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Shravan Kumar Ki Prerak Kathayen   

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Author Kumar Praphull
Features
  • ISBN : 9789380839998
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more
  • Kindle Store

More Information

  • Kumar Praphull
  • 9789380839998
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2021
  • 112
  • Hard Cover

Description

प्रस्तुत पुस्तक माता-पिता के अनन्य भक्त श्रवण कुमार के जीवन पर आधारित है। श्रवण के जीवन से जुड़ी छोटी-छोटी िशक्षाप्रद कहानियों में एक श्रेष्ठ, होनहार, कर्तव्यनिष्ठ तथा धर्मपालक पुत्र की झलक स्पष्ट दिखाई देती है। श्रवण कुमार केवल मातृ-पितृभक्त ही नहीं अपितु एक संस्कारी, ज्ञानी, निष्ठावान, साधु, संत एवं गुरुओं का आदर-सत्कार करने में भी आगे रहता था। दयालुता तथा सेवा की भावना उसके मन में कूट-कूटकर भरी थी। अतः पुस्तक में ऐसी अनेक कहानियों को सरल भाषा एवं चित्रों के साथ प्रस्तुत करने का प्रयास किया गया है, जो एक बालक को संस्कारी, निष्ठावान, दयालु, माता-पिता तथा गुरुओं की सेवा के लिए प्रेरक रहेंगी।

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अनुक्रम

अपनी बात —Pgs. 5

श्रवण कुमार का जन्म —Pgs. 9

नामकरण संस्कार —Pgs. 14

श्रवण और विद्या का मिलन —Pgs. 16

श्रवण की देशभक्ति —Pgs. 19

श्रवण की दयालुता —Pgs. 22

श्रवण का साहस —Pgs. 24

गाँव को डूबने से बचाया —Pgs. 26

श्रवण और वृद्ध —Pgs. 29

श्रवण ने बचाए बालक के प्राण —Pgs. 31

श्रवण और ऊधमी बालक —Pgs. 32

वृद्ध की टोपी —Pgs. 34

श्रवण और गृहस्थ —Pgs. 36

गाड़ीवान को सहायता —Pgs. 38

निंदक नहीं, शुभचिंतक —Pgs. 40

ईश्वर की पहचान —Pgs. 42

बालक श्रवण और संत —Pgs. 44

सहायता —Pgs. 46

जीवन की सार्थकता —Pgs. 48

अनूठी सीख —Pgs. 50

अनूठी ​भिक्षा —Pgs. 52

अपनी तृष्णा त्यागो —Pgs. 54

विश्वास का महत्त्व —Pgs. 56

सबसे बड़ा धर्म —Pgs. 58

स्वयं की रोशनी —Pgs. 60

प्रकृति का नियम —Pgs. 62

ज्ञान का सदुपयोग —Pgs. 64

साधु की चिंता —Pgs. 66

पहले स्वयं को सुधारो —Pgs. 68

कर्मयोग का महत्त्व —Pgs. 70

अहंकार की निशानी —Pgs. 72

पहला कदम —Pgs. 74

अ​ि‍धकार और कर्तव्य —Pgs. 75

सच्ची पूजा —Pgs. 77

एक और झूठ —Pgs. 79

जीने का ढंग —Pgs. 81

गुरु बिन ज्ञान नाहि —Pgs. 84

सम्मान और अपमान —Pgs. 86

अपनी गलतियाँ स्वीकारें —Pgs. 88

सच्ची आराधना —Pgs. 90

दुःख के बीज —Pgs. 92

श्रवण का विवाह —Pgs. 94

नेत्रज्योति लौटाने का उपाय —Pgs. 96

माता-पिता की तीर्थयात्रा —Pgs. 98

मह​ि‍र्ष वसिष्ठ का आशीर्वाद —Pgs. 101

सती विद्या को वरदान —Pgs. 103

श्रवण और शब्दबेधी बाण —Pgs. 106

श्रवण की अंतिम इच्छा —Pgs. 108

माता-पिता की व्याकुलता —Pgs. 110

The Author

Kumar Praphull

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