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Angrezi Hindi Anuvad Vyakaran   

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Author Suraj Bhan Singh
Features
  • ISBN : 9789386231833
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more

More Information

  • Suraj Bhan Singh
  • 9789386231833
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2018
  • 310
  • Hard Cover
  • 350 Grams

Description

यह पुस्तक अंग्रेजी और हिंदी सरचनाओं का एक अंतरण व्याकरण (transfer grammar) है, जो दोनों भाषाओं के व्याकरणों को एक साथ लेकर चलता है, उनके बीच समान और असमान तत्त्वों की पहचान करता है, उनका व्यतिरेकी (contrastive) विश्लेषण करता है और उनके संभावित अनुवाद पर्याय और विकल्प सुलभ कराता है। इस प्रकार यह अंग्रेजी से हिंदी और हिंदी से अंग्रेजी दोनों प्रकार की अनुवाद क्षमता विकसित करता है।
तुलनात्मक विश्लेषण भाषा के सभी स्तरों पर किया गया है—ध्वनि, लिपि, संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया, पक्ष (aspect), वृत्ति (mood), वचन, पुरुष, वाच्य आदि। दो अध्यायों में क्रमशः अंग्रेजी और हिंदी की संरचनाओं के ऐतिहासिक विकास-क्रम का परिचय है। एक अध्याय में मशीन अनुवाद के तकनीकी और भाषाई पक्षों पर विचार किया गया है।
यह पुस्तक द्वितीय भाषा के रूप में अंग्रेजी या हिंदी सीखनेवाले छात्रों और उनसे जुडे़ अध्यापकों के लिए भी उतना ही उपयोगी है, जितना अनुवादकों के लिए। इनके अलावा ऐसे अनुवाद प्रशिक्षार्थियों, पत्रकारों और भाषाकर्तियों आदि के लिए भी सामान्य रूप से हिंदी का ज्ञान तो रखते हैं, लेकिन जिनकी पकड़ अंग्रेजी व्याकरण, अभिव्यक्तियों और मुहावरों पर बहुत कम है और जो अपने व्यावसायिक कार्य के लिए अंग्रेजी की अपनी क्षमता को बढ़ाना या पुष्ट करना चाहते हैं।
पुस्तक में बहुत सरल भाषा का प्रयोग किया गया है और जहाँ कहीं भी तकनीकी या व्याकरणिक शब्दों का इस्तेमाल किया किया है, वहाँ कोष्ठक में उनके अंग्रेजी पर्याय दे दिए गए हैं। पुस्तक में सर्वत्र क्रॉस रेफरेंसिंग है और इसलिए अंत में दी गई अंग्रेजी अनुक्रमणिका (word index) की मदद से पाठक जिस शब्द या विषय पर जानकारी चाहता है, वह पुस्तक में सीधे उसी स्थान पर पहुँच सकता है।

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विषय सूची  
1. अनुवाद व्याकरण (Translation Grammar) — Pgs. 15 11.3. अंग्रेजी कर्मवाच्य के प्रकार — Pgs. 144
1.1. अनुवाद व्याकरण का स्वरूप — Pgs. 15 11.4. हिंदी में कर्मवाच्य — Pgs. 146
1.2. भाषाविशिष्ट बनाम सार्वभौम व्याकरण — Pgs. 17 11.5. हिंदी में वाच्य व्यवस्था — Pgs. 148
1.3. संरचनात्मक बनाम संप्रेषणपरक व्याकरण — Pgs. 17 11.6. अंग्रेजी-हिंदी पैसिव में अंतर — Pgs. 150
1.4. व्यतिरेकी विश्लेषण — Pgs. 21 12. अंग्रेजी-हिंदी क्रियाविशेषण (English-Hindi Adverbs) — Pgs. 154
1.5. विकल्प विश्लेषण — Pgs. 22 12.1. क्रियाविशेषण का स्वरूप — Pgs. 154
2. व्यतिरेकी विश्लेषण (Contrastive Analysis) — Pgs. 26 12.2. अंग्रेजी क्रियाविशेषण — Pgs. 156
2.1. व्यतिरेकी विश्लेषण का स्वरूप — Pgs. 26 12.3. अंग्रेजी क्रियाविशेषणों का शब्दक्रम — Pgs. 159
2.2. व्यतिरेकी विश्लेषण पद्धति का विकास — Pgs. 27 12.4. हिंदी क्रियाविशेषण — Pgs. 162
2.2.1. ऐतिहासिक और तुलनात्मक भाषाविज्ञान — Pgs. 27 12.5. अंग्रेजी-हिंदी क्रियाविशेषणों में अंतर — Pgs. 165
2.2.2. व्यतिरेकी विश्लेषण — Pgs. 28 13. अंग्रेजी-हिंदी क्रिया पदबंध (English-Hindi Verb Phrase) — Pgs. 167
2.3. व्यतिरेकी विश्लेषण और अनुवाद — Pgs. 29 13.1. क्रिया का स्वरूप — Pgs. 167
2.4. व्यतिरेकी विश्लेषण तकनीक — Pgs. 31 13.2. अंग्रेजी क्रियापदबंध — Pgs. 168
2.5. त्रुटि विश्लेषण और अनुवाद — Pgs. 36 13.2.1. अंग्रेजी की मुय क्रियाएँ : रूपगत वर्गीकरण — Pgs. 168
3. अंग्रेजी भाषा संरचना (Language Structure of English) — Pgs. 40 13.2.2. अंग्रेजी की मुय क्रियाएँ : अर्थगत वर्गीकरण — Pgs. 170
3.1. भाषा संरचना — Pgs. 40 13.2.3. अंग्रेजी की सहायक क्रियाएँ — Pgs. 174
3.2. अंग्रेजी भाषा संरचना का विकास — Pgs. 44 13.3. हिंदी क्रिया पदबंध — Pgs. 178
3.2.1. प्राचीन अंग्रेजी — Pgs. 45 13.3.1. हिंदी की मुय क्रियाओं का रूपगत वर्गीकरण — Pgs. 179
3.2.2. मध्यकालीन अंग्रेजी — Pgs. 47 13.3.2. हिंदी की मुय क्रियाओं का अर्थगत वर्गीकरण — Pgs. 182
3.2.3. आधुनिक अंग्रेजी — Pgs. 48 13.3.3. हिंदी की सहायक क्रियाएँ — Pgs. 185
3.3. अंग्रेजी की संरचनात्मक विशेषताएँ — Pgs. 50 13.4. अंग्रेजी-हिंदी क्रियाओं में अंतर — Pgs. 186
4. हिंदी भाषा संरचना (Language Structure of Hindi) — Pgs. 54 14. अंग्रेजी-हिंदी वाय संरचना (English-Hindi Sentence Structure) — Pgs. 193
4.1. हिंदी भाषा संरचना का विकास — Pgs. 54 14.1. भाषा संरचना में वाय — Pgs. 193
4.2. संस्कृत से अपभ्रंश काल तक — Pgs. 55 14.2. वाय का स्वरूप — Pgs. 195
4.3. हिंदी भाषा का विकास — Pgs. 57 14.3. वायात्मक युतियाँ — Pgs. 197
4.3.1. आदिकाल — Pgs. 57 14.4. वाय के प्रकार : सरल, संयुत, मिश्र — Pgs. 204
4.3.2. पूर्व-मध्य काल — Pgs. 58 14.5. संयुत वाय — Pgs. 205
4.3.3. उत्तर-मध्य काल — Pgs. 59 14.6. मिश्र वाय — Pgs. 207
4.3.4. आधुनिक काल — Pgs. 60 14.6.1. संज्ञा उपवाय — Pgs. 208
4.3.5. वर्तमान काल — Pgs. 62 14.6.2. विशेषण उपवाय — Pgs. 214
4.4. हिंदी की संरचनात्मक विशेषताएँ — Pgs. 65 14.6.3. क्रियाविशेषण उपवाय — Pgs. 217
5. अंग्रेजी-हिंदी ध्वनि और लिपि व्यवस्था (English-Hindi Sound  15. अंग्रेजी-हिंदी वाय-साँचे (English-Hindi Sentence Patterns) — Pgs. 220
and Script System) — Pgs. 69 15.1. वाय-साँचे का स्वरूप — Pgs. 220
5.1. अंग्रेजी-हिंदी वर्णमाला — Pgs. 69 15.2. अंग्रेजी वाय-साँचे — Pgs. 222
5.2. वर्णों का उच्चारण मूल्य — Pgs. 70 15.2.1. Linking Verbs [svc] VP 1 — Pgs. 223
5.3. अंग्रेजी-हिंदी ध्वनियों में अंतर — Pgs. 72 15.2.2. interansitive [sv] vp 2 — Pgs. 224
5.4. रोमन और देवनागरी लिपि का विकास — Pgs. 76 15.2.3. Transitive [svo] vp 3 — Pgs. 226
5.5. रोमन और देवनागरी के बीच अंतर — Pgs. 77 15.2.4. Verbs with object + verb [svov] vp 4 — Pgs. 228
5.6. अंग्रेजी-हिंदी लिप्यंतरण और लिप्यंकन — Pgs. 79 15.2.5. Ditransitive [s v o o] vp 5 — Pgs. 230
6. अंग्रेजी-हिंदी संज्ञा पदबंध (English-Hindi Noun Phrase) — Pgs. 82 15.2.6. Verb with object complement [svoc] vp 6 — Pgs. 232
6.1. संज्ञा पदबंध का स्वरूप — Pgs. 82 15.3. हिंदी वाय-साँचे — Pgs. 233
6.2. अंग्रेजी संज्ञा पदबंध — Pgs. 83 15.3.1. Nominal Predicate with Linking verb — Pgs. 235
6.2.1. अंग्रेजी में निर्धारक — Pgs. 84 15.3.2. Nominal Predicate with Sentential 
6.2.2. अंग्रेजी में पूर्व विशेषक — Pgs. 85 Complement — Pgs. 237
6.2.3. अंग्रेजी में पश्च विशेषक — Pgs. 86 15.3.3. Nominal Predicate with Sentential Subject — Pgs. 237
6.3. हिंदी संज्ञा पदबंध — Pgs. 88 15.3.4. Adjectival Predicate with Linking Verb — Pgs. 237
6.3.1. हिंदी में निर्धारक — Pgs. 88 15.3.5. Adjectival Predicate with Sentential 
6.3.2. हिंदी में पूर्व विशेषक — Pgs. 89 Complement — Pgs. 238
6.3.3. हिंदी में पश्च विशेषक — Pgs. 90 15.3.6. Adjectival Predicate with Sentential Subject — Pgs. 238
6.4. हिंदी-अंग्रेजी संज्ञा पदबंधों में अंतर — Pgs. 90 15.3.7. Adverbial Predicate with Linking Verb — Pgs. 239
7. अंग्रेजी-हिंदी सर्वनाम व्यवस्था (English-Hindi Pronoun System) — Pgs. 93 15.3.8. Sub + को with Nominal Complement — Pgs. 240
7.1. सर्वनाम का स्वरूप — Pgs. 93 15.3.9. Sub + को with Co-agent — Pgs. 240
7.2. अंग्रेजी-हिंदी सर्वनामों का वर्गीकरण — Pgs. 94 15.3.10. Sub + को with कि-clause — Pgs. 241
7.3. अंग्रेजी-हिंदी सर्वनामों में अंतर — Pgs. 95 15.3.11. Sub + को with Object — Pgs. 241
8. अंग्रेजी-हिंदी विशेषण पदबंध (English-Hindi Adjective Phrase) — Pgs. 100 15.3.12. Subject + को with Object Complement — Pgs. 241
8.1. विशेषण का स्वरूप — Pgs. 100 15.3.13. Subject + के पास with Possessed Object — Pgs. 242
8.2. विशेषणों का वर्गीकरण — Pgs. 100 15.3.14. Subject + को with Modal Aux -ना है — Pgs. 242
8.3. विशेषकों के पूरक — Pgs. 103 15.3.15. Intransitive — Pgs. 243
8.4. तुलनावाची विशेषण — Pgs. 104 15.3.16. Co-adverbial Intransitive — Pgs. 244
8.5. अंग्रेजी-हिंदी विशेषणों में अंतर — Pgs. 107 15.3.17. Transitive — Pgs. 245
9. अंग्रेजी-हिंदी लिंग और वचन (E-H Gender and Number) — Pgs. 109 15.3.17.1. — Pgs. Subject + ने — Pgs. 246
9.1. व्याकरणिक कोटियाँ — Pgs. 109 15.3.17.2. Object + को — Pgs. 247
9.2. अंग्रेजी और हिंदी में लिंग — Pgs. 110 15.3.18. Transitive with sentential Complement — Pgs. 248
9.3. वचन — Pgs. — Pgs. 112 15.3.19. Transitive with Adverbial Complement — Pgs. 249
9.4. अंग्रेजी के बहुवचन रूप — Pgs. 113 15.3.20. Co-agentive Transitive (Ditransitive) — Pgs. 249
9.5. हिंदी के बहुवचन रूप — Pgs. 115 15.3.21. Transitive with Object Complement — Pgs. 250
9.6. अंग्रेजी-हिंदी वचन व्यवस्था में अंतर — Pgs. 118 16. मशीन अनुवाद (Machine Translation) — Pgs. 252
10. अंग्रेजी-हिंदी पक्ष, काल और वृत्ति (Aspect, Tense and Moodin English-Hindi) — Pgs. 121 16.1. मशीन अनुवाद का स्वरूप — Pgs. 252
10.1. पक्ष का स्वरूप — Pgs. 121 16.2. अनुवाद प्रक्रिया : मानव बनाम मशीन — Pgs. 254
10.2. अंग्रेजी और हिंदी में पक्ष — Pgs. 122 16.3. मशीन अनुवाद प्रणाली का विकास — Pgs. 255
10.3. सहायक पक्ष-चिह्नक — Pgs. 124 16.4. मशीन अनुवाद के घटक — Pgs. 259
10.4. काल — Pgs. — Pgs. 125 16.5. मशीन अनुवाद का भाषाई पक्ष — Pgs. 261
10.5. पक्ष और काल — Pgs. 127 16.5.1. सामग्री विश्लेषण — Pgs. 262
10.6. अंग्रेजी में काल-पक्ष वर्गीकरण — Pgs. 128 16.5.2. व्याकरण सृजन — Pgs. 264
10.6.1. वर्तमान समय — Pgs. 129 16.6. मशीन अनुवाद का टेनोलॉजी पक्ष — Pgs. 269
10.6.2. भूतकालिक — Pgs. 130 16.6.1. अनुवाद इंजन/सिस्टम — Pgs. 269
10.6.3. भविष्यत् — Pgs. 131 16.6.2. सहायक उपकरण — Pgs. 272
10.7. वृत्ति — Pgs. 131 परिशिष्ट-1 — Pgs. अंग्रेजी-हिंदी सहायक क्रियाओं की तुलनात्मक सूची — Pgs. 
10.8. वृत्ति के प्रकार — Pgs. 132 (A Comparative List of English-Hindi 
10.9. अंग्रेजी-हिंदी वृत्ति रूपों में अंतर — Pgs. 134 Verb Auxiliaries) — Pgs. 273
10.9.1. आज्ञार्थक — Pgs. 134 परिशिष्ट-2 — Pgs. अंग्रेजी-हिंदी पूर्वसर्गों/परसर्गों के विभिन्न प्रयोगों की 
10.9.2. संभावनार्थक — Pgs. 135 तुलनात्मक सूची
10.9.3. संकेतार्थ/शर्तवाची — Pgs. 136 (A Comparative List of English-Hindi 
10.9.4. सामर्थ्यसूचक वृकि क्रियाएँ — Pgs. 137 Prepositions/Postpositions in Different Usages) — Pgs. 277
10.9.5. बाध्यतासूचक वृतिकि क्रियाएँ — Pgs. 138 संदर्भ-ग्रंथ (Bibliography) — Pgs. 280
11. अंग्रेजी-हिंदी वाच्य-व्यवस्था (Voice in English-Hindi) — Pgs. 141 पारिभाषिक शदावली (हिंदी-अंग्रेजी) (Technical 
11.1. वाच्य का स्वरूप — Pgs. 141 Terms (Hindi-English)) — Pgs. 288
11.2. अंग्रेजी में कर्मवाच्य — Pgs. 142 अंग्रेजी शब्द-अनुक्रमणिका (English Word Index) — Pgs. 298

 

The Author

Suraj Bhan Singh

प्रो. सूरजभान सिंह प्रख्यात भाषाविद‍्, शिक्षाविद‍्। अंग्रेजी, हिंदी और भाषाविज्ञान विषयों में एम.ए., दिल्ली विश्‍वविद्यालय से भाषाविज्ञान में पी-एच.डी. की उपाधि। जन्म 1936, देहरादून में। सन् 1988 से 1994 तक वैज्ञानिक और तकनीकी शब्दावली आयोग के अध्यक्ष। इससे पर्वू 1995 तक केंद्रीय हिंदी संस्‍थान में भाषाविज्ञान के प्रोफेसर और दिल्ली केंद्र के प्रभारी। 1989-90 में केंद्रीय निदेशालय के निदेशक का अतिरिक्‍त दायित्व। 1997 से सी-डैक (संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय) में सलाहकार। सन् 1978 से 1983 तक चार वर्ष बुखारेस्त विश्‍वविद्यालय, रोमानिया में विजिटिंग प्रोफेसर; 1983 में हिंदी शिक्षण-सामग्री विशेषज्ञ के रूप में पेरिस विश्‍वविद्यालय, फ्रांस गए। 1996 में पेंसिलवानिया विश्‍वविद्यालय, अमरीका में अतिथि विद्वान् जहाँ मशीन अनुवाद के लिए हिंदी का एक कंप्यूटर व्याकरण विकसित किया। बारह से अधिक पुस्तकें और सौ से अधिक शोध लेख देश-विदेश से प्रकाशित, दो पुस्तकें फ्रांस से और दो पुस्तकें रोमानिया से प्रकाशित। चर्चित पुस्तकें —‘हिंदी का वाक्यात्मक व्याकरण’ (1985), ‘हिंदी भाषा-संरचना और प्रयोग’ (1991), 'Manual de Hindi a I'usage de Francophones' (1986), paris University। सन् 1991 में हिंदी अकादमी, दिल्ली और 1992 में उत्तर प्रदेश सरकार, लखनऊ से पुरस्कार-सम्मान प्राप्‍त। सन् 2000 में महामहिम राष्‍ट्रपति द्वारा भारत सरकार के ‘आत्माराम पुरस्कार’ से सम्मानित।

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