Prabhat Prakashan, one of the leading publishing houses in India eBooks | Careers | Events | Publish With Us | Dealers | Download Catalogues
Helpline: +91-7827007777

Australiya Ki Pratinidhi Kahaniyan    

₹300

In stock
  We provide FREE Delivery on orders over ₹1500.00
Delivery Usually delivered in 5-6 days.
Author Rita Kaushal
Features
  • ISBN : 9789392013843
  • Language : Hindi
  • ...more

More Information

  • Rita Kaushal
  • 9789392013843
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 2023
  • 152
  • Soft Cover
  • 170 Grams

Description

इतिहास साक्षी है कि पूरे विश्व में आक्रांताओं की वहशत का प्रकोप जिस तरह महिलाओं ने सहा है, उसकी शायद ही कोई मिसाल हो । खुद को बचाने के उपक्रम में वह बाल-विवाह, जौहर और सती प्रथा को मान्यता दे देती है । इस धरा पर समूची नारी जाति उस पर हुए इन आक्रमणों के सूत्र में कहीं -न-कहीं गुँथी हुई है। जब ऑस्ट्रेलिया में एक कबीले की सरदार ट्रगनीनी इन विभीषिकाओं से गुजर रही थी, तब भारत में राजा राममोहन राय महिलाओं की सामाजिक स्थिति सुधारने के लिए पुनर्जागरण की लौ जला रहे थे और ब्रह्म समाज एक साल का नवजात शिशु था।

यह वही समय था, जब ऐंग्लो-रशियन शीतयुद्ध अपना आकार ले रहा था। अंग्रेज पूरी

शिद्दत से समूचे विश्व से जंगली आदिवासी जनजातियों को खदेड़ने में लगे हुए थे। सुदूर अमेरिका में आदिवासियों से उनकी जमीनें छीनकर कपास की खेती के लिए तैयार की जा रही थीं। महज साल भर बाद अमेरिका में जो त्राहि-त्राहि मची, उसे इतिहास 'ट्रेल ऑफ टीयर्स' कहता है, जिसने बाद में ' ब्लैक हॉक वॉर' का रूप ले लिया । रूस यूरोप में व्यस्त था, साथ ही भारतीय उपमहाद्वीप पर अंग्रेजों की पैठ में सेंध लगाने की कोशिश कर रहा था। इसकी परिणति (पोलैंड) 'वॉरसा अप्रायजिंग' और

' अफगान वॉर ' में हुई । विश्वपटल पर ये दोनों बड़ी शक्तियाँ एक-दूसरे को नीचा दिखाने का कोई मौका नहीं छोड़ती थीं ।

 

The Author

Rita Kaushal

Customers who bought this also bought

WRITE YOUR OWN REVIEW