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Neurotherapy Dwara Swastha Jeevan   

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Author Ramgopal Dixit
Features
  • ISBN : 9789351868552
  • Language : HINDI
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1
  • ...more
  • Kindle Store

More Information

  • Ramgopal Dixit
  • 9789351868552
  • HINDI
  • Prabhat Prakashan
  • 1
  • 2019
  • 128
  • Hard Cover

Description

भारत ऋषि-मुनियों का देश है। हमारे  ऋषि-मुनि  अपने आध्यात्मिक अनुभव के आधार पर भारत के सामान्य जन के लिए जो उपयोगी एवं आवश्यक है, वह सब समाज तक पहुँचाने का काम करते रहे हैं। अनेक भौतिक सुख, उपयोगी संसाधनों से दूर प्रकृति के नजदीक एवं प्रकृति की गोद में रहकर वे सिर्फ और सिर्फ मानव-कल्याण के लिए अनुष्ठान करते थे। ऋषि नई-नई खोज तो करते थे, लेकिन कभी भी उनपर अपना एकाधिकार प्रस्तुत नहीं करते थे। इसी महान् परंपरा के कारण उन्होंने दुनिया को 0, दशमलव, पाई, सात स्वर, 1 से 9 तक की संख्या, ज्योतिषकाल, काल-गणना एवं रोग-मुक्ति होने के अलावा स्वस्थ जीवन जीने के लिए एक जीवन-पद्धति के रूप में आयुर्वेद जैसा बहुत बड़ा स्वास्थ्य-विज्ञान जगत् को दिया।
यह पुस्तक न्यूरोथेरैपी के विशद ज्ञान को जन-जन तक पहुँचाने का एक विनम्र प्रयास है। इसमें इस विधा का बहुत सरल-सुबोध शब्दों में विवरण दिया है, जिसके व्यावहारिक उपयोग से हम रोगमुक्त होकर स्वस्थ जीवन जी सकते हैं।

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अनुक्रम

लेखकीय — Pgs. 5

अभिमत — Pgs. 7

भूमिका — Pgs. 9

1. आदरणीय श्री लाजपतराय मेहरा — Pgs. 13

2. न्यूरोथेरैपी चिकित्सा — Pgs. 15

3. न्यूरोथेरैपी एवं अन्य चिकित्सा पद्धतियों की मान्यताएँ — Pgs. 16

4. अनुभव-जनित सूत्र (फॉर्मूले) एवं उपचार — Pgs. 22

5. उपचार देने के लिए फॉर्मूर्ल एवं उनका उपयोग — Pgs. 24

6. न्यूरोथेरैपी : आज के विश्व की आवश्यकता — Pgs. 40

7. न्यूरोथेरैपी की विशेषताएँ — Pgs. 42

8. सुंदरता एवं आरोग्य देनेवाली पद्धति — Pgs. 49

9. न्यूरोथेरैपी पद्धति का वैदिक या प्राचीन इतिहास — Pgs. 51

10. नाभि और वैदिक मान्यताएँ — Pgs. 53

11. नाभि-शिराएँ व धमनियों से संबंध — Pgs. 58

12. एसिड-एल्कलाइन की वैदिक मान्यताएँ — Pgs. 91

13. पाद स्पर्श चिकित्सा का वैदिक इतिहास — Pgs. 92

14. नाभि में अमृत एवं नाभि चिकित्सा की वैदिक काल से प्रचलन की घटनाएँ — Pgs. 93

15. न्यूरोथेरैपी के कुछ दबाव बिंदु तथा उनके लाभ — Pgs. 94

16. न्यूरोथेरैपी द्वारा विश्लेषण बिंदु  — Pgs. 114

17. न्यूरोथेरैपी के विशेष प्रयोग — Pgs. 115

18. विभिन्न रोगियों के अनुभव — Pgs. 121

सम्मतियाँ — Pgs. 126

 

The Author

Ramgopal Dixit

सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयः की भावना से संपूर्ण भारत वर्ष के पाँच लाख से अधिक लोगों में चिकित्सा एवं आरोग्य की अलख जगा चुके रामगोपाल दीक्षित न्यूरोथेरैपी, योग एवं ध्यान के विशेषज्ञ हैं। उन्होंने भारतीय पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए आरोग्य पीठ की स्थापना की है।
इतना ही नहीं उन्होंने कैंसर, मोटापा, आर्थराइटिस, थायरॉइड, न्यूरोलॉजिकल, रक्तचाप प्रॉब्लम और आँखों पर चश्मा चढ़ने के कारणों के अलावा मंदबुद्धि बच्चों के पैदा होने की वजह और न्यूरोथेरैपी से उनके निदान के रास्ते निकाले हैं। न्यूरोथेरैपी को वे संसद् से लेकर न्याय परिसरों तक ले गए। दरअसल, उसके पीछे उनकी मेहनत और थेरैपी को लेकर उनका अटूट विश्वास है। उन्होंने न्यूरोथेरैपी एवं ध्यान चिकित्सा से हजारों लोगों को साध्य एवं असाध्य रोगों से रोग मुक्त किया है। उनके कार्य से प्रभावित होकर राष्ट्रपति भवन ने अपने प्रेसिडेंट एस्टेट क्लीनिक में उनकी चिकित्सा सेवाएँ लेनी शुरू की हैं। वे भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के स्स्नष्ट, के माननीय सदस्य भी हैं। वे आध्यात्मिक ऊर्जा से ओतप्रोत एक लेखक, कवि एवं श्रेष्ठ स्वास्थ्य शिक्षक हैं।

 

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