Prabhat Prakashan, one of the leading publishing houses in India eBooks | Careers | Events | Publish With Us | Dealers | Download Catalogues
Helpline: +91-7827007777

Drashtavya Jagat Ka Yatharth (Vol. 2)   

₹500

Out of Stock
  We provide FREE Delivery on orders over ₹1500.00
Delivery Usually delivered in 5-6 days.
Author Om Prakash Pandey
Features
  • ISBN : 9789351869528
  • Language : Hindi
  • ...more

More Information

  • Om Prakash Pandey
  • 9789351869528
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 2016
  • 280
  • Hard Cover

Description

द्रष्टव्य जगत् का यथार्थ एक अद्भुत और विलक्षण उपक्रम है। कोई अदृश्य शक्ति है जो श्री ओम प्रकाश पांडेय के अनुसंधान की दुस्तर वीथियों को आलोकित करती है। पुरातन साहित्य के सुविशाल कानन में प्रविष्ट होकर विद्वान् लेखक ने संदर्भो को जोड़ने एवं उनकी व्याख्या करने में अपनी अद्वितीय प्रतिभा का साक्ष्य प्रस्तुत किया है। यह ग्रंथ भारत की कालजयी संस्कृति की निरंतरता एवं उसकी पृष्ठभूमि का अभिनव वेदांत है। इस पृष्ठभूमि में और उसकी व्याख्याओं में एक चमत्कार है, एक सम्मोहन है, एक सदाचेतन अंतर्धारा है, जो हमारे भारतीय उत्स को अभिसिंचित करते हैं। इस ग्रंथ में समाविष्ट भारतीय साहित्य, दर्शन, पुराण, परंपरा, भूगोल, इतिहास एवं संस्कृत के अगणित संदर्भ और साक्ष्य एक विश्वकोश की तरह प्रतीत होते हैं, जिनमें विद्वान् लेखक की श्रमसाध्य कल्पना का इंद्रधनुष हमारी अस्मिता के आकाश की मनोरम छवि को प्रतिभासित करती है।

The Author

Om Prakash Pandey

Customers who bought this also bought

WRITE YOUR OWN REVIEW