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Gandhi, Nehru, Subhash   

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Author Sardar Patel
Features
  • ISBN : 9788173155956
  • Language : Hindi
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More Information

  • Sardar Patel
  • 9788173155956
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 2021
  • 184
  • Hard Cover

Description

यह आम धारणा है कि सरदार पटेल कांग्रेस के तीन दिग्गजों-महात्मा गांधी, पं. नेहरू और सुभाषचंद्र बोस के खिलाफ थे। किंतु यह मात्र दुष्प्रचार ही है। हाँ कुछ मामलों में-खासकर सामरिक नीति के मामलों में-उनके बीच कुछ मतभेद जरूर थे, पर मनभेद नहीं था। परंतु जैसा कि इस पुस्तक में उद्घाटित किया गया है, सरदार पटेल ने पाकिस्तान को 55 करोड़ रुपए दिए जाने के प्रस्ताव पर गांधीजी का विरोध नहीं किया था; यद्यपि वह समझ गए थे कि ऐसा करने की कीमत चुकानी पड़ेगी। इसी तरह उन्होंने प्रधानमंत्री के रूप में पं. नेहरू के प्रति भी उपयुक्त सम्मान प्रदर्शित किया। उन्होंने ही भारत को ब्रिटिश राष्ट्रमंडल में शामिल करने के लिए पं. नेहरू को तैयार किया था; यद्यपि नेहरू पूरी तरह इसके पक्ष में नहीं थे। जहाँ तक सुभाष चंद्र बोस के साथ उनके संबंधों की बात है, वे सन् 1939 में दूसरी बार सुभाषचंद्र बोस को कांग्रेस का अध्यक्ष चुने जाने के खिलाफ थे। सुभाषचंद्र बोस ने जिस प्रकार सरदार पटेल के बड़े भाई विट्ठलभाई पटेल-जिनका विएना में निधन हो गया था-के अंतिम संस्कार में मदद की थी, उससे दोनों के मध्य आपसी प्रेम और सम्मान की भावना का पता चलता है।
अपने समय के चार दिग्गजों के परस्पर संबंधों और विचारों की झलक देती महत्त्वपूर्ण पुस्तक।

 

 

The Author

Sardar Patel

जन्म : 31 अक्‍तूबर, 1875 को गुजरात के बोरसद ताल्लुक के करमसद गाँव में।
शिक्षा : सन् 1897 में मैट्रिक तथा 1900 में डिस्ट्रिक्ट प्लीडर (जिला अधिवक्‍ता) की परीक्षाएँ उत्तीर्ण कीं। सन् 1910 में विलायत चले गए, जहाँ रोमन लॉ की परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की।
स्वतंत्रता से पहले ही सन् 1946 में पं. नेहरू की अंतरिम सरकार में गृह और सूचना एवं प्रसारण विभाग का कार्यभार सँभाला। एक उच्च कोटि के प्रशासक के रूप में ख्यात हुए।
स्वतंत्रता के बाद देश की 600 से अधिक छोटी-बड़ी रियासतों को मिलाकर भारत को एकता के सूत्र में बाँधने का महत्त्वपूर्ण और ऐतिहासिक कार्य किया। ‘लौह पुरुष’ के उपनाम से प्रसिद्ध।
निधन : 15 दिसंबर, 1950 को।

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