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Naye Nibandh   

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Author Shyamji Gokul Verma
Features
  • ISBN : 818582844X
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more
  • Kindle Store

More Information

  • Shyamji Gokul Verma
  • 818582844X
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2016
  • 244
  • Hard Cover

Description

विषय-सूची

निबंध की रचना-विधि — Pgs. ११-१२

ऋतुओं तथा त्योहारों संबंधी निबंध — Pgs. १३-२१

भारत की छः ऋतुएँ, वैशाखी मेला, होली, वर्षा ऋतु, दीपावली, स्वाधीनता दिवस, गणतंत्र दिवस।

पिकनिक, सैर, यात्रा, विदेश संबंधी निबंध — Pgs. २२-३९

पिकनिक (उद्यानिका), चाँदनी रात में नौका-विहार, प्रातःकालीन भ्रमण, पर्वत शिखर पर कोई मंदिर : श्रीअमरनाथ, दिल्ली के दर्शनीय स्थल, मेरी पर्वत यात्रा, एक प्रदर्शनी, पठानकोट से श्रीनगर तक की यात्रा अथवा एक यात्रा, प्रभातकाल में नदी तट की सैर, पर्यटन के लाभ, मॉरीशस में हिंदी, भारत से दूर एक छोटा भारत : फीजी, विश्व के प्रमुख संगठन।

दुर्घटना, दैवी विपत्ति संबंधी निबंध — Pgs. ४०-४५

एक दुर्घटना, भूकंप, सागर में तूफान, बाढ़ का दृश्य।

शिक्षा तथा विद्यालय संबंधी निबंध — Pgs. ४६-६०

विद्यार्थी जीवन (छात्र जीवन), अध्ययन का आनंद, पुस्तकालय एवं उसके लाभ, यदि मैं प्रधानाचार्य होता, हमारे विद्यालय का वार्षिकोत्सव, विद्यार्थी और अनुशासन, सह-शिक्षा, हमारे विद्यालय का पुस्तकालय, मेरे विद्यालय में पारितोषिक वितरण समारोह, वर्तमान शिक्षा-प्रणाली के गुण-दोष, विद्यार्थी और फैशन।

हिंदी भाषा और साहित्य संबंधी निबंध — Pgs. ६१-६६

राष्ट्रीय एकता का माध्यम हिंदी, राष्ट्रभाषा के विकास के उपाय, जीवन में साहित्य का स्थान, रामचरितमानस से शिक्षा।

स्वास्थ्य, खेलकूद, मनोरंजन संबंधी निबंध — Pgs. ६७-७२

स्वास्थ्य रक्षा, मनोरंजन के आधुनिक साधन, आधुनिक खेल और उनका महत्त्व, मैंने ग्रीष्मावकाश कैसे बिताया, मनुष्य की उन्नति में खेलों का स्थान।

राष्ट्रीयता संबंधी निबंध — Pgs. ७३-८०

भारतीय संस्कृति, हमारा प्यारा भारत, देशभक्ति, कैसा नेता चाहिए, जीवन में राष्ट्रीयता का महत्त्व, हमारे गाँव।

भावात्मक (भावनाप्रधान) निबंध — Pgs. ८१-९२

युवकों का देश के प्रति कर्तव्य, सदाचार (सच्चरित्रता), जीवन एक संग्राम है, मेरा जीवन-लक्ष्य—इंजीनियर बनना, अवकाश का सदुपयोग, समय का सदुपयोग, साहस ही जीवन है, स्वावलंबन, सत्संग के लाभ।

विचारात्मक (तर्कप्रधान) निबंध — Pgs. ९३-१०८

बेकारी की समस्या, सांप्रदायिकता और जातिवाद की समस्या, प्रदूषण की समस्या, बढ़ती जनसंख्या की समस्या, भ्रष्टाचार की समस्या, दहेज की समस्या, महँगाई और उसे रोकने के उपाय, भारतीय समाज में नारी का स्थान, निर्धनता : वरदान या अभिशाप, योग्यता और व्यवसाय, वृक्षारोपण।

आत्मकथात्मक निबंध — Pgs. १०९-११७

फूल की आत्मकथा, बस की आत्मकथा, हमारा पड़ोसी, मेरा गाँव, विद्यार्थी की आत्मकथा, एक सैनिक की आत्मकथा, फुटबाल का मैच खेलना।

विज्ञान तथा वैज्ञानिक आविष्कार संबंधी निबंध — Pgs. ११८-१२९

विज्ञान से लाभ और हानियाँ, विज्ञान के आविष्कार, भारत के प्रमुख वैज्ञानिक, विज्ञापन—विज्ञान या कला, रेडार, चलचित्रों से हानि-लाभ, टेलीविजन : लाभ एवं हानियाँ।

सूक्तिपरक निबंध — Pgs. १३०-१३८

दैव-दैव आलसी पुकारा, बुरा जो देखन मैं चला बुरा न मिलिया कोय, बीती ताहि बिसार दे, आगे की सुधि लेय, करत-करत अभ्यास के जड़मति होत सुजान, परहित सरिस धर्म नहिं भाई, मधुर भाषण।

महापुरुषों संबंधी निबंध — Pgs. १३९-१६३

महात्मा बुद्ध, सम्राट् अशोक, स्वामी विवेकानंद, लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक, एक क्रांतिकारी महर्षि : अरविंद, महात्मा गांधी, स्वामी रामतीर्थ, महामना मदनमोहन मालवीय, पं. जवाहरलाल नेहरू, गुरुजी माधवराव सदाशिवराव गोलवलकर, डॉ. राजेंद्र प्रसाद, विश्वकवि रवींद्रनाथ टैगोर, डॉ. चंद्रशेखर वेंकट रमन, लोकनायक जयप्रकाश नारायण, डॉ. होमी जहाँगीर भाभा, श्रीमती इंदिरा गांधी।

कवियों, लेखकों संबंधी निबंध — Pgs. १६४-१८३

निर्गुण संत कबीर, गोस्वामी तुलसीदास, भारतेंदु हरिश्चंद्र, मेरा प्रिय कवि : मैथिलीशरण गुप्त, जयशंकर ‘प्रसाद’, सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’, सुमित्रानंदन पंत, महादेवी वर्मा, रामधारीसिंह ‘दिनकर’, आचार्य महावीरप्रसाद द्विवेदी, आचार्य रामचंद्र शुक्ल, आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी, मेरा प्रिय उपन्यासकार : मुंशी प्रेमचंद, गजानन माधव मुक्तिबोध, गिरिजा कुमार माथुर, धर्मवीर भारती।

निबंधों की रूपरेखाएँ — Pgs. १८४-१९२

लालकिला की सैर, ग्रीष्म ऋतु, झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई, स्वामी दयानंद, जय जवान जय किसान, विद्युत् का चमत्कार, मेरी सबसे प्रिय पुस्तक, आदर्श नागरिक, विश्व-शांति, छात्रों में अनुशासनहीनता, चरित्र-निर्माण, यदि मेरी लॉटरी निकल आए तो, क्रिकेट मैच, चिडि़याघर की सैर, सब दिन होत न एक समान, समरथ कहुँ नहिं दोष गुसाईं, दादा बड़ा न भैया, सबसे बड़ा रुपैया, मित्रता, ईश्वर-विश्वास, गुरुभक्ति, नम्रता, चापलूसी, धैर्य, व्यापार और उन्नति, दया, व्यायाम, ज्ञानी जैलसिंह, रक्षाबंधन, दशहरा या विजयादशमी।

पत्र-लेखन — Pgs. १९३-२२५

सार-लेखन — Pgs. २२६-२३२

मुहावरे और लोकोक्तियाँ — Pgs. २३३-२४४

The Author

Shyamji Gokul Verma

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