7 सितंबर को नई दिल्ली में एन.डी.एम.सी. कन्वेंशन सेंटर में भाजपा के प्रवक्ता एवं राष्ट्रीय अनुसूचित जाति एवं जनजाति आयोग के पूर्व अध्यक्ष डॉ. विजय सोनकर शास्त्री कृत तथा प्रभात प्रकाशन द्वारा प्रकाशित तीन पुस्तकों ‘हिंदू खटिक जाति’, ‘हिंदू चर्मकार जाति’ एवं ‘हिंदू वाल्मीकि जाति’ का लोकार्पण राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मान. श्री मोहनराव भागवत के कर-कमलों से संपन्न हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्व हिंदू परिषद् के संरक्षक मान. श्री अशोक सिंहल ने की। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि अखिल विश्व गायत्री परिवार के प्रमुख मान. डॉ. प्रणव पंड्या, मानव संसाधन विकास मंत्री मान. श्रीमती स्मृति इरानी तथा सूचना एवं प्रसारण मंत्री मान. श्री प्रकाश जावडे़कर थे। सरस्वती माल्यार्पण के बाद लेखक डॉ. विजय सोनकर शास्त्री ने अपनी तीनों पुस्तकों के कलेवर पर प्रकाश डाला तथा बताया कि हिंदू उपजातियों की संख्या हजारों में कैसे पहुँच गई, यह अपने आप में शोध का विषय है। आज की अछूत जातियाँ पूर्व में कट्टर और बहादुर जातियाँ थीं। विदेशी आक्रांताओं के अत्याचारों को सहते हुए उन्होंने अपना धर्म परिवर्तन नहीं किया, बल्कि मैला ढोने जैसे कर्म को स्वीकार किया। तब फिर उनसे ज्यादा कट्टर हिंदू और कौन हो सकता है।