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Mridula Garg Ki Lokpriya Kahaniyan   

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Author Mridula Garg
Features
  • ISBN : 9789351862796
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more

More Information

  • Mridula Garg
  • 9789351862796
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2018
  • 176
  • Hard Cover

Description

कोई कहानी क्यों लोकप्रिय होती है, कहना आसान नहीं है। पर कुछ मापदंड अवश्य हैं। प्रस्तुत संग्रह में 1972 से लेकर 2014 तक की प्रकाशित कहानियाँ शामिल हैं। कहानियों का प्रथम प्रकाशन वर्ष कहानी के नीचे दिया हुआ है। पुस्तक रूप में प्रकाशित होने से पहले हर कहानी किसी-न-किसी लोकप्रिय पत्रिका में प्रकाशित हुई थी; लोकप्रियता का एक कारण यह भी हो सकता है।
अन्य कई कहानियाँ जैसे मधुप पत्रकार (1975), तुक (1979), मेरे देश की मिट्टी अहा (1998), वो दूसरी (2003) और सितम के फनकार (2014) कहानियाँ आइरनी या कटाक्ष के कारण लोकप्रिय हुईं। ‘मधुप पत्रकार’ और ‘सितम के फनकार’ में प्रमुख पात्र पुरुष है, अन्य में स्त्री, पर उन्हें लोकप्रियता स्त्री अथवा पुरुष के सूक्ष्म चित्रण के कारण नहीं, बड़े लोगों के बड़बोलेपन में छिपे स्वार्थ, अर्थलोलुपता और अतिशय संवेदनहीनता का पर्दाफाश करने के कारण मिली। 1975 से 2014 के वक्फे में ‘मधुप पत्रकार’ से ‘सितम के फनकार’ तक, तंज या आइरनी का रंग-रूप तीखा होता गया और उसकी व्यंजना ज्यादा सूक्ष्म।
सुप्रसिद्ध कथाकार मृदुला गर्ग की कहानियाँ ऐसी हैं कि पाठक अपने जीवन और व्यक्तित्व से नितांत भिन्न, अब तक अनजान चेहरों को देख पहले यकीन नहीं करता, झुँझलाता है, पर आखिरकार रोमांचित होकर कहानी कई बार पढ़ जाता है।

The Author

Mridula Garg

रचना-संसार : ‘उसके हिस्से की धूप’, ‘वंशज’, ‘चित्तकोबरा’, ‘अनित्य’, ‘मैं और मैं’, ‘कठगुलाब’ और ‘मिलजुल मन’ (उपन्यास)। ‘कठगुलाब’ दिल्ली वि.वि. के बी.ए. पाठ्यक्रम तथा अनेक विश्वविद्यालयों में स्त्री-रचना/विमर्श पाठ्यक्रमों में शामिल। संपूर्ण कहानियाँ ‘संगति-विसंगति’ नाम से दो खंडों में प्रकाशित। ‘एक और अजनबी’, ‘जादू का कालीन’, ‘कैद-दर-कैद’ (नाटक); ‘साम दाम दंड भेद’ (बाल-नाटक); ‘रंग-ढंग’, ‘चुकते नहीं सवाल’ (निबंध-संग्रह); ‘कुछ अटके कुछ भटके’ (यात्रा-संस्मरण); ‘मेरे साक्षात्कार’, ‘कृति और कृतिकार’ (संस्मरणात्मक आलोचना); ‘कर लेंगे सब हजम’, ‘खेद नहीं है’ (व्यंग्य-संग्रह); ‘चित्तकोबरा : द जिफ्लेक्टे कोबरा’ नाम से जर्मन तथा ‘चित्तकोबरा’ नाम से अंग्रेजी में अनुवाद प्रकाशित। ‘कठगुलाब’ उपन्यास ‘कंट्री ऑफ गुडबाइज’ नाम से अंग्रेजी में, ‘कठगुलाब’ शीर्षक से मराठी और मलयालम में और ‘वुडरोज’ नाम से जापानी में प्रकाशित।
पुरस्कार-सम्मान : ‘कठगुलाब’ उपन्यास को ‘व्यास सम्मान’ और ‘मिलजुल मन’ को साहित्य अकादेमी पुरस्कार। समय-समय पर युगोस्लाविया, जर्मनी, इटली, डेनमार्क, जापान, अमरीका व रूस आदि देशों के सांस्कृतिक संस्थानों व विश्वविद्यालयों में रचना पाठ किया।
संपर्क : ई 421, (भूतल), ग्रेटर कैलाश भाग-2, नई दिल्ली-110048
दूरभाष : 011-29222140, 09811766775

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