Prabhat Prakashan, one of the leading publishing houses in India eBooks | Careers | Events | Publish With Us | Dealers | Download Catalogues
Helpline: +91-7827007777

Rajesh Kumar

Rajesh Kumar

जन्म : पटना में।
शिक्षा : भागलपुर विश्‍वविद्यालय से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में स्नातक।
कृतित्व : एक दर्जन कहानियाँ और दो दर्जन नुक्कड़ नाटक, जिनकी हजारों सफल प्रस्तुतियाँ हो चुकी हैं। उनमें कुछ चर्चित नुक्कड़ नाटक हैं—‘जनतंत्र के मुर्गे’, ‘हमें बोलने दो’, ‘जिंदाबाद-मुर्दाबाद’, ‘रँगा सियार’, ‘भ्रष्‍टाचार का अचार’। ‘झोंपड़पट्टी’, ‘आखिरी सलाम’, ‘अंतिम युद्ध’, ‘गांधी ने कहा था’, ‘घर वापसी’, ‘मार पराजय’, ‘हवन कुंड’, ‘कह रैदास खलास चमारा’ और ‘असमाप्‍त संवाद’ (पूर्णकालिक नाटक)। ‘हमें बोलने दो’, ‘जनतंत्र के मुर्गे’, ‘कोरस का संवाद’ और ‘जमीन हमारी है’ पाँच नुक्कड़ नाटक, भ्रष्‍टाचार का अचार (नुक्कड़ नाटक-संग्रह) तथा एकल नाटक संग्रह ‘शताब्दी की परछाइयाँ’ प्रकाशित।

सम्मान : ‘नई धारा रचना सम्मान’, साहित्य कला परिषद्, दिल्ली की ओर से नाट्य-लेखन के लिए ‘मोहन राकेश सम्मान’।
संप्रति : उ.प्र. पावर कॉरपोरेशन में अधिशासी अभियंता।

Books by Rajesh Kumar