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Main Shabari Hoon Ram Ki   

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Author Urvashi Agrawal ‘Urvi’
Features
  • ISBN : 9789390923038
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more
  • Kindle Store

More Information

  • Urvashi Agrawal ‘Urvi’
  • 9789390923038
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2021
  • 140
  • Soft Cover
  • 200 Grams

Description

To Buy this Book Main Shabari Hoon Ram Ki 

"मैं शबरी हू राम की पुस्तक" इसके लेखन में मैंने स्वयं भी एक शबरी के रूप में जीने का प्रयास किया और सोचा कि वो भी एक शबरी थी तो क्या मैं भी एक शबरी हूँ?’’
 यह उतना आसान नहीं था, पर कठिन भी नहीं था। अगर वह एक शबरी थी तो हर नारी एक शबरी है और हर पुरुष में भी शबरी-तत्त्व समान रूप से हैं। पाठकगण शायद इससे सहमत न हों, पर यदि हम इस पक्ष पर ग़ौर करेंगे तो संभवतः आप मुझसे सहमत ज़रूर होंगे।
 श्री रामचरितमानस के इस अत्यंत महत्त्वपूर्ण पात्र को अपने भीतर और अपने आस-पास तलाश करने का प्रयास करें। यदि मैं कहूँ कि प्रत्येक माँ, पत्नी, बहन एक शबरी है और उसी प्रकार से प्रत्येक पिता, पति एवं भाई में भी शबरी के सभी गुण विद्यमान हैं तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। केवल थोड़े से विश्लेषण मात्र से ही हमें इस का भान हो जाएगा कि हम सभी में राम भी हैं और शबरी भी

The Author

Urvashi Agrawal ‘Urvi’

उर्वशी अग्रवाल 'उर्वी'
बाल्यकाल से ही कविताएँ लिखने में विशेष रुचि। समय के साथ-साथ ग़ज़लें लिखने का भी अनुभव। महिला विषयों, विशेषकर उनकी विभिन्न भावनाओं को कविताओं, ग़ज़लों, दोहों और चौपाइयों के माध्यम से प्रस्तुत करती हैं। हिंदी के अतिरिक्त सरैकी भाषा में भी काव्य सृजन। आकाशवाणी द्वारा आयोजित हिंदी व सरैकी के कई काव्य प्रसारणों व कविता पाठ में सम्मलित हुई हैं। अनेक टी.वी. चैनलों के कार्यक्रमों में कविताएँ व ग़ज़लें प्रस्तुत की हैं। अब तक लगभग एक हज़ार हिंदी कविताओं व पाँच सौ ग़ज़लों का सृजन। पाँच कविता व ग़ज़ल-संग्रह शीघ्र ही प्रकाशित होने वाले हैं, जिनमें प्रमुख हैं खण्डकाव्य ‘व्यथा कहे पंचाली’ व दोहा संग्रह ‘मैं शबरी हूँ राम की’। दिल्ली व उसके आप-पास होने वाले कवि सम्मेलनों एवं मुशायरों में सक्रिय भागीदारी।

काव्य मंच संचालन में सिद्धहस्त एवं कई सफल कवि सम्मेलनों, काव्य गोष्ठियों का संचालन कर चुकी हैं।

संप्रति: 
वर्तमान में सुविख्यात हिंदी साहित्यिक पत्रिका ‘साहित्य अमृत’ की उप-संपादिका हैं।

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