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Sanskar Ramayan   

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Author Vinod Bala Arun
Features
  • ISBN : 9789350488713
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more

More Information

  • Vinod Bala Arun
  • 9789350488713
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2018
  • 328
  • Hard Cover

Description

सस्कार रामायण’ अपने ढंग की अनोखी कृति है। इसमें आयोजनों और अवसरों के अनुरूप पाठ करने के लिए रामचरितमानस के विभिन्न प्रसंगों का चयन किया गया है। इससे सत्संगों में अवसर के अनुरूप विषयवस्तु निर्धारित करने में सहायता मिल सकती है।
बहुत दिनों से जीवन के सुख-दुःख में अपने घरों में रामायण सत्संग आयोजित करनेवाले भक्त और रामायण-पाठ करनेवाले व्यक्ति एवं संगठन यह जानना चाहते थे कि किस अवसर पर किस प्रसंग का पाठ किया जाए। रामायण सेंटर ने इस पर गंभीरता से विचार किया। ‘संस्कार रामायण’ का प्रकाशन इसी का फल है।
रामायण प्रेमियों की आकांक्षा की संपूर्ति के लिए जीवन के सुख-दुःख को सात मुख्य शीर्षकों में बाँटा गया है। जन्म और जन्मदिन, विद्यारंभ, विवाह और विवाह की वर्षगाँठ, गृह-प्रवेश, शुभ अवसर, संकट-आपदा तथा मृत्यु और पुण्यतिथि—इन्हीं के भीतर प्रायः जीवन की सारी गतिविधियाँ समाहित होती हैं।
‘संस्कार रामायण’ अवसर के अनुरूप रामायण के प्रसंगों के पाठ की सुविधा प्रदान करेगी और जीवन को संस्कारित करने की प्रेरणा भी देगी। हर रामायण-प्रेमी के पास ‘संस्कार रामायण’ की एक प्रति अवश्य होनी चाहिए।

 

The Author

Vinod Bala Arun

डॉ. विनोद बाला अरुण मनोविज्ञान, हिंदी और संस्कृत में एम.ए. हैं। उन्होंने ‘वाल्मीकि रामायण और रामचरितमानस के नैतिक मूल्य और उनका मॉरीशस के हिंदू समाज पर प्रभाव’ पर पी-एच.डी. की है। वे महात्मा गांधी संस्थान में संस्कृत और भारतीय दर्शन की वरिष्ठ व्याख्याता रह चुकी हैं। डॉ. विनोद बाला अरुण भारत और मॉरीशस के संयुक्त सहयोग से स्थापित ‘विश्व हिंदी सचिवालय’ की प्रथम महासचिव रहीं। सेवा-निवृत्ति के बाद संप्रति ‘रामायण सेंटर’ की उपाध्यक्षा का दायित्व मानद रूप में सँभाल रही हैं। उनकी सामाजिक, सांस्कृतिक और साहित्यिक गतिविधियाँ बहुआयामी हैं। वे सामाजिक, सांस्कृतिक और दार्शनिक विषयों पर प्रवचन करती हैं। रेडियो पर नवनीत, चयनिका, प्रार्थना, जीवन ज्योति और आराधना कार्यक्रमों में क्रमशः भक्त कवियों के पदों की व्याख्या, हिंदी साहित्य की विवेचना, उपनिषदों की व्याख्या द्वारा भारतीय दर्शन का तत्त्व चिंतन व संस्कृत की सूक्तियों का आधुनिक संदर्भों में मूल्यांकन और भक्ति गीतों का भाव निरूपण करती हैं।
डॉ. अरुण ने ‘मॉरीशस की हिंदी कथा यात्रा’ में मॉरीशस की हिंदी कथा का आलोचनात्मक इतिहास लिपिबद्ध किया है।
डॉ. अरुण अनेक अंतरराष्ट्रीय सम्मानों से विभूषित हैं, जिनमें ‘मानस संगम साहित्य सम्मान’, विश्व हिंदू परिषद्, मॉरीशस द्वारा ‘धर्म भूषण’, अखिल विश्व हिंदी समिति, न्यूयॉर्क द्वारा ‘साहित्य शिरोमणि’ और उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान का ‘प्रवासी भारतीय हिंदी भूषण सम्मान’ प्रमुख हैं।

 

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