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Dr. Dina Nath Tewari

Dr. Dina Nath Tewari

डॉ. दीनानाथ तिवारी का बचपन गांधी आश्रम में बीता, जहाँ उन्होंने सीखा कि ‘समरस जीवन शैली का पालन करना हमारे लोकाचार का अंग है।’ रोजगार के अनेक विकल्प उपलब्ध होने पर भी डॉ. तिवारी ने भारतीय वन सेवा को चुना, ताकि स्वस्थ एवं स्थिर पर्यावरण बनाने में योगदान दे सकें। वन, पर्यावरण, प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन, जैविक विविधता का हृस, मरुस्थलीकरण, भूमि व जल के संरक्षण, आपदाएँ आदि विषयों पर उन्होंने 104 पुस्तकें लिखीं तथा जनजागरण हेतु निम्नांकित राष्ट्रीय अभियानों को आगे बढ़ाया—
• हरित भारत अभियान के अंतर्गत सामाजिक वानिकी, नगर वानिकी, कृषि वानिकी एवं वनवासियों की सहभागिता से वन प्रबंधन।
• जल ही जीवन है, परंतु जल प्रदूषण अभी प्रतिदिन 14000 से अधिक लोगों की मृत्यु का कारण बनता है। सुप्रीम कोर्ट की निगरानी समिति की अध्यक्षता करते हुए उन्होंने नदियों की स्वच्छता एवं अविरलता पर विशेष जोर दिया। गंगा को राष्ट्रीय नदी घोषित किया गया एवं राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा अभियान शुरू हुआ।
• जलवायु परिवर्तन एवं वैश्विक तापमान बढ़ने से बाढ़, तूफान, सूखा आदि की घटनाएँ बढ़ रही हैं। सुरक्षात्मक उपाय के रूप में सौर एवं पवन ऊर्जा तथा क्त्रश्वष्ठष्ठ+ योजनाओं को बढ़ावा दिया।
संप्रति ‘उत्थान’ तथा ‘विज्ञान परिषद्’ 
के अध्यक्ष हैं। उन्हें पर्यावरण संरक्षण हेतु 
अनेक प्रतिष्ठित राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार मिले हैं।

Books by Dr. Dina Nath Tewari