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Author Radhagovind Patar
Features
  • ISBN : 9789390378463
  • Language : Hindi
  • ...more

More Information

  • Radhagovind Patar
  • 9789390378463
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 2021
  • 120
  • Soft Cover

Description

मानव जाति में सभ्यता का उद्भव एवं विकास होने के पहले मानव के रहन-सहन, व्यवहार, खान-पान आदि अन्य पशुओं से बहुत अधिक भिन्न नहीं था। परंतु मानव जाति में प्रकृति प्रदत्त विकसित मस्तिष्कीय चेतना एवं बोलने की क्षमता ने मनुष्य को स्पष्ट रूप से अन्य पशुओं से आगे एवं श्रेष्ठ बनाया। विकसित मस्तिष्क एवं वाक्शक्ति के कारण मनुष्य ने सभ्यता के क्षेत्र में प्रवेश किया। परंतु मानव समाज में भी संपूर्ण विश्व में सभी एक साथ, एक ही कालखंड में समान रूप से विकसित होकर सभ्यता को प्राप्त नहीं हुए थे। भिन्न-भिन्न क्षेत्र के मनुष्यों ने भिन्न-भिन्न कालखंड में सभ्यता के विभिन्न स्तर को प्राप्त किया।
भारत में आर्य और द्रविड़ संस्कृति एवं सभ्यता विकसित हुई। इस बीच मानव समाज की अनेक अन्य छोटी-छोटी टुकडि़याँ जो वन-जंगलों और पहाड़ों में निवास करती थीं, सभ्यता की दौड़ में पीछे रह गइर्ं। ऐसी वनवासी टुकडि़याँ संपूर्ण भारत में है। मुंडा भी ऐसी ही एक आçदवासी जनजाति है जिसकी आबादी झारखंड के अलावा पश्चिम बंगाल, ओडिशा, छत्तीसगढ़, असम आदि राज्यों में हैं। मुंडा लोग समय के साथ अपनी आदिम संस्कृति को पीछे छोड़ते हुए द्रुत गति से सभ्यता के उच्चतर पड़ाव पर पहुँच रहे

The Author

Radhagovind Patar

राधागोविंद पातर
जन्म : 8.1.1936 (कृषक परिवार में) गाँव-बौंतिया, जिला-राँची, झारखंड।
शिक्षा : सिविल इंजीनियरिंग डिप्लोमा
रेलवे की इंजीनियरिंग सेवा से निवृत्त होने के उपरांत समय का सदुपयोग करते हुए अपनी रुचि के अनुसार धार्मिक पुस्तकों के अध्ययन-मनन के साथ-साथ अन्य पुस्तकों के भी पठन एवं लेखन कार्य में प्रवृत्त हुए। मुंडारी भाषा मातृभाषा होने के कारण ‘मुंडारी व्याकरण’ एवं कुछ पुस्तकें मुंडारी भाषा में भी लिखी हैं।
कृतियाँ : मानव और धर्म, विज्ञान, धर्म और दर्शन, सुबोध मुंडारी व्याकरण पुस्तकें प्रकाशित। उर्वीजा, मानव चरित्र के अनंत आयाम, दृष्टि-वैविध्य, रामकथामृत, सेंड़ा मरसल सअः तथा सला सागोम का निको (मुंडारी भाषा में) प्रकाशनाधीन। अद्वैत आश्रम तुपुदाना, राँची एवं मैसूर हिंदी प्रचार परिषद्, बेंगलुरु की पत्रिकाओं में लेखों का नियमित प्रकाशन। आध्यात्मिक सत्संगों, अनुष्ठानों, प्रवचनों में भाग लेना, चिंतन-मनन करना, धार्मिक पुस्तकों का पठन-पाठन, साहित्य अध्ययन एवं समाज-सेवा। बौंतिया गाँव के स्कूल भवन के लिए भूमि दान की। अथक प्रयास कर गाँव तक पहुँचने के लिए बाडु नदी पर पुल का निर्माण करवाया। संपर्क : 9430117169

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