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Natya Shastra Aur Rangmanch

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Author Deenanath Sahani
Features
  • ISBN : 9788177211436
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 2011
  • ...more

More Information

  • Deenanath Sahani
  • 9788177211436
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 2011
  • 2011
  • 232
  • Hard Cover
  • 470 Grams

Description

संस्कृत का नाट्य-साहित्य सबसे प्राचीन है। और भरतमुनि का नाट्य-शास्‍‍त्र दुनिया का प्राचीनतम नाट्य-ग्रंथ है। वह आज भी सुरक्षित है। अनेक भारतीय और विदेशी भाषाओं में संस्कृत नाटकों का अनुवाद हुआ है।
हर क्षेत्र में स्थानीय भाषाओं में लोक-नाटक मिलते हैं। इनमें स्थानीय गीत और नृत्य की प्रमुखता होती है। इस तरह के लोक-नाट्यों के रचनाकार और दर्शक स्थानीय व्यक्‍ति होते हैं। ये लोक-नाट्य पीढ़ी-दर-पीढ़ी चले आ रहे हैं। ये कितने पुराने हैं, यह कहना कठिन है।
नाट्य एक अद‍्भुतकला है। जब नाटक लिखा जाता है तो वह साहित्य है, मंचित होता है तो वह विज्ञान है, तकनीक है; क्योंकि उसमें अनेक ऐसी विधाओं का समावेश हो जाता है, जो लेखन से अलग होती हैं। मसलन निर्देशन, अभिनय, मंच व्यवस्था, सेट डिजाइन, मेकअप, दरजी के काम, बढ़ई के काम, प्रकाश-संचालन, वस्‍‍त्र-विन्यास, ध्वनि-उत्पादन, निर्माण आदि।
हिंदी नाट्य एवं रंगमंच का विस्तृत विवरण प्रस्तुत करती एक उपयोगी पुस्तक।

The Author

Deenanath Sahani

जन्म : बंडिल, वर्दमान (प. बंगाल)।
शिक्षा : पी-एच.डी., एम.ए.एम.सी., पी.जी.डी.जे.।
प्रकाशन : ‘सागरमाथा’, ‘काल कपाल’ (उपन्यास), ‘टूटते दायरे’, ‘जिस्मों में कैद दास्तानें’, ‘एक और उमराव’ (कहानी-संग्रह), ‘सूर्य का निर्वासन’, ‘पैरों के गुमनाम निशान’, ‘अपने ही शहर में’, ‘चाँद पर आवास’, ‘कागज के रथ’ (कविता-संग्रह), ‘बलि’ (नाटक), ‘हिंदी पत्रकारिता और डॉ. धर्मवीर भारती’ (शोध-प्रबंध), ‘महान् गणितज्ञ एवं खगोलविद् आर्यभट’, ‘भास्कराचार्य’ (विज्ञान), ‘समकालीन रंगमंच’, ‘नाट्यशास्त्र और रंगमंच’, ‘नाद-निनाद’ (कला-संस्कृति), ‘रंगमंच की प्रसिद्ध विभूतियाँ’, ‘अक्षरों के सितारों की बातें’ (साक्षात्कार), ‘भारत में हिंदी पत्रकारिता’, ‘हिंदी पत्रकारिता के विविध आयाम’, ‘एड्स : समाज और मीडिया’ (पत्रकारिता), ‘नालंदा विश्वविद्यालय का इतिहास’, ‘भगवान् बुद्ध और बिहार’ (इतिहास), ‘बिहार की सांस्कृतिक यात्रा’, ‘बिहार के सौ रत्न’ (बिहार सरकार द्वारा प्रकाशित, लेखन सहयोग)।
पुरस्कार-सम्मान : बिहार कलाश्री पुरस्कार, बिहार हिंदी ग्रंथ अकादमी से पुरस्कृत, नूर फातिमा मेमोरियल अवार्ड, डॉ. चतुर्भुज पत्रकारिता पुरस्कार, साहित्य सम्मान, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा राजकीय कला पुरस्कार।
संप्रति : दैनिक जागरण, पटना में वरिष्ठ पत्रकार एवं पटना विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग में विजिटिंग प्राध्यापक।

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