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Bhagini Nivedita

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Author Rachna Bhola 'Yamini'
Features
  • ISBN : 9788192850788
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more
  • Kindle Store

More Information

  • Rachna Bhola 'Yamini'
  • 9788192850788
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2020
  • 136
  • Hard Cover
  • 285 Grams

Description

भगिनी निवेदिता स्वामी विवेकानंदजी की मानस पुत्री थीं जिनका वास्तविक नाम ‘मारग्रेट नोबल’ था पर स्वामीजी के शिष्य उन्हें सम्मान के साथ ‘भगिनी निवेदिता’ कहकर पुकारते थे। बाद में उनका यही नाम प्रचलित हो गया। श्रीअरविंद घोष उन्हें ‘भगिनी निवेदिता’ कहते थे और गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर ने उन्हें ‘लोकमाता’ का संबोधन दिया। उन्होंने तन-मन-धन से भारतवासियों को सदा सच्ची सेवा का पाठ पढ़ाया, तत्कालीन नारी समाज में जागृति का शंखनाद किया और स्वतंत्रता संग्राम में भी अपना अमूल्य योगदान दिया। स्वामीजी ने उनके सामने एक हिंदू नारी का आदर्श रखा था, जो त्याग, सेवा, सहनशीलता, लज्जा, स्नेह, मर्यादा आदि गुणों से विभूषित हो, जो अपनी चारित्रिक दृढ़ता के बल पर संसार को जीना सिखाती है। निवेदिता ने सहर्ष इसी रूप को अपनाया और भारतवासियों की सेवा के व्रत से कभी नहीं डिगीं। उनके विषय में गुरुदेव टैगोर ने एक बार कहा था—‘अधिकतर लोग समय से, धन से व तन से सेवा करते देखे गए हैं, किंतु निवेदिता दिल से सेवा करती हैं।’
मानवता की सच्ची सेवा करनेवाली भगिनी निवेदिता की प्रेरणादायी जीवन-कथा जो न केवल पठनीय है, अपितु अनुकरणीय भी है।

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अनुक्रम

1. बाल्यकाल — Pgs. 13

2. व्याकुल हृदय — Pgs. 16

3. सत्य की खोज में — Pgs. 20

4. दाक मातृभूमि भारत — Pgs. 25

5. मारग्रेट नोबल से भगिनी निवेदिता — Pgs. 29

6. आध्यात्मिक विलयन — Pgs. 33

7. शिव और शति से परिचय — Pgs. 36

8. एक नया अध्याय — Pgs. 42

9. लक्ष्य की ओर — Pgs. 45

10. लोकमाता निवेदिता — Pgs. 48

11. निराशा और आशा — Pgs. 50

12. एक सार्थक यात्रा — Pgs. 53

13. परिवार से भेंट — Pgs. 55

14. निष्काम कर्मयोगिनी — Pgs. 57

15. कटु वास्तविकता — Pgs. 59

16. आंतरिक संघर्ष — Pgs. 62

17. आशीर्वचन — Pgs. 64

18. धर्मपिता के आदर्श — Pgs. 66

19. कर्मस्थली की ओर — Pgs. 69

20. स्वामीजी से अंतिम भेंट — Pgs. 71

21. सेवा-कार्यों में नए आयाम — Pgs. 74

22. नई उड़ान — Pgs. 77

23. दक्षिण भारत में अलख — Pgs. 79

24. बुद्घ की धरती पर — Pgs. 81

25. भारत माता की जय! — Pgs. 83

26. राजनीति और युवा शति — Pgs. 85

27. राष्ट्रध्वज की कल्पना — Pgs. 87

28. विदेश की ओर — Pgs. 89

29. परिवार से अंतिम भेंट — Pgs. 91

30. अखंड भारत — Pgs. 94

31. संदेहों के बीच — Pgs. 96

32. एक और हिमालय यात्रा — Pgs. 98

33. मानसिक आघातों की शृंखला — Pgs. 101

34. महाप्रयाण — Pgs. 105

परिशिष्ट

1. माँ शारदा और निवेदिता — Pgs. 108

2. ममतामयी दीदी : निवेदिता — Pgs. 112

3. महान् व्यतियों के बीच — Pgs. 117

4. आत्मीय संबंध — Pgs. 120

5. गुरु के पत्र शिष्या के नाम — Pgs. 122

6. निवेदिता की साहित्यिक उपलधियाँ — Pgs. 128

The Author

Rachna Bhola 'Yamini'

शिक्षा : एम.ए. (हिंदी), पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा।
रचना-संसार : जीवनी साहित्य पर बीस पुस्तकें, लगभग 45 पुस्तकों का अंग्रेजी से अनुवाद; उल्लेखनीय पुस्तकें—‘प्रयास’ (लघुकथा-संग्रह), ‘याज्ञसेनी’ (उपन्यास); क्या है विदुर नीति में, हमारे प्रेरणा-स्रोत, भारतीय संतों की अमर गाथा, गृहिणी—एक सुपर वूमन, जयंतियाँ और दिवस, विशाल भारत की लोककथाएँ, महान् भारतीय संस्कृति, विशाल भारत को जानें, विशाल भारत के राष्‍ट्रपति व प्रधानमंत्री, भक्‍तजननि माँ शारदा, ईश्‍वरचंद्र विद्यासागर, भगिनी निवेदिता, मैडम भीकाजी कामा, लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक, शिरडी के साईं बाबा (जीवनियाँ); हिंदुत्व, पत्र और पत्रकारिता, प्रदूषण-मुक्‍त पर्यावरण, हिंदी पत्रकारिता, नॉस्‍‍त्रेदेमस की विचित्र भविष्यवाणियाँ, तिल रहस्य व हाव-भाव विचार (विविध विषय); रामायण व महाभारत की प्रेरक, पौराणिक व शिक्षाप्रद कथाएँ (बालोपयोगी); बीरबल, हितोपदेश, पंचतंत्र, विक्रम-बेताल श्रृंखला। नवसाक्षर बाल साहित्य, विविध पाठ्य पुस्तकों का अनुवाद व संपादन। अनेक अनुवाद कार्य व पुस्तकें प्रकाशनाधीन।

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