Prabhat Prakashan, one of the leading publishing houses in India eBooks | Careers | Events | Publish With Us | Dealers | Download Catalogues
Helpline: +91-7827007777

Devendra Satyarthi Ki Lokpriya Kahaniyan   

₹250

Out of Stock
  We provide FREE Delivery on orders over ₹1500.00
Delivery Usually delivered in 5-6 days.
Author Devendra Satyarthi
Features
  • ISBN : 9789351862666
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more
  • Kindle Store

More Information

  • Devendra Satyarthi
  • 9789351862666
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2016
  • 184
  • Hard Cover

Description

हिंदी के विलक्षण यायावर साहित्यकार देवेंद्र सत्यार्थी जितने बड़े लोक-साधक हैं, उतने ही बड़े और ऊँचे कद के कथाकार भी। पूरे बीस बरस तक लोकगीतों की तलाश में गाँव-गाँव भटककर हिंदुस्तान के चप्पे-चप्पे की धूल छान लेनेवाले सत्यार्थीजी के कथा-साहित्य की खासी धूम रही है। 
सत्यार्थीजी की कहानियों में जीवन की घुमक्कड़ी के इतने बीहड़, कठोर और दुस्साहसी अनुभव हैं कि मन उनके साथ बहता चला जाता है। उनकी कहानियों में लोकगीतों का आस्वाद और रस-माधुर्य ही नहीं, फसलों की लहलहाती गंध, खेतों की मिट्टी की खुशबू, गरीब किसान-मजदूरों के लहू और पसीने की गंध, शोषण की आकुल पुकारें तथा दुःख और पीड़ाओं का सैलाब भी है। इसीलिए मंटो ने बड़ी हसरत के साथ उन्हें पत्र लिखा था—‘‘काश, मैं खुशिया होता और आपके साथ-साथ यात्रा करता!’’ 
धरती और खानाबदोशी की गंध लिये ये स्वच्छंद कहानियाँ सिर्फ एक लोकयात्री की कहानियाँ ही हो सकती हैं, जिसने धरती को बड़ी शिद्दत से प्यार किया है और जिंदगी के नए-नए रूपों की तरह अपनी कहानियों को भी नित नए-नए रूपों में सामने आने के लिए खुला छोड़ दिया है। यही वजह है कि सत्यार्थीजी की कहानियाँ औरों से इतनी अलग हैं और वे बीसवीं शताब्दी के समूचे इतिहास तथा लोकजीवन को अपने आप में समोए, अपने समय के अनमोल दस्तावेज सरीखी हैं। बेशक सत्यार्थीजी की कहानियों को पढ़ना अपने समय और इतिहास की गूँजती आवाजों को सुनने की मानिंद है।
—प्रकाश मनु

______________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________

अनुक्रम

भूमिका — Pgs. 5

1. जन्मभूमि — Pgs. 11

2. कुंग पोश — Pgs. 25

3. चाय का रंग — Pgs. 35

4. इकन्नी — Pgs. 52

5. नए देवता — Pgs. 59

6. अन्न देवता — Pgs. 71

7. ब्रह्मचारी — Pgs. 79

8. नए धान से पहले — Pgs. 90

9. अर्चना के पापाजी — Pgs. 103

10. मिस बिलिमोरिया — Pgs. 116

11. फा भूखा है — Pgs. 128

12. ला बोहीम — Pgs. 137

13. दो घोड़े की बोसकी — Pgs. 146

14. जंगल-जंगल — Pgs. 159

15. नानाजी दंदे — Pgs. 175

The Author

Devendra Satyarthi

जन्म : 28 मई, 1908 को पंजाब के भदौड़ गाँव (जिला संगरूर) में। 
रचना-संसार : ‘धरती गाती है’, ‘धीरे बहो गंगा’, ‘बेला फूले आधी रात’, ‘चित्रों में लोरियाँ’, ‘बाजत आवे ढोल’, ‘गिद्धा’, ‘दीवा बले सारी रात’, ‘पंजाबी लोक-साहित विच सैनिक’, ‘मैं हूँ खानाबदोश’, ‘गाए जा हिंदुस्तान’, ‘मीट माई पीपल’ (लोक-साहित्य), ‘चट्टान से पूछ लो’, ‘चाय का रंग’, ‘नए धान से पहले’, ‘सड़क नहीं बंदूक’, ‘घूँघट में गोरी जले’, ‘मिस फोकलोर’, ‘देवेंद्र सत्यार्थी की चुनी हुई कहानियाँ’, ‘दस प्रतिनिधि कहानियाँ’, ‘कुंगपोश’, ‘सोनागाछी’, ‘देवता डिग पेया’, ‘तिन बुहियाँवाला घर’, ‘पेरिस दा आदमी’, ‘नीली छतरीवाला’, ‘नए देवता’, ‘बाँसुरी बजती रही’ (कहानी-संग्रह), ‘रथ के पहिए’, ‘ब्रह्मपुत्र’, ‘कठपुतली’, ‘दूधगाछ’, ‘कथा कहो उर्वशी’, ‘तेरी कसम सतलुज’, ‘घोड़ा बादशाह’, ‘विदा दीपदान’, ‘सूई बाजार’ (उपन्यास), ‘चाँद-सूरज के बीरन’, ‘नीलयक्षिणी’, ‘हैलो गुडमैन दि लालटेन’, ‘नाच मेरी  बुलबुल’  (आत्मकथा),  ‘सफरनामा पाकिस्तान’ (यात्रा-वृत्तांत), ‘देवेंद्र सत्यार्थी  नब्बे बरस का सफर’, ‘मेरे साक्षात्कार’ (साक्षात्कार)। इसके अलावा बाल साहित्य, अनुवाद और संपादन के क्षेत्र में बहुत काम किया।
साहित्य सेवा के लिए भारत सरकार द्वारा ‘पद्म श्री’ के अलावा हिंदी अकादमी, दिल्ली समेत अनेक संस्थाओं से सम्मानित। 
स्मृतिशेष : 12 फरवरी, 2003।

Customers who bought this also bought

WRITE YOUR OWN REVIEW