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Bharat Ki Rashtriya Ekta   

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Author L.M. Singhvi
Features
  • ISBN : 9788173156359
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more
  • Kindle Store

More Information

  • L.M. Singhvi
  • 9788173156359
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2011
  • 176
  • Hard Cover

Description

मनुष्यता की जय-यात्रा के लिए; न्याय, स्वातंत्र्य और बंधुता के लिए मनुष्यता के सकरुण संवेदन को आत्मसात् करते हुए राष्ट्रीय एकता की आराधना करना हमारा परम कर्तव्य है। वह कर्तव्य आज हमारा राष्ट्रीय वेदवाक्य हो, अणुव्रत हो, धर्म का शासन माना जाए। न्याय के पथ से प्रविचलित हुए बिना मनुष्यता और राष्ट्रीयता के प्रति हम निष्ठा से विचार करें और तदनुरूप सच्चाई के साथ आचरण करें।
यह अद्भुत है देश जहाँ संदेश एक, भाषा अनेक हैं, हर भाषा में यहाँ पुरातन-अधुनातन का होता संगम; यह सतरंगी इंद्रधनुष का देश, भारत की राष्ट्रीय एकता यहाँ रंगों का उत्सव, गूँज रहा उत्सव में जीवन के सारे तारों पर सरगम, वेदों-उपनिषदों का सरगम, तीर्थंकर अरिहंत बुद्ध का, यह आँगन नानक, फरीद, तुलसी, कबीर का अनुपम उद्गम!
—इसी पुस्तक से
डॉ. लक्ष्मीमल्ल सिंघवी बहुमुखी तथा बहुविध व्यक्तित्व के धनी थे। एक प्रतिष्ठित विधिवेत्ता एवं संविधानविद् होने के साथ-साथ वे एक कुशल राजनयिक, समर्पित संस्कृतिधर्मी, सहृदय मानवताप्रेमी तथा सफल लेखक-रचनाकार थे। उनका चिंतन, विचार और रचनाकर्म राष्ट्रनिष्ठ था। राष्ट्रवाद के गहरे रस में पगे उनके गद्य और पद्य के कुछ बिंब प्रस्तुत करती है भारत की राष्ट्रीय एकता।

The Author

L.M. Singhvi

डॉ. लक्ष्मीमल्ल सिंघवी भारत के अग्रणी संविधान विशेषज्ञ, लेखक, कवि, संपादक, भाषाविद् और साहित्यकार हैं । भारत के विभिन्न विश्‍वविद्यालयों और अमेरिका के हॉर्वर्ड, कॉर्नेल तथा बर्कले विश्‍वविद्यालयों से पढ़ने-पढ़ाने के लिए संबद्ध रहे । अनेक भारतीय तथा विदेशी विश्‍वविद्यालयों द्वारा सर्वोच्च मानद उपाधियों से अलंकृत । ' न्यायवाचस्पति ', ' साहित्यवाचस्पति ' इत्यादि मानद उपलब्धियों से भी समलंकृत । वर्ष 1974 में कलकत्ता विश्‍वविद्यालय द्वारा मानद टैगोर विधि प्रोफेसर के रूप में चयन ।
लगभग 70 पुस्तकों की रचना या संपादन किया, जिनमें प्रमुख हैं-' जैन टेंपल्स इन ऐंड अराउंड द वर्ल्ड ', ' डेमोक्रेसी एंड रूल ऑफ लॉ ', ' टुवर्ड्स ग्लोबल टुगेदरनेस ', ' टुवर्ड्स ए न्यू ग्लोबल ऑर्डर ', ' ए टेल ऑफ श्री सिटीज ', ' फ्रीडम ऑन ट्रायल ', ' भारत और हमारा समय ', ' संध्या का सूरज ' ( कविताएँ) आदि ।
1998 में प्रतिष्‍ठ‌ित ' पद‍्म विभूषण ' से सम्मानित । सन् 1991 से 1998 तक यूनाइटेड किंगडम में भारत के उच्चायुक्‍त रहे । रोटरी इंटरनेशनल के ' एंबेसेडर ऑफ एक्सीलेंस पुरस्कार ' तथा न्यूयॉर्क में संयुक्‍त राष्‍ट्र संघ के महामंत्री यू थांट के नाम से स्थापित ' शांति पुरस्कार ' से सम्मानित । हेग में स्थायी विवाचन न्यायालय के न्यायमूर्ति ।
वर्ष 1962 में जोधपुर संसदीय क्षेत्र से निर्दलीय चुने गए । 1998 से 2004 तक राज्यसभा के सदस्य रहे ।
भारतीय विद्या भवन इंटरनेशनल, इंदिरा गांधी नेशनल सेंटर फॉर आर्ट्स तथा इंडिया इंटरनेशनल सेंटर के पूर्व अध्यक्ष । जमनालाल बजाज एवं ज्ञानपीठ पुरस्कारों के प्रवर मंडलों तथा गांधीजी द्वारा स्थापित सस्ता साहित्य मंडल के अध्यक्ष । 1200 से अधिक राष्‍ट्रीय व अंतरराष्‍ट्रीय सामाजिक-सांस्कृतिक संस्थाओं के संरक्षक-संस्थापक ।
संप्रति : ' साहित्य अमृत ' मासिक के संपादक ।

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