Prabhat Prakashan, one of the leading publishing houses in India eBooks | Careers | Events | Publish With Us | Dealers | Download Catalogues
Helpline: +91-7827007777

Ujali Dhoop   

₹200

Out of Stock
  We provide FREE Delivery on orders over ₹1500.00
Delivery Usually delivered in 5-6 days.
Author Rashmi Gaur
Features
  • ISBN : 9789384343316
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more
  • Kindle Store

More Information

  • Rashmi Gaur
  • 9789384343316
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2015
  • 144
  • Hard Cover

Description

इस देश में कथा-कहानियों की परंपरा विश्व में सबसे प्राचीन है। घर के बड़े-बुजुर्ग कथा-कहानियों के माध्यम से बच्चों की माँग पूरी करते हैं, साथ-ही-साथ उन्हें मनोरंजक बनाकर सुनाते भी हैं।

इस कहानी-संग्रह में मुख्यतः बुजुर्ग वर्ग की पीड़ा बयाँ करती कहानियाँ हैं। 21वीं सदी की पीढ़ी बड़ी बेसब्री की हद तक महत्त्वाकांक्षी हो रही है। सबकुछ लेटेस्ट चाहिए उन्हें! बड़ी-से-बड़ी गाड़ी, लेटेस्ट फोन, टेबलेट, घडि़याँ आदि। इस दौड़ में वे माँ-बाप को भूल जाती हैं, जिन्होंने उन्हें इस लायक बनाया है। ‘चिट्ठी आई है’, ‘डी.एन.ए.’, ‘धोबी का कुत्ता’ कहानियाँ नहीं हैं, हकीकत हैं, आज का सच हैं। ‘फरिश्ता’, ‘दादी : एक युग’, ‘उलटी पट्टी’ हलकी-फुलकी चुटकियाँ हैं। ‘उजली धूप’ जीवन-संध्या की समस्या को लेकर है, वहीं टॉप करने की धुन में जीवन गँवानेवाली प्यारी सी बच्ची की मार्मिक दास्तान है ‘हजारों चाँद’।

अत्यंत मर्मस्पर्शी एवं पठनीय कहानियाँ, जो पाठक के अंतर्मन को छू लेंगी।

The Author

Rashmi Gaur

श्रीमती रश्मि गौड़ का जन्म उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में हुआ। सन् 1959 में पिता श्री आनंद प्रकाश जैन ‘पराग’ के प्रधान संपादक होकर मुंबई चले गए, अत: इनकी शिक्षा-दीक्षा मुंबई में साहित्यिक परिवेश में हुई। विवाहोपरांत पुन: उत्तर प्रदेश में आकर बस गईं। पति श्री एस.पी. गौड़ उ.प्र. संवर्ग के आई.ए.एस. अधिकारी रहे, अत: सेवाकाल में काफी घूमना हुआ; खट्टे-मीठे अनुभवों के साथ जिंदगी चलती रही। कालांतर में अपने दोनों पुत्रों के बड़े होने पर अपने अंतर्मन की कोमल भावनाओं को कागज पर उतारा। सन् 1993 में पहली कहानी ‘गठरी’ ‘सरिता’ में छपी। उसके बाद ‘साहित्य अमृत’, ‘मुक्‍ता’ जैसी राष्‍ट्रीय पत्रिकाओं में अनेक कहानियाँ प्रकाशित हुईं। कुछ बाल कहानियाँ दिल्ली के पाठ्यक्रम में ‘रैपिड रीडर’ में संकलित हैं। ‘आधी दुनिया’ कहानी संग्रह सन् 2006 में ‘विद्या विहार’ से प्रकाशित हुआ, जो खूब सराहा गया।

Customers who bought this also bought

WRITE YOUR OWN REVIEW