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श्याम आचार्य राजस्थान के वरिष्ठ पत्रकार हैं। अपने व्यावसायिक कार्य के निष्पादन में राजनेताओं से उनके निजी संपर्क भी रहे हैं। पिछले पाँच दशक में हुए राज्य के सामाजिक, आर्थिक एवं राजनैतिक परिवर्तन के भी वे साक्षी रहे हैं।प्रस्तुत पुस्तक के लिए लीक से हटकर उन्होंने राजनेताओं के विनोद, हाजिर-जवाबी एवं स्नेहासिक्त मृदु हास्य के रोचक किस्से चुने हैं। इनमें से कइयों से विधानसभा में हुई चर्चा के दौरान या आपसी संबंधों में तनाव कम करने में बड़ी मदद मिली। इन किस्सों के संकलन के लिए लेखक को काफी परिश्रम करना पड़ा है। कई किस्सों के प्रणेता आज हमारे बीच में नहीं हैं और इतिहास के अमिट अंग बन चुके हैं। इन किस्सों के उद्धरण से उनका विनोदी स्वभाव व हास्य-पटुता झलकती है। कई रोचक किस्से विधानसभा के बाहर राज्य के गठन के प्रारंभिक वर्षों में राज्य के तत्कालीन वरिष्ठ नेता, जैसे हीरालाल शास्त्री, जयनारायण व्यास, गोकुलभाई भट्ट, मथुरादास माथुर, बलवंत सिंह मेहता, माणिक्य लाल वर्मा व केंद्रीय नेताओं के बीच हुईखींचातानी के बारे में भी हैं। ये किस्से वास्तविक घटनाओं पर आधारित हैं, और खूब रोचक भी।
श्याम आचार्य ने राजस्थान की घटनाओं, विधानसभा काररवाईमें हुई चर्चा के आधार पर चुने हुए कुछ रोचक पुष्पपुस्तक रूपमें पाठकों के सामने रखे हैं। यद्यपिपाठकों ने ‘दैनिक भास्कर’ में क्रमशः इन्हें पढ़ा है, फिर भी निश्चय ही वे इनका रुचि से रसास्वादन करेंगे।
जन्म : देवशयनी ग्यारस तदनुसार 7 जुलाई, 1938।
शिक्षा : स्नातक (राजस्थान विश्वविद्यालय)।
कृतित्व : वर्ष 1957-58 से पत्रकारिता में सक्रिय; संवाददाता हिंदुस्थान समाचार (संवाद समिति); ब्यूरो प्रमुख हिंदुस्थान समाचार, कलकत्ता; ब्यूरो प्रमुख हिंदुस्थान समाचार, जयपुर; उपमहाप्रबंधक एवं संपादक हिंदुस्थान समाचार, नई दिल्ली; विशेष संवाददाता, दैनिक राष्ट्रदूत, नई दिल्ली; समाचार संपादक, जनसत्ता, नई दिल्ली; स्थानीय संपादक, नवभारत टाइम्स, जयपुर; समन्वय संपादक एवं स्थानीय संपादक, जनसत्ता, कलकत्ता; स्थानीय संपादक, दैनिक नवज्योति, जयपुर; वर्तमान में विश्लेषक एवं स्तंभ लेखक, दैनिक भास्कर, जयपुर।
प्रशिक्षित युद्ध संवाददाता (1968 जम्मू-कश्मीर), युद्ध समाचार संकलन चीन-भारत युद्ध (1962), भारत-पाक युद्ध (1965 पश्चिमबंगाल सीमा), भारत-पाक युद्ध (1971 राजस्थान-पाक सीमा, बाड़मेर), शहीद सागरमल गोपा, लेख, कहानी, फीचर।
पुरस्कार-सम्मान : ‘माणक पुरस्कार’; ‘तिलक पत्रकारिता पुरस्कार’ (पाथेय कण); ‘झाबरमल शर्मापुरस्कार’; कलकत्ता एवं राजस्थान के अन्य प्रतिष्ठित पुरस्कार।