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Vidya Nivas Misra

Vidya Nivas Misra

स्व. पं. विद्यानिवास मिश्र हिंदी और संस्कृत के अग्रणी विद्वान् प्रख्यात निबंधकार, भाषाविद् और चिंतक थे । उनका जन्म 14 जनवरी, 1926 को गोरखपुर जिले के ' पकड़डीहा ' ग्राम में हुआ था । प्रारंभ में सरकारी पदों पर रहे, 1957 से ही गोरखपुर विश्‍वविद्यालय, आगरा विश्‍वविद्यालय, काशी हिंदू विश्‍वविद्यालय, काशी विद्यापीठ और फिर संपूर्णानंद संस्कृत विश्‍वविद्यालय में प्राध्यापक, आचार्य, निदेशक, अतिथ‌ि आचार्य और कुलपति आदि पदों को सुशोभित किया ।
कैलीफोर्निया और वाशिंगटन विश्‍वविद्यालयों में भी अति‌थ‌ि प्रोफेसर रहे । ' नवभारत टाइम्स ' के प्रधान संपादक, ' इनसाइक्लोपीडिया ऑफ हिदुइज्म ' के प्रधान संपादक ( भारत), ' साहित्य अमृत ' ( मासिक) के संस्थापक संपादक और इंदिरा गांधी राष्‍ट्रीय कला केंद्र, दिल्ली तथा वेद- पुराण शोध संस्‍थापक, नैमिषारण्य के मानद सलाहकार रहे ।
अपनी साहित्यिक सेवाओं के लिए वे भारतीय ज्ञानपीठ के ' मूर्तिदेवी पुरस्कार ', के.के. बिड़ला फाउंडेशन के ' शंकर सम्मान ', उत्तर प्रदेश संस्कृत अकादमी के सर्वोच्च ' विश्‍व भारती सम्मान ', ' पद‍्मश्री ' और ' पद‍्मभूषण ', ' भारत भारती सम्मान ', ' महाराष्‍ट्र भारती सम्मान ', ' हेडगेवार प्रज्ञा पुरस्कार ', साहित्य अकादेमी के सर्वोच्च सम्मान ' महत्तर सदस्यता ', हिंदी साहित्य सम्मेलन के ' मंगला प्रसाद पारितोषिक ' तथा उ.प्र. संगीत नाटक अकादमी के ' रत्न सदस्यता सम्मान ' से सम्मानित किए गए । अगस्त 2003 में भारत के राष्‍ट्रपति ने उन्हें राज्यसभा के लिए नामित किया ।
उनके विपुल साहित्य में व्यक्‍त‌ि-व्यंजक निबंध संग्रह, आलोचनात्मक तथा विवेचनात्मक कृतियाँ, भाषा-चिंतन के क्षेत्र में शोधग्रंथ और कविता संकलन सम्मिलित हैं ।
महाप्रयाण : 14 फरवरी, 2005 को ।