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Nanhe-Munno Suno Kahani   

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Author Shriniwas Vats
Features
  • ISBN : 9789386871473
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more
  • Kindle Store

More Information

  • Shriniwas Vats
  • 9789386871473
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2022
  • 200
  • Hard Cover
  • 200 Grams

Description

बाल साहित्य कैसा हो इसे लेकर साहित्यकारों, समीक्षकों एवं पाठकों में आज भी मतभिन्नता है। कोई विज्ञान कथाओं को महत्त्व देता है तो कोई परी कथाओं को। किसी अन्य की दृष्टि में राजा-रानी की कहानी अनुपयोगी है। कोई पौराणिक कथाओं को ज्ञान का भंडार बताता है।
बच्चा कहानी पढ़ते हुए कल्पना के अद्भुत संसार में विचरण करना चाहता है। यह सब मिलता है उसे परी लोक में। परियाँ शुरू से ही बच्चों को आकर्षित करती रही हैं। करें भी क्यों नहीं! परियों ने रंग-बिरंगा सुनहरा स्वप्निल संसार देकर बच्चों की कल्पना शक्ति को विकसित किया है।
पौराणिक कहानियाँ बच्चों को अपनी संस्कृति से जोड़ती हैं। इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए निष्कर्ष निकला कि सत्यप्रियता, राष्ट्रभक्ति, ईमानदारी और मानवता के प्रति प्रेम जैसे गुणों के लिए प्रेरित करनेवाली रचना श्रेष्ठ साहित्य है, जिसमें बच्चों के कोमल मन में सुसंस्कार और स्व-संस्कृति के प्रति श्रद्धा और आदरभाव जागृत करने का गुण विद्यमान हो।
श्रीनिवास वत्स की बाल कथाओं में ये तत्त्व हमेशा मौजूद रहे हैं, इसीलिए मैंने इनकी अनेक कहानियाँ ‘नंदन’ में प्रकाशित कीं, जिन्हें पाठकों ने खूब सराहा।


—जयप्रकाश भारती
तत्कालीन संपादक ‘नंदन’
(श्रीनिवास वत्स की बालकथाओं पर चर्चा के दौरान)

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अनुक्रम

1.  गोपालजी की गुल्लक —Pgs. 11

2.  मौके की तलाश —Pgs. 15

3.  नीली डिबिया —Pgs. 18

4.  बजा ढोल —Pgs. 22

5.  सींग में माला —Pgs. 27

6.  उधार का धन —Pgs. 31

7.  लड़े कबूतर —Pgs. 35

8.  मेरा शॉल —Pgs. 38

9.  बेटे का पैर —Pgs. 41

10.  सत्य का झरोखा —Pgs. 45

11.  एक-चौथाई —Pgs. 50

12.  तीन काम —Pgs. 54

13.  स्वप्न की बात —Pgs. 59

14.  झुक गई तलवार —Pgs. 62

15.  मालपुए —Pgs. 66

16.  हथिनी का बेटा —Pgs. 71

17.  अधूरी रचना —Pgs. 75

18.  रसोई महक उठी —Pgs. 78

19.  आँख न देखे —Pgs. 82

20.  रूठा बेटा —Pgs. 86

21.  आधी भीख —Pgs. 89

22.  एक के बाद एक —Pgs. 93

23.  आओ दवा दो —Pgs. 96

24.  झूठ-सच —Pgs. 101

25.  शीशे की दीवार —Pgs. 104

26.  चोर-सिपाही —Pgs. 107

27.  मेरा पेड़ मेरा हार —Pgs. 111

28.  बौने का डोल —Pgs. 114

29.  सूझ-बूझ —Pgs. 118

30.  बन जा दूल्हा —Pgs. 122

31.  खुली तिजोरी —Pgs. 126

32.  खेत में तालाब —Pgs. 129

33.  घर-घर ताला —Pgs. 133

34.  एक से पाँच —Pgs. 137

35.  दुश्मन का बेटा —Pgs. 140

36.  गुरुदक्षिणा —Pgs. 144

37.  राजमंत्र —Pgs. 148

38.  ले चला रथ —Pgs. 151

39.  शैतान की झील —Pgs. 155

40.  आया रथ —Pgs. 159

41.  पंच फैसला —Pgs. 162

42.  गहरी चाल —Pgs. 166

43.  घर चलो —Pgs. 169

44.  अदल-बदल —Pgs. 173

45.  कहा साधु ने —Pgs. 177

46.  भारी गठरी —Pgs. 180

47.  दो बहनें —Pgs. 183

48.  शिला पर बाघ —Pgs. 187

49.  बात की बात —Pgs. 190

50.  आकाश से गिरा —Pgs. 194

51.  काले-काले जामुन —Pgs. 197

The Author

Shriniwas Vats

किसी भारतीय भाषा में सात खंडों में सृजित प्रथम बृहद् बाल एवं किशोरोपयोगी उपन्यास के रचनाकार श्रीनिवास वत्स गत चालीस वर्षों से साहित्य-सृजन में सक्रिय हैं। बाल-साहित्य में उल्लेखनीय योगदान के लिए कई राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित। आकाशवाणी एवं दूरदर्शन से रचनाओं के प्रसारण के साथ-साथ हिंदी की लगभग सभी प्रमुख पत्र-पत्रिकाओं में रचनाएँ प्रकाशित। विभिन्न विधाओं में तीन दर्जन पुस्तकें प्रकाशित। संप्रति केंद्र सरकार के एक विभाग में राजपत्रित अधिकारी।
रचना-संसार : पाशमुक्ति, प्रक्षिप्त नीड़ (कहानी-संग्रह); पूर्वजों के गाँव में, माँ का स्वप्न, गुल्लू और एक सतरंगी (सात खंड) (उपन्यास); गूँगा देश, नए महाराज, स्वप्न में परी, यमराज के वरदान (नाटक); प्रश्न एक पुरस्कार का, व्यंग्य तंत्र, नेताजी तुम बंदर, हम बिल्ली, चोर भए कोतवाल (व्यंग्य-संग्रह); अनुभूति (काव्य-संग्रह); आकार लेते विचार, पत्थरों का बाग (निबंध-संग्रह); पहियों पर सवार होकर (यात्रा-संस्मरण) एवं बाल साहित्य की बीस पुस्तकें प्रकाशित।

 

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