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Ras-Purush Pt Vidyaniwas Mishra   

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Author Narmada Prasad Upadhyay
Features
  • ISBN : 9789380186245
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more
  • Kindle Store

More Information

  • Narmada Prasad Upadhyay
  • 9789380186245
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2010
  • 168
  • Hard Cover

Description

महाप्रयाण का अर्थ उनके संदर्भ में मुझे यही लगता है कि कहीं उन्हें पाणिनि न मिल गए हों, जिनकी व्याकरण तकनीक की गलियों में अपने यौवन में वे उलझ गए थे। कहीं भवभूति न मिल गए हों, जिनके राम के मुकुट को बारिश में भीगते हुए देखकर वे कभी कठोर नहीं हो पाए। कहीं कालिदास न मिल गए हों, जिनसे साक्षात्कार करते हुए वे शकुंतला के उस श्रमसिंचित सौंदर्य को निहारने लगे हों, जिस पर कभी दुष्यंत इसलिए रीझ गए थे कि वह तपस्वी बाला अपने उपवन के वृक्षों को पानी देते ठिठककर एक हाथ से ढीले केशों में खोंसे हुए शिरीष के फूल को सँभाल रही थी और दूसरे हाथ से अपने मस्तक पर आई पसीने की बूँदों को पोंछने का यत्न कर रही थी। कहीं राहुल न मिल गए हों, जिनसे शब्दकोश की चर्चा चल पड़ी हो, कहीं नागार्जुन से मुलाकात न हो गई हो, जिनसे भोजपुरी में वे बतियाने बैठ गए हों। कहीं अज्ञेय न टकरा गए हों, जिनके सामने वे लौटने की जिद्द नहीं कर सकते, और कहीं अनिकेत नवीन न मिल गए हों, जिन्होंने कहा हो कि तुम भी अनिकेतन हो, क्या करोगे लौटकर?
पं. विद्यानिवास मिश्र के अनन्य स्नेहभाजन और आलोक-पुत्र श्री नर्मदा प्रसाद उपाध्याय द्वारा उनके जीवन के रस और भाव का दिग्दर्शन कराती भावपूर्ण पुस्तक। —इसी संग्रह से

The Author

Narmada Prasad Upadhyay

कृतित्व : ‘समांतर लघुकथाएँ’, नरेंद्र कोहली : व्यक्‍त‌ित्व एवं कृतित्व’, ‘Sur : A Reticent Homage’ (संपादन), ‘एक भोर जुगनू की’, ‘अँधेरे के आलोक पुत्र’, ‘नदी तुम बोलती क्यों हो?’, ‘फिर फूले पलाश तुम’, ‘सुनो देवता’, ‘बैठे हैं आस लिये’, ‘प्रभास की सीपियाँ’, ‘परदेस के पेड़’, ‘अस्ताचल के सूर्य’ (ललित निबंध-संग्रह), ‘राधा माधव रंग रँगी’, ‘रामायण का काव्यमर्म’, पं. विद्यानिवास मिश्र के साथ ‘गीत-गोविंद’ और ‘रामायण के कलात्मक पक्ष’ पर कार्य। ‘भारतीय चित्रांकन परंपरा’, ‘पार रूप के’, ‘The Concept of Portrait’, ‘Kanheri Geet-Govinda’ (भारतीय कला)। पुरस्कार : ‘मुकुटधर पांडेय पुरस्कार’, ‘वागीश्‍वरी पुरस्कार’, ‘कलाभूषण सम्मान’, ‘शमशेर सम्मान’, ‘संत सिंगाजी सम्मान’ तथा ‘अक्षर आदित्य’ से सम्मानित। फेलोशिप : वर्ष 2003—चॉर्ल्स इंडिया वॉलेस ट्रस्ट, लंदन (ब्रिटिश काउंसिल); वर्ष 2008—शिमेंगर लेडर फेलोशिप, जर्मनी। संप्रति : सदस्य, वाणिज्यिक कर अपील बोर्ड, डी-33, चार इमली, भोपाल (म.प्र.)। इ-मेल : naman60@hotmail.com

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