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Balram ki Lokpriya Kahaniyan   

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Author Balram
Features
  • ISBN : 9789386300614
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1
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  • Kindle Store

More Information

  • Balram
  • 9789386300614
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1
  • 2021
  • 176
  • Hard Cover

Description

बलराम की कहानियों में एक तरफ प्रेमचंद जैसी आम बोलचाल की सहज-सरल भाषा है तो दूसरी तरफ फणीश्वनाथ रेणु जैसी आंचलिकता। उनके बीच से उन्होंने अपनी नई राह बनाई। भारतीय जनजीवन को समग्रता में अंकित करनेवाले बलराम ऐसे कथाकार हैं, जिनकी कहानियाँ एक तरफ दूरदर्शन के इंडियन क्लासिक का हिस्सा बनीं तो दूसरी तरफ साहित्य अकादेमी के लिए कमलेश्वर ने उन्हें कालजयी कहानी के रूप में चुना। लगभग सभी वरिष्ठ कथाकारों-समालोचकों ने अपने कहानी-संचयनों में इनकी कहानियाँ शामिल की हैं। बलराम जितने अच्छे कहानीकार हैं, उतने ही अच्छे समीक्षक और संपादक भी हैं। ‘लोकायत’ के स्तंभ ‘आखिरी पन्ना’ ने इन्हें साहित्यिक पत्रकारिता के शिखर पर पहुँचा दिया, जो हर आम और खास की पहली पसंद बन गया, जिसकी वजह से पाठक ‘लोकायत’ को उसके पहले पन्ने से नहीं, ‘आखिरी पन्ने’ से पढ़ने लगे। ऐसे चर्चित लेखक की दो दर्जन कहानियों का यह संचयन सुधी पाठकों को रुचेगा, ऐसी उम्मीद हमें है।

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अनुक्रम

भूमिका : लोकप्रियता का दर्शन — 7

1. मालिक के मित्र — 17

2. शुभ दिन — 26

3. बीच में वो — 33

4. चोट — 35

5. रुकी हुई हंसिनी — 40

6. गोआ में तुम — 43

7. बेटी की समझ — 49

8. अनचाहे सफर — 50

9. जिस्म अकेला — 65

10. सामना — 67

11. देश और रोटी — 83

12. पालनहारे — 85

13. भाई-भाई — 99

14. कलम हुए हाथ — 102

15. मसीहा की आँखें — 116

16. शिक्षाकाल — 118

17. गंदी बात — 132

18. इलाज — 134

19. प्रायश्चित् — 141

20. सबक — 143

21. मृगजल — 152

22. कॉमरेड का सपना — 154

23. आप बड़े वो हैं — 163

24. ऐ दिले नादान — 173

The Author

Balram

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