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Vikas Ke Path   

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Author Nitin Gadkari
Features
  • ISBN : 9788173159138
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more
  • Kindle Store

More Information

  • Nitin Gadkari
  • 9788173159138
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2015
  • 376
  • Hard Cover

Description

नागपुर शहर में राजनीति में पहला कदम रखनेवाले नितिन गडकरी जब देश के राजनीतिक केंद्र नई दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष पद की बागडोर सँभालने के लिए आए, तब राजनीतिक दलों में चर्चा का विषय था कि कौन हैं नितिन गडकरी? इसका उत्तर देती है यह कृति ‘विकास के पथ...’।
नागपुर की गली-मोहल्लों में पोस्टर चिपकवानेवाला यह नेता राजधानी नई दिल्ली आकर देश के मुख्य विपक्षी दल का अध्यक्ष बना, लेकिन उनकी वाक् शैली, उनके व्यवहार से कभी नहीं लगा कि जमीन से जुड़े आदमी से किसी मायने में अलग हैं। अपनी सरल-सौम्यता के कारण वे वरिष्‍ठ नेताओं और साधारण कार्यकर्ताओं से अटूट संबंध रखते हैं। किसी भी क्षेत्र में सफलता के लिए अनुभव, कर्तव्यनिष्‍ठा और काम के प्रति समर्पण—ये सभी गुण तो चाहिए ही होते हैं। लेकिन एक और बात जरूरी होती है और वह है विशाल हृदय, जो श्री गडकरी के पास है। स्पष्‍टवादिता, प्रामाणिकता, समय पर खरा-खरा कहने की क्षमता तथा विशाल हृदय ही उनकी विशिष्‍ट पहचान है।
विकास के मार्ग पर चलते हुए ही गडकरी नागपुर से नई दिल्ली तक आए हैं। नितिनजी के भाषणों का संकलन ‘विकास के पथ’ नामक पुस्तक के रूप में प्रकाशित हुआ है। महाराष्‍ट्र विधान परिषद् में उनके जिन भाषणों में राष्‍ट्रीय संदर्भ हैं, ऐसे कुछ भाषणों और भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष होने के बाद अलग-अलग मंचों से दिए गए 24 भाषणों का संकलन वास्तव में सही अर्थों में उनके व्यक्‍तित्व की पहचान प्रस्तुत करेगा, ऐसा हमारा विश्‍वास है।
विकास को राष्‍ट्रोत्थान का मूलमंत्र माननेवाले श्री नितिन गडकरी के प्रेरक तथा व्यावहारिक विचारों का प्रेरणास्पद संकलन।

The Author

Nitin Gadkari

सन् 1975 में देश में 19 महीने चले आपातकाल के विरोध में संघर्षरत एक 19 वर्षीय युवक, नितिन गडकरी। आयु के 22वें वर्ष में विदर्भ प्रदेश विद्यार्थी परिषद् के सचिव नियुक्‍त; 1981 में नागपुर भारतीय जनता युवा मोर्चा के अध्यक्ष; 1985 में नागपुर भाजपा के मंत्री एवं 1988 में महामंत्री; 1989 में महाराष्‍ट्र विधान परिषद् के लिए निर्वाचित, लगातार चार बार विधान परिषद् के लिए चुने गए। महाराष्‍ट्र भाजपा के महामंत्री के बाद भाजपा-शिवसेना गठबंधन सरकार में लोक निर्माण मंत्री तथा 1999 से विधान परिषद् में विपक्ष के नेता। 2004 में महाराष्‍ट्र भाजपा के अध्यक्ष और 2009 से भारतीय जनता पार्टी के राष्‍ट्रीय अध्यक्ष।
27 मई, 1957 को नागपुर में जन्म; नागपुर विश्‍वविद्यालय से एम.कॉम., एल-एल.बी. और डी.बी.एम. की पढ़ाई करते हुए विद्यार्थी आंदोलनों में सक्रिय।
सन् 1984 में श्रीमती कांचन के साथ विवाह संपन्न हुआ। उनके दो पुत्र क्रमश: निखिल और सारंग तथा एक पुत्री केतकी है।
किसानों की स्थिति सुधारने के लिए जैविक ईंधन, नए तकनीकी ज्ञान का उपयोग, आधुनिक तरीके से बीजारोपण व उसके लिए कार्यशाला, प्रदर्शनी आदि का आयोजन करते हुए उन्होंने सौर ऊर्जा तथा जैविक ईंधन की परियोजनाएँ निजी रूप में कार्यान्वित कीं।

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