Prabhat Prakashan, one of the leading publishing houses in India eBooks | Careers | Events | Publish With Us | Dealers | Download Catalogues
Helpline: +91-7827007777

Raj se Swaraj   

₹900

Out of Stock
  We provide FREE Delivery on orders over ₹1500.00
Delivery Usually delivered in 5-6 days.
Author Ram Chandra Pradhan
Features
  • ISBN : 9789389982701
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1
  • ...more
  • Kindle Store

More Information

  • Ram Chandra Pradhan
  • 9789389982701
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1
  • 2020
  • 456
  • Hard Cover

Description

भारत में उपनिवेशवाद और राष्ट्रवाद के इतिहास को  ‘राज से स्वराज’ में लिपिबद्ध किया गया है। साथ ही इस पुस्तक में कुछ सैद्धांतिक प्रश्नों पर भी विचार किया गया है। भारत की गुलामी की कहानी जितनी दर्दनाक और हृदय-विदारक है, उतना ही रोमांचकारी है इसका स्वतंत्रता संग्राम। अपने अद्वितीय नेतृत्व-क्षमता, गौरवमयी गाथा और अहिंसक वैचारिक आधार के चलते भारत की आजादी की लड़ाई इतिहासकारों का ध्यान बरबस आकर्षित करती रही है।
यह पुस्तक मूलतः स्नातक और स्नातकोत्तर कक्षाओं के लिए उच्चस्तरीय और प्रामाणिक पाठ्यपुस्तक के रूप में प्रकाशित की गई है। यह लेखक के जीवनपर्यंत शोध, अध्ययन और अध्यापन की निष्पत्ति है। इस विषय पर उपलब्ध पुस्तकों से इसे कुछ अलग रखने का प्रयास किया गया है। इसमें घटनाक्रम के स्थान पर विषयानुकूल लेखन पद्धति को अपनाया गया है। साथ ही, इसमें आधुनिक भारत के इतिहास के हर पहलू और पक्ष पर गंभीरता से विचार किया गया है। अपनी रोचक शैली, संप्रेषण की सहजता और भाषा प्रवाह के चलते यह पुस्तक पठनीय-माननीय बन गई है।
अंग्रेजी में इस पुस्तक के अनेक संस्करण प्रकाशित हो चुके हैं। पाठकों की माँग पर इसका हिंदी का यह संवर्द्धित-परिवर्द्धित संस्करण प्रकाशित किया जा रहा है। यह पुस्तक राजनीति विज्ञान तथा आधुनिक भारत के इतिहास के छात्रों के साथ-साथ सामान्य पाठकों के लिए भी समान रूप से उपयोगी साबित होगी।

__________________________________________________

अनुक्रम

प्राक्कथन—v

विशेष संस्करण के लिए लेखक के दो शब्द—vii

भाग एक : कुछ सैद्धान्तिक अवधारणाएँ

1. पूँजीवाद/पूँजीवादी व्यवस्था—3

2. साम्राज्यवाद और उपनिवेशवाद—14

3. साम्राज्यवाद के प्रमुख सिद्धान्त—22

4. नव-उपनिवेशवाद—33

5. उत्तर-उपनिवेशवाद/उत्तर उपनिवेशवाद?—39

6. राष्ट्रवाद—47

7. भारत में उपनिवेशवाद और राष्ट्रवाद : इतिहास लेखन की विभिन्न दृष्टियाँ—58

भाग दो : भारत में अंग्रेजी राज की स्थापना और विभिन्न क्षेत्रों में उसका प्रभाव

8. अंग्रेजों की भारत पर विजय—73

9. ब्रिटिश राज का भारत की कृषि व्यवस्था पर प्रभाव—95

10. ब्रिटिश राज और भारत के हस्तशिल्प एवम् उद्योग-धंधे—102

11. अंग्रेजी राज की शिक्षा नीति : विकास और प्रभाव—109

12. अंग्रेजी राज में संवैधानिक विकास—118

13. भारतीय समाज की संरचना : औपनिवेशिक जानकारी के विभिन्न चरण—130

14. ब्रिटिश राज की चुनौती : भारत की जवाबी कार्रवाई—147

15. सामाजिक-धार्मिक सुधारवादी आन्दोलन—162

16. भारत में राष्ट्रवाद का उदय—168

17. भारत में उपनिवेशी राज : एक लेखा-जोखा—173

भाग तीन : राष्ट्रीय आन्दोलन की मुख्य धारा

18. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना—181

19. उदारवादी और राष्ट्रीय आंदोलन में उनकी भूमिका—187

20. बंग-भंग और स्वदेशी आन्दोलन—197

21. उग्रवादी और उनका राष्ट्रीय आंदोलन में योगदान—204

22. होम रूल आन्दोलन—214

23. लखनऊ समझौता—219

24. खिलाफत आन्दोलन—224

25. असहयोग आन्दोलन—230

26. स्वराज पार्टी—236

27. साइमन कमीशन—242

28. नेहरू रिपोर्ट—247

29. सविनय अवज्ञा आन्दोलन और दांडी मार्च—252

30. गाँधी-इरविन समझौता (1931)—260

31. गोलमेज बैठक (1930-34)—265

32. कम्युनल अवार्ड (अगस्त 1932)—269

33. भारत छोड़ो आन्दोलन (1942-45)—278

34. भारत की आजादी की लड़ाई में महात्मा गाँधी की भूमिका—285

भाग चार : राष्ट्रीय आन्दोलन की कनिष्ठ धाराएँ

35. भारतीय स्वतंत्रता संग्राम और कम्युनिस्ट पार्टी—297

36. कांग्रेस सोशलिस्ट पार्टी और राष्ट्रीय आन्दोलन—303

37. किसान आन्दोलन और स्वतंत्रता संग्राम—312

38. मजदूर आन्दोलन और भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन—318

39. आदिवासी आन्दोलन और भारत का स्वतंत्रता संग्राम—324

40. राष्ट्रीय आन्दोलन में महिलाओं की भूमिका—330

41. राष्ट्रीय आन्दोलन में पिछड़े और दलित वर्गों की भूमिका—337

42. भारत के रजवाड़े और राष्ट्रीय आन्दोलन—345

भाग पाँच  : राष्ट्रीय आन्दोलन और सशस्त्र विद्रोह के विभिन्न प्रयास

43. राष्ट्रीय आन्दोलन और सशस्त्र क्रान्तिकारी आन्दोलन—353

44. गदर पार्टी और राष्ट्रीय आन्दोलन—361

45. क्रान्तिकारी आन्दोलन (1925-1934) और राष्ट्रीय आन्दोलन—368

46. आजाद हिन्द फौज और भारत का स्वतंत्रता संग्राम—376

भाग छ : भारत : स्वतंत्रता और विभाजन की ओर

47. क्रिप्स मिशन (मार्च-अप्रैल 1942)—383

48. कैबिनेट मिशन योजना (1946)—389

49. माउंटबेटन योजना और भारत का विभाजन—396

50. भारत में इस्लामी अलगाववाद : एक ऐतिहासिक सर्वेक्षण—402

51. भारत का विभाजन : विवाद के मुख्य बिन्दु—411

52. राष्ट्रीय आन्दोलन की देन—420

भारत में अंग्रेजी राज : प्रमुख घटना-क्रम—427

Select Bibliography —429

Index—437

The Author

Ram Chandra Pradhan

रामचंद्र प्रधान एक जाने-माने समाजशास्त्री और सामाजिक कार्यकर्ता हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय के रामजस कॉलेज में उन्होंने लगभग चार दशकों तक अध्यापन का कार्य किया है। उन्हें सीनियर फुलब्राइट फेलोशिप और इंडो-कनाडियन शास्त्री फेलोशिप भी प्राप्त हैं। अपनी कई विश्व यात्राओं के दौरान उन्होंने अनेकों चिंतकों के साथ परिसंवाद किया है। वे इंस्टीट्यूट फॉर गांधियन स्टडीज, वर्धा में अवैतनिक अध्यापन का काम करते हैं। आजकल वे भारतीय समाजवादी आंदोलन पर विस्तृत शोधकार्य में संलग्न हैं।

Customers who bought this also bought

WRITE YOUR OWN REVIEW