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Mere Aasaan Jhooth "मेरे आसान झूठ" Book in Hindi   

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Author Dwarika Uniyal
Features
  • ISBN : 9789355215871
  • Language : Hindi
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More Information

  • Dwarika Uniyal
  • 9789355215871
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 2023
  • 208
  • Soft Cover
  • 250 Grams

Description

'मेरे आसान झूठ' सिर्फ कविताओं का संकलन नहीं, अपितु भावों का एक पुलिंदा है, जिसे पिछले कुछ वर्षों में तिनके-तिनके की तरह जोड़ा है। इसमें वे कविताएँ हैं, जो उन्होंने 2018 से 2023 तक लिखी-कभी सेमिनार हॉल में, कभी फ्लाइट में, कभी रात को अचानक जागकर, कभी फुर्सत के क्षणों में, कभी चाय की चुस्कियों के साथ। ये उनकी जिंदगी के वे लम्हे हैं, जिन्हें कागज़ पर उकेर कर उन्होंने आज़ाद कर दिया है।

कुछ कविताएँ हैं, जो जूझती हैं कवि के अस्तित्व की जद्दोजहद से, जिनमें शामिल हैं। 'खो गया हूँ', 'काली मिर्च', 'उलटे पैर', 'मेरे आसान झूठ', 'कौन हूँ, मौन हूँ' आदि, वहीं आत्मचिंतन से भरी कुछ कविताएँ हैं, जैसे 'मैं कहानियाँ क्यों नहीं लिखता', 'आधा-अधूरा', ‘सलाखों की परछाइयाँ' इत्यादि। कुछ कविताएँ आज के भौतिक, सामाजिक और राजनीतिक परिदृश्य के प्रति उनकी प्रतिक्रियाएँ हैं, जैसे 'बँधा हुआ शहर', 'दुआओं को वीज़ा', 'भेड़िए', 'आज कोई नहीं मरा' आदि। प्यार और इश्क की कुछ नज्में, कुछ रोज की आपा- धापी से उपजी हुई स्वयं की कहानियाँ और कुछ कविताएँ रूहानी भी हैं।

कुल मिलाकर यह प्रो. द्वारिका उनियाल की जिंदगी है, उनके खयाल, उनकी सोच और उनकी ज़िद के कुछ पन्ने। ये पाठक के नाम उनके कुछ खत हैं, जिनके लिफाफों को बंद नहीं किया है उन्होंने ।

The Author

Dwarika Uniyal

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