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Islam Aur Shakahar   

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Author Muzaffar Hussain
Features
  • ISBN : 9789386871275
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more

More Information

  • Muzaffar Hussain
  • 9789386871275
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2018
  • 144
  • Hard Cover

Description

सुप्रसिद्ध चिंतक और लेखक श्री मुजफ्फर हुसैन की यह पुस्तक ‘इसलाम और शाकाहार’ कुरान और हदीस की रोशनी में लिखी गई है। कुरान के विभिन्न अध्यायों में हिंसा से दूर रहने की जो सीख दी गई है तथा हदीस और कुरान में किस हद तक शाकाहार का समर्थन किया गया है, उसे बहुत कुशलता व सुगमता से प्रस्तुत किया गया है। इसमें ऐसे-ऐसे रहस्य उद‍्घाटित किए गए हैं जिन्हें पढ़कर आश्‍चर्य होता है। यह लिखा जाना कि ‘जब इसलाम एक जूँ तक को मारने का आदेश नहीं देता है तो फिर वह विश्‍व के किसी भी जीव को मारने की वकालत कैसे कर सकता है?’ कुरान में दिए गए तथ्य के अनुसार, जब ईश्‍वर ने शाकाहार को ही उदरपूर्ति के लिए चुना था तो यह नहीं कहा जा सकता है कि इसलाम शाकाहार का समर्थक नहीं है। वास्तविकता यह है कि इसलाम ने शाकाहारी बनने के लिए असंख्य स्थानों पर प्रेरित किया है। पुस्तक के तीसरे अध्याय का शीर्षक है—‘गाय और कुरान’, जो कृषि एवं भारतीयता के मर्म को स्पष्‍ट करता है। गाय चूँकि भारतीय अर्थव्यवस्था और अध्यात्म का प्राण है, इसलिए लेखक ने इस विषय पर सार्थक चर्चा की है। बकरा ईद के समय धर्म के नाम पर जिस तरह से हिंसा होती है उसकी इसलाम किस हद तक आज्ञा देता है, इसे कुरान की आयतों द्वारा समझाने का महत्त्वपूर्ण प्रयास किया गया है। ‘इसलाम और जीव-दया’ तथा ‘इसलामी साहित्य में शाकाहार’ अध्यायों में की गई चर्चा रोचक व प्रशंसनीय है। ‘इक्कीसवीं शताब्दी शाकाहार की’ अध्याय में लेखक ने चौंका देनेवाले रोचक तथ्य प्रस्तुत किए हैं। निस्संदेह यह कृति भ्रमों को तोड़ने और मिथकों को दूर करने का महत्त्वपूर्ण कार्य करती है।

The Author

Muzaffar Hussain

जन्म : सन् 1945 में बिजोलियाँ, राजस्थान में।
शिक्षा : स्नातक की उपाधि नीमच महाविद्यालय (विक्रम विश्‍वविद्यालय) से प्राप्‍त की। एल-एल.बी. (प्रथम श्रेणी) मुंबई विश्‍वविद्यालय से। पत्रकारिता का अध्ययन मुंबई में ही।
कृतित्व : व्यवसाय के रूप में पत्रकारिता को अपनाया। हिंदी और गुजराती के विभिन्न अखबारों में अपनी सेवाएँ प्रदान कीं। औरंगाबाद के दैनिक ‘देवगिरी समाचार’ में सलाहकार संपादक के पद पर काम किया।
प्रकाशन : हिंदी, मराठी, गुजराती और अंग्रेजी में अब तक कुल नौ पुस्तकें प्रकाशित। वर्तमान में देश-विदेश के बयालीस दैनिकों एवं साप्‍ताहिकों में प्रति सप्‍ताह स्तंभ लेखन। वक्‍ता के रूप में प्रतिष्‍ठित संस्थाओं एवं विश्‍वविद्यालयों में नियमित आमंत्रित।
सम्मान/पुरस्कार : राष्‍ट्रीय स्तर के चौदह पुरस्कारों से सम्मानित; 26 जनवरी, 2002 को राष्‍ट्रपति द्वारा ‘पद्मश्री’ सम्मान से सम्मानित।

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