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222 Shikshaprada Bodh Kathayen

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Author Shiv Kumar Goyal
Features
  • ISBN : 9789380186795
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more
  • Kindle Store

More Information

  • Shiv Kumar Goyal
  • 9789380186795
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2018
  • 184
  • Hard Cover
  • 370 Grams

Description

नीतिशास्‍‍त्र में कहा गया है कि यदि किसी को अपना मानव जीवन सार्थक करना हो तो उसे सत्पुरुषों का सत्संग, धर्मशास्‍‍त्रों तथा सत्साहित्य का अध्ययन करना चाहिए। गीता में कहा गया है कि जो महापुरुषों के श्रीमुख से कल्याणकारी बातें सुनकर उनकी उपासना-अनुसरण करते हैं, उनका जीवन सहज ही में आदर्श बन जाता है।
222 शिक्षाप्रद बोध कथाएँ में रामायण, महाभारत, पुराणों, वेदों, उपनिषदों की कथाएँ और संत, महात्माओं व विभिन्न क्षेत्रों के प्रमुख महापुरुषों के प्रेरणाप्रद जीवन के आख्यानों और दृष्‍टातों को सरल भाषा में कथाओं के रूप में चुनकर प्रस्तुत किया गया है। ये बोध कथाएँ मनुष्य के लिए 'दीप स्तंभ’ का काम करती हैं। हमारी निराशा-हताशा दूर कर हमें कर्मनिष्‍ठ बनने की प्रेरणा देती हैं।
आशा है, पाठक इनसे धर्ममय जीवन जीने, संस्कारित बनने तथा राष्‍ट्रभक्‍ति की प्रेरणा प्राप्‍त कर सकेंगे।

The Author

Shiv Kumar Goyal

जन्म : 31 अक्‍तूबर, 1938 को पिलखुवा (गाजियाबाद) में।
सन् 1967 में हिंदुस्थान समाचार (संवाद समिति) के संपादकीय विभाग में नियुक्‍त। 1968 में संसद् की कार्यवाही की रिपोर्टिंग शुरू की। आकाशवाणी तथा दूरदर्शन से संसद् समीक्षा, सामयिकी तथा साक्षात्कार प्रसारित।
प्रकाशन : 1962 के शहीदों पर ‘हिमालय के प्रहरी’, जिसकी भूमिका राष्‍ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्‍त ने लिखी। ‘धर्म-क्षेत्रे’ (प्रेरक प्रसंग), ‘हमारे वीर जवान’, ‘माटी है बलिदान की’, ‘अमर सेनानी सावरकर’, ‘नेताजी सुभाषचंद्र बोस’, ‘लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक’, ‘स्वामी विवेकानंद जीवन और विचार’, ‘भारत की वीर गाथाएँ’, ‘न्याय की कहानियाँ’, ‘सबसे बड़ी जीत’ (बाल साहित्य), ‘222 शिक्षाप्रद बोध कथाएँ’, ‘201 प्रेरक नीति कथाएँ’, ‘सोने का महल’, ‘कारगिल के वीर’, ‘शहीदों की गाथाएँ’, ‘जवानों की गाथाएँ’ आदि तीन दर्जन से अधिक पुस्तकें प्रकाशित।
सम्मान-पुरस्कार : कुशल संपादन के लिए स्वर्ण पदक, कोलकाता के प्रसिद्ध बड़ा बाजार कुमारसभा पुस्तकालय का ‘भाई हनुमानप्रसाद पोद्दार राष्‍ट्रसेवा सम्मान’, केंद्रीय हिंदी संस्थान का ‘गणेशशंकर विद्यार्थी पत्रकारिता सम्मान’।

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