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Jules Verne ki Lokpriya Kahaniyan   

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Author Jules Verne
Features
  • ISBN : 9789386001320
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1
  • ...more
  • Kindle Store

More Information

  • Jules Verne
  • 9789386001320
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1
  • 2016
  • 152
  • Hard Cover

Description

एक-से-एक सुंदर सजावटवाले हैट, खूबसूरत पेड़-पौधे, तरह-तरह के पक्षियों, साँपों और पशुओं की कलात्मक आकृतियाँ, जिन्हें ब्राजील के वनों का परिवेश देकर जीवंत बनाया गया था। कितने ही तरह के केश-विन्यास और जूड़े, सुरुचिपूर्ण और भव्य। उनमें भी ऐसी बारीक कलात्मकता, जिसमें कोई भूल खोजी ही नहीं जा सकती।...और पोलैंड में भी न देखी गई प्रस्तुतियों के उदाहरण यहाँ मौजूद थे, मनभावन रिबनों के फूल और लहराते हुए फीते...सबकुछ अभूतपूर्व था।

यह सारा वृत्तांत मेरे एक दिन के यादगार भरे अनुभव की तसवीर है। शायद मैंने एक बटेर मारी थी। शायद मैंने एक तीतर भी मार गिराया था। शायद मैंने एक किसान को भी घायल किया था...ये सारे वे वाकिए हैं, जिनके साथ ‘शायद’ शब्द जुड़ा हुआ है। लेकिन निस्संदेह मैंने एक पुलिसवाले के हैट पर गोली चलाई थी। मैं बिना लाइसेंस की बंदूक के साथ पकड़ा गया था। मेरा जुर्म किसी दूसरे के नाम चढ़ा दिया गया था। इससे ज्यादा एक नए सीखनेवाले शिकारी के साथ और क्या हो सकता है?
—इसी संग्रह से

प्रसिद्ध कथाकार जूल्स वर्न की रोचक-पठनीय-लोकप्रिय कहानियों का संकलन।

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अनुक्रम

भाषांतरकार एवं संपादक की भूमिका — Pgs. 5

1. एक डॉक्टर की रहस्यमयी कथा — Pgs. 13

2. एक नायाब शहर — Pgs. 23

3. शिकारगाह में दस घंटे — Pgs. 47

4. 2889 के साल में — Pgs. 69

5. गिल ब्राल्टर — Pgs. 91

6. गुब्बारे में रोमांचक यात्रा — Pgs. 100

7. समुद्री यान के विद्रोही — Pgs. 128

The Author

Jules Verne

जन्म 8 फरवरी, 1828 को पश्‍च‌िमी फ्रांस के समुद्र-तटीय के शहर नांत्स में हुआ। जूल्स वर्न पाँच भाई-बहनों में सबसे बड़े थे। उनका बचपन अपने माता-पिता के साथ बीता। नौ वर्ष की उम्र में उन्हें और उनके भाई पॉल को सेंट डोनेशियन कॉलेज के बोर्डिंग स्कूल में भरती कराया गया। जूल्स वर्न घुमक्कड़ी के शौकीन थे।
प्रारंभिक शिक्षा पूरी करने के बाद जूल्स वर्न वकालत की पढ़ाई के लिए पेरिस चले गए। वहाँ उनका रुझान नाटक-लेखन की ओर बढ़ता गया। उन्होंने थिएटर के लिए अनेक नाटक लिखे। साथ ही बड़े शौक से कुछ यात्रा-कथाएँ भी लिखीं, जिनमें उनका मन रमने लगा।
अमेरिकी लेखक एडगर एलन पो की कहानियों से जूल्स वर्न बहुत प्रभावित हुए। वो अपनी कहानियों में विज्ञान की संभावनाओं का प्रयोग करते थे। उनकी कहानी ‘द बैलून हॉक्स’ से प्रभावित होकर जूल्स वर्न ने आगे चलकर ‘फाइव वीक्स इन अ बैलून’ और ‘अराउंड द वर्ल्ड इन एटी डेज’ जैसी प्रसिद्ध पुस्तकें लिखीं।
जूल्स वर्न ने अपना पहला उपन्यास ‘ए वॉएज इन अ बैलून’ सन् 1851 में लिखा। जूल्स वर्न को अद‍्भुत रोमांचक यात्रा-कथाओं का शिल्पी माना जाता है।

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