनिया में जितनी क्रांतियाँ हुई हैं, उनकी कोंपलें विचारों से ही फूटी हैं। नोबेल शांति पुरस्कार विजेता श्री कैलाश सत्यार्थी के क्रांतिकारी विचारों ने समाज के हाशिए पर खड़े और विकास की परिधि से बाहर उन करोड़ों उपेक्षित बच्चों को आज दुनिया के केंद्र में लाकर खड़ा कर दिया है, जहाँ से उनकी आजादी और मुसकराहट का रास्ता खुलता है। श्री सत्यार्थी केवल एक बाल अधिकार कार्यकर्ता भर नहीं हैं, वे एक विचारक और दार्शनिक भी हैं। यह पुस्तक उनके ऐसे ही क्रांतिकारी विचारों और बदलाव के बोलों का संग्रह है। 

_________________________________________________________

अनुक्रम

परिचय—7

1. आजादी—13

2. ज्ञान और शिक्षा—25

3. शांति—53

4. अहिंसा—61

5. बच्चे—75

6. युवा—97

7. बालश्रम और बाल दासता—107

8. कानून और प्रशासन—125

9. करुणा—133

10. आक्रोश—147

11. नेतृत्व—155

The Author

Kailash Satyarthi

मध्य प्रदेश के विदिशा में 11 जनवरी, 1954 को जनमे कैलाश सत्यार्थी भारत में पैदा होनेवाले पहले नोबेल शांति पुरस्कार विजेता हैं। इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने विश्वविद्यालय में अध्यापन कार्य भी किया। लेकिन बचपन के प्रति गहरी करुणा के कारण उन्होंने इंजीनियरिंग की सुविधाजनक नौकरी छोड़कर सन् 1981 से बचपन बचाने की मुहिम शुरू कर दी। देश और दुनिया में बाल दासता जब कोई मुद्दा नहीं था, तब श्री सत्यार्थी ने ‘बचपन बचाओ आंदोलन’ सहित विश्व के लगभग 150 देशों में सक्रिय ‘ग्लोबल मार्च अगेंस्ट चाइल्ड लेबर’ और ‘ग्लोबल कैंपेन फॉर एजुकेशन’ जैसे संगठनों की स्थापना की। वे विश्व में उत्पादों के बालश्रम रहित होने के प्रमाणीकरण व लेबल लगाने की विधि ‘गुडवीव’ के जनक हैं। उन्हें देश के लगभग 85 हजार बच्चों को आधुनिक दासता से मुक्त कराने का ही नहीं, बल्कि बाल दासता तथा शिक्षा को अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बनाने का भी श्रेय जाता है। इसके लिए उन पर और उनके परिवार पर अनेक बार प्राणघातक हमले भी हुए हैं।
श्री सत्यार्थी पहले ऐसे भारतीय हैं, जिन्हें नोबेल शांति पुरस्कार के अलावा डिफेंडर फॉर डेमोक्रेसी, इटैलियन सीनेट मेडल, रॉबर्ट एफ. कैनेडी अंतरराष्ट्रीय मानव अधिकार सम्मान, फेड्रिक एबर्ट मानव अधिकार पुरस्कार और हार्वर्ड ह्यूमेनेटेरियन सम्मान जैसे कई विश्व प्रसिद्ध पुरस्कार मिल चुके हैं। संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करने वाले श्री सत्यार्थी को आधुनिक समय में मानव दासता के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाले दुनिया के सबसे बड़े योद्धाओं में गिना जाता है।

 

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