Prabhat Prakashan, one of the leading publishing houses in India eBooks | Careers | Events | Publish With Us | Dealers | Download Catalogues
Helpline: +91-7827007777

Aatank Ke Saaye Me   

₹350

Out of Stock
  We provide FREE Delivery on orders over ₹1500.00
Delivery Usually delivered in 5-6 days.
Author Garima Sanjay
Features
  • ISBN : 9789383111664
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more
  • Kindle Store

More Information

  • Garima Sanjay
  • 9789383111664
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2018
  • 186
  • Hard Cover

Description

धमाकों के शुरू होते ही सारी चहल-पहल ठहर गई थी। जो जहाँ था, वहीं रह गया। आतंकियों ने इतनी तेजी से पूरे होटल की अलग-अलग जगहों को निशाना बनाया था कि किसी को कुछ सोचने-समझने का मौका ही न मिला। सुरक्षा-कर्मचारियों ने फिर भी बड़ी मुस्तैदी से अपना काम सँभाला, और जितना संभव हो सका, मेहमानों को उनके कमरों में, या किसी अन्य सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया। अधिकतर कमरों, रेस्टोरेंट, किचेन आदि को मजबूती से बंद कर दिया गया, ताकि उसके अंदर लोग सुरक्षित रह सकें। होटल के कर्मचारियों को भी सुरक्षित स्थानों पर ही बने रहने की हिदायत दे दी गई। कमरों में अँधेरा कर देने के निर्देश दे दिए गए, ताकि किसी परछाईं से भी आतंकियों को यह आभास न हो सके कि किसी कमरे में कोई है।

—इसी उपन्यास से

आज दुनिया के देश भय और आतंक के साये में जी रहे हैं। आतंकवाद विकास और तरक्की की राह में सबसे बड़ा अवरोध है। अतिवादियों से मानवता पीडि़त है। निरपराध लोग, यहाँ तक कि बच्चे भी इन दुर्दांतों की गोलियों का शिकार बन रहे हैं। मानवता की बलि चढ़ रही है, हिंसा का तांडव हो रहा है। प्रस्तुत उपन्यास में इस विभीषिका का सजीव चित्रण है। संभवतः ऐसी रचनात्मक कृतियाँ आतंक और हिंसा फैला रहे आतंकवादियों के दिलों को छू सकें, किसी हद तक उन्हें प्रभावित कर उनका हृदय-परिवर्तन कर सकें, ताकि मानव जाति का विनाश रुक सके।

‘आतंक के साये में’ ऐसा प्रयास है, जिसमें आतंकवाद की समस्या से लेकर सामाजिक, पारिवारिक एवं भीतरी भावनात्मक आतंक तक का विश्लेषण किया गया है।

The Author

Garima Sanjay

गरिमा संजय अब तक दो उपन्यास' आतंक के साए में' और 'स्मृतियाँ एवं दर्जन से अधिक कहानियाँ और लघुकथाएँ प्रकाशित। इलाहाबाद विश्वविद्यालय से अंग्रेजी
और संस्कृत साहित्य में ग्रेजुएट एवं प्राचीन इतिहास तथा पत्रकारिता एवं जनसंचार में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा प्राप्त।
अनेक सरकारी एवं गैर-सरकारी संस्थाओं के लिए लेखन, पटकथा-लेखन, डॉक्यूमेंटरी/कॉरपोरेट/विज्ञापन आदि फिल्मों का निर्देशन, जिनमें प्रमुख हैंफिल्म्स डिवीजन, दूरदर्शन, एन.एफ. डी.सी., गृह मंत्रालय, यू.एन.डी.पी., यू.एन.एड्स, डिस्कवरी चैनल, इग्नू, उपभोक्ता एवं खाद्य मंत्रालय, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय, बी.पी.आर.एन.डी., एन.आई.ओ.एस, आदि। संस्कृति मंत्रालय के विभिन्न ऐतिहासिक संग्रहालयों में लेखन एवं कंसलटेंट के रूप में कार्य।
विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं एवं ऑनलाइन पोर्टल आदि के लिए नियमित रूप से लेखन।
 garimasanjay.com पर अंतर्ध्वनि नाम से ब्लॉग लेखन।

 

Customers who bought this also bought

WRITE YOUR OWN REVIEW