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Roop Singh Chandel Ki Lokpriya Kahaniyan   

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Author Roopsingh Chandel
Features
  • ISBN : 9789390923168
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more

More Information

  • Roopsingh Chandel
  • 9789390923168
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2022
  • 168
  • Hard Cover
  • 300 Grams

Description

वरिष्ठ कथाकार रूपसिंह चंदेल बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं। कहानी, उपन्यास, संस्मरण, आलोचना आदि गद्य की अनेक विधाओं में उन्होंने सृजन किया है। आलोचकों ने उन्हें लोकधर्मी कथाकार कहा है। युवा आलोचक डॉ. बिभा कुमारी के अनुसार, कथाकार रूपसिंह चंदेल की कथाओं में एक ओर मिट्टी की सोंधी खुशबू की अनुभूति प्राप्त होती है तो दूसरी ओर महानगरीय जीवन, टूटते संबंध, मशीनी जीवन, मनुष्य द्वारा मनुष्य का उपयोग किया जाना इत्यादि विसंगतियों का जीवंत और साक्षात् चित्रण है। वरिष्ठ आलोचक डॉ. पंकज साहा के अनुसार, विश्व के महान् लेखक अल्बेयर कामू के लेखन में हिंसा, अत्याचार एवं क्रूरता के खिलाफ जो स्वर हैं, वही स्वर चंदेलजी की रचनाओं में भी देखने को मिलते हैं। कामू की तरह चंदेलजी की भी सृजनात्मक पारदर्शिता अपने समय की मानवीय चेतना एवं उसकी समस्याओं का उद्घाटन करती है। युवा आलोचक उमाशंकर सिंह परमार मानते हैं कि रूपसिंह चंदेल अपनी कहानियों में जब यथार्थ का चित्र प्रस्तुत करते हैं, तब वे कतई आदर्शवादी नहीं रहते हैं, न ही वे सच को छिपानेवाले आदर्श से सम्मोहित हैं। यथार्थ यहाँ कटु यथार्थ के रूप में आता है और वह पाठक को झकझोरते हुए झूठी मान-मर्यादा, नैतिक पतन, मूल्यहीनता और शोषण में संलग्न लोकतंत्र के प्रहरियों पर प्रहार करता है।

The Author

Roopsingh Chandel

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